अरबों रुपये कर दिए खर्च फिर भी पीने को नहीं मिल रहा शुद्ध पानी: कुमारी सैलजा
दूषित पानी की समस्या से जूझ रहीं है प्रदेश की स्मार्ट और मिलेनियम सिटी तक
रमेश गोयत
चंडीगढ़, 10 नवंबर।
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव, पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं सिरसा की सांसद कुमारी सैलजा ने कहा कि आरओ पेयजल की आपूर्ति का दावा करने वाले प्रदेश सरकार लोगों को शुद्ध पेयजल तक उपलब्ध नहीं करवा पा रही है, लोग दूषित पानी पीने को मजबूर है या लोग पानी खरीदकर पी रहे है। स्मार्ट सिटी और मिलेनियम सिटी तक दूषित पानी की समस्या से जूझ रहे हैं। अधिकतर जगहों पर पीने के पानी की जांच करवाई जा रही है, सिरसा में अधिकतर स्थानों पर पानी पीने योग्य नहीं पाया गया। कही पर टीडीएस ज्यादा है या पानी दूषित है। लोगों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध करवाने की दिशा में ठोस कदम उठाना चाहिए।
मीडिया को जारी बयान में कुमारी सैलजा ने कहा है कि प्रदेश के अधिकतर जिलों में दूषितज पेयजल आपूर्ति की बात सामने आ रही है लोग जगह जगह प्रदर्शन कर रहे है। जनस्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी विभाग पेयजल और सीवरेज पर अरबों रुपये खर्च कर रहा है पर धरातल पर तस्वीर बदलती दिखाई नहीं दे रही है। स्टार्ट सिटी पंचकूला, फरीदाबाद और करनाल में सरकार 500-500 करोड़ रुपये खर्च कर चुकी है पर वहां के हालात आज भी नहीं बदले है, कूडा प्रबंधन का कोई उचित प्रबंध नहीं किया गया है मिलेनियम सिटी गुरुग्राम का हाल किसी से छुपा नहीं है। शिकायत मिलने पर सरकार पीने के पानी के सैंपल लेकर जांच करवाती है जांच में नमूने फेल मिलते है इसके बाद क्या करना है क्या नहीं करना विभाग भूल जाता है यानी लोगों को अपने ही हॉल पर छोड़ दिया जाता है। उन्होंने कहा कि सिरसा शहर को आरओ वॉटर की आपूर