प्रशासक यूटी चंडीगढ़ गुलाब चंद कटारिया ने एमसी हाउस मीटिंग को किया संबोधित
प्रशासक ने निगम को घाटे से उभारने का पढाया पाठ
निगम राजस्व बढ़ाने और खर्चों में कटौती करने की दिशा में कर रहा काम -कमिश्नर
रमेश गोयत
चंडीगढ़, 23 नवंबर। पंजाब के राज्यपाल और यूटी चंडीगढ़ के प्रशासक गुलाब चंद कटारिया ने सिटी ब्यूटीफुल के विभिन्न ज्वलंत मुद्दों पर चर्चा करने के लिए नगर निगम चंडीगढ़ हाउस मीटिंग में भाग लिया। शहर के मेयर कुलदीप कुमार ने मुख्य अतिथि गुलाब चंद कटारिया का स्वागत किया और एमसी चंडीगढ़ के दायरे में आने वाली गतिविधियों के विभिन्न क्षेत्रों जैसे कि सड़कें, उद्यान, सीवरेज, शौचालय और अन्य क्षेत्रों के बारे में जानकारी दी। एमसी कमिश्नर अमित कुमार, आईएएस ने पिछले पांच वर्षों में प्राप्त अनुदान सहायता के बारे में संक्षिप्त प्रस्तुति दी, जिसमें समय के अनुसार पूंजीगत और राजस्व मद के तहत व्यय; वार्षिक संचालन और रखरखाव लागत शामिल थी। एमसी कमिश्नर ने यह भी कहा कि निगम राजस्व बढ़ाने और खर्चों में कटौती करने की दिशा में काम कर रहा है। उन्होंने वित्तीय बोझ से बाहर आने के लिए चंडीगढ़ प्रशासन से सकारात्मक हस्तक्षेप का भी अनुरोध किया।
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एमसी हाउस के भीतर कार्य समितियां बनाई जाए
प्रशासक ने सभी पार्षदों का परिचय लिया, अपने लंबे राजनीतिक जीवन के अनुभवों को साझा किया और कहा कि एक बार निर्वाचित होने के बाद पार्षद आम जनता का होता है। उन्होंने कहा कि इस दौरे का उद्देश्य एमसी हाउस के मुद्दों को सुनना, उन्हें समझना और समाधान खोजने में मदद करना है। प्रशासक ने सलाह दी कि सदन की दक्षता बढ़ाने के लिए विभिन्न महत्वपूर्ण विषयों पर एमसी हाउस के भीतर कार्य समितियां बनाई जा सकती हैं। प्रशासक ने ऐसे संबंधित मामलों पर चर्चा करने और समाधान खोजने में उनकी विशेषज्ञता का उपयोग करने के लिए प्रतिभाशाली सेवानिवृत्त अधिकारियों और विशेषज्ञों को स्वेच्छा से शामिल करने का भी सुझाव दिया। समग्र दृष्टिकोण देते हुए प्रशासक ने कहा कि चंडीगढ़ में राजस्व सृजन की क्षमता बढ़ाने के लिए हमें विश्व स्तरीय शिक्षा सुविधाएं बनाने, चिकित्सा पर्यटन को बढ़ावा देने और राष्टÑीय अंतरराष्टÑीय स्तर पर नियमित रूप से खेल प्रतियोगिताओं का आयोजन करने की आवश्यकता है।
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निगम का तीसरे पक्ष से आॅडिट करवाए
प्रशासक ने यह भी कहा कि एमसी के तहत सभी परियोजनाओं के लिए तीसरे पक्ष से आॅडिट किया जा सकता है। प्रशासक ने कहा कि सबसे महत्वपूर्ण राजस्व स्रोतों में से एक संपत्ति कर है और इसलिए, संपत्ति का मूल्यांकन समय-समय पर किया जाना चाहिए। प्रशासक ने शहर से गुजरने वाले यातायात को कम करने के लिए रिंग रोड प्रस्ताव पर जोर दिया। उन्होंने केंद्र से धन प्राप्त करने के लिए इस संबंध में हरसंभव मदद का आश्वासन दिया। प्रशासक ने सभी पार्षदों को आश्वस्त किया कि भविष्य में भी वे बैठक कर महत्वपूर्ण मुद्दों, विचारों और समाधानों पर चर्चा कर सकते हैं। उन्होंने जन कल्याण के लिए हर तरह से सहयोग का आश्वासन दिया।
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इनफोर्समैंट व फायर विंग पर भ्रष्टाचार के आरोप
