चंडीगढ़ के सेक्टर 33 में बैसमैंट की खुदाई मामला
पुलिस ने लापरवाही के आरोप में ठेकेदार को किया गिरफ्तार
बाबूशाही ब्यूरो
चंडीगढ़। चंडीगढ़ के सेक्टर 33 में बैसमैंट की खुदाई करते हुए पडौसी के मकान की दिवार गिरने के मामले में पुलिस ने ठेकेदार को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने मकान मालिक की शिकायत पर ठेकेदार के खिलाफ मामला दर्ज कर किया था। पुलिस ने किसी इमारत को गिराने, उसकी मरम्मत करने या निर्माण करने के संबंध में लापरवाहीपूर्ण काम करने के आरोप में किरणजीत सिंह निवासी # 332, सेक्टर 33/ए चंडीगढ़ की शिकायत पर सेक्टर 34 चंडीगढ़ पुलिस स्टेशन में एफआईआर नंबर 181 यू/एस 290,125,324(4),324(5),3(5) बीएनएस के तहत मामला दर्ज किया था। शिकायतकर्ता के घर की तरफ से काफी नुकसान हुआ था। पुलिस ने बताया की लापरवाही के कारण यह मामला हुआ है। मामला दर्ज होने के बाद ठेकेदार फरार हो गया था।
दिवार गिरने से साथ में खड़ी कार भी बेसमैंट में गिरने से बच गई थी। प्राप्त जानकारी के अनुसार अवैध खुदाई के कारण हुए हादसे ने प्रशासन और ठेकेदारों की लापरवाही पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए थे। मकान नंबर 332 के पास चल रही चार महीने की अवैध अंडरग्राउंड खुदाई के दौरान सुरक्षा मानकों की अनदेखी के कारण तीन पेड़ गिर गए थे। यह घटना 19 नवम्बर रात 10 बजे की बताई जा रही है। , जिससे स्थानीय निवासियों में दहशत फैल गई थी हालांकि, किसी प्रकार की जनहानि नहीं हुई थी, लेकिन यह घटना एक बड़े हादसे का संकेत दे रही है।
मामला सैक्टर सेक्टर 33, चंडीगढ़ मकान नंबर 332 का था। अवैध खुदाई और ठेकेदार की लापरवाही के कारण पडोसी के मकान की चारदीवारी के पास तीन पेड़ गिर गए थे। घटना के बाद, स्थानीय निवासियों ने तुरंत कंट्रोल रूम और एरिया पार्षद अंजू कटयाल को सूचित किया था।
पडोसियों ने मामलें में ठेकेदार की लापरवाही को जिम्मेदार ठहराया था। बताया जा रहा है कि यह निर्माण बिना अनुमति के चल रहा था। सुरक्षा मानकों की अनदेखी और प्रशासन की चूक पर नाराजगी जताई। ठेकेदार और संबंधित अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया था। निवासियों की मांग करते हुए कहा था कि अवैध निर्माणों पर भारी जुर्माना लगाया जाए। निर्माण स्थलों की नियमित जांच सुनिश्चित की जाए। प्रशासन और ठेकेदार पर सवाल करते हुए यह घटना प्रशासन की निगरानी प्रणाली में खामियों को उजागर करती है। अगर निर्माण गतिविधियों पर समय-समय पर सख्त निगरानी होती, तो इस तरह की घटनाओं को रोका जा सकता था। बिना अनुमति के खुदाई का चार महीने तक चलना प्रशासनिक लापरवाही को दर्शाता है। संबंधित ठेकेदार और अधिकारियों की जवाबदेही तय की जाए। भविष्य में इस प्रकार के अवैध कार्यों को रोकने के लिए सख्त नियम लागू किए जाएं। निवासियों को अवैध निर्माणों की रिपोर्ट करने के लिए प्रोत्साहित किया जाए।
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