चंडीगढ़ नगर निगम की इनफोर्समैंट व फायर विंग पर हर मिंटिंग में भ्रष्टाचार के आरोप लगते है। मगर कोई भी सुधार नही है। पिछल्लें दिनो 2 फायर अधिकारी सीबीआई ने फायर एनओसी के लिए रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार किया था। शिकायतकर्ता ने मोटी रिश्वत मांगने का आरोप लगाया था। शहर में बिना फायर एनओसी के कोई भी व्यापार नही खोल सकते है। इस बात का अंदाजा सैक्टर 26 के बैक कोरिडोर में बने बार रैस्टोरेंट से लगाया जा सकता है। एक शौ रूम में फायर की कितनी एनओसी जारी की जा रही है। फायर विंग की कार्यप्रणाली से चंडीगढ़ प्रशासन के अधिकारी भी परेशान है। पिछल्लें एक साल से अधिक समय से सरकारी भवनों को आॅब्जेक्शन लगाकर फायर एनओसी जारी नही की जा रही है। प्रशासन की बिल्डिंग पुराने बिल्डिंग कोड़ के तहत बनी हुई है। मगर अब फायर विभाग नए कोड के तहत फाईल चला रहा है। जिसके तहत सिटको के किसी भी होटल के पास आज की तारीख में फायर एनओसी नही है। बिना फायर एनओसी के चल रहे है। एडिशनल फायर अधिकारी का पद पिछल्ले काफी सालों से खाली पड़ा है। नगर निगम में फायर मैन बाबू गिरी कर रहे हे। जिसके कारण फायर स्टेशनो का कार्य बाधित हो रहा है। मेयर के आदेशों के बाद भी उन्हे रिलिव नही किया जा रहा है
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नॉन वैंडिग जोन में रेहडी-फडी का कब्जा
वही हॉल निगम की इनफोर्समैंट विंग का है, नॉन वैंडिग जोन में रेहडी-फडी का कब्जा है। सैक्टर 17 व अन्य सैक्टर नॉन वैंडिग जोन एरिया में बुरा हाल है। लेक एरिया में भी रेहडी-फडी हटने का नाम नही ले रही है। पार्षद सौरभ जोशी ने भी प्रशासक के सामने नगर निगम अधिकारियों पर भ्रष्टÑाचार के गंभीर आरोप लगाए। जोशी ने कहा कि अवैध वेंडरों से अधिकारियों द्वारा रिश्वत ली जा रही है, जिससे शहर में अवैध वेंडरों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। जोशी ने यह भी दावा किया कि अवैध वेंडर का पैसा नगर निगम के खजाने में जमा होने के बजाए अधिकारियों की जेब में जा रहा है। उन्होंने कहा कि नगर निगम की आय पर डाका डाला जा रहा है और आम जनता को इसका खामियाजा भुगतना पड़ रहा है। सदन में इस मुद्दे को लेकर तीखी बहस हुई। कई पार्षदों ने इस आरोप की जांच कराने की मांग की। प्रशासक ने मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच के आदेश देने का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि भ्रष्टÑाचार किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। दोषी पाए जाने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
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वित्तिय संकट के नाम पर भी गौरखधंधा
नगर निगम में वित्तिय संकट के नाम पर भी गौरखधंधा चल रहा है। ठेकेदारों को कार्य करने के बाद पैंमेंट लेने के लिए एक बड़े संकट से गुजरना पड रहा है। एक ठेकेदार ने नाम नही छापने की शर्त पर बताया कि वित्तिय संकट के नाम पर एकाउंट ब्रांच वाले पैंमेंट रोककर बैठ जाते है, जो ठेकेदार सेवा-पानी कर देता है, उसकी पहले पैंमेंट कर दी जाती है। टोकन की तारीख व नम्बर की कोई अहमियत नही। उधर एकाउंट ब्रांच के एक एसओ ने इस आरोप को स्वीकार करते हुए कहा कि हम ठेकेदारों की पैमेंट ज्वाइंट कमीशनर सोढ़ी साहब के कहने पर आगे-पीछे करते है।
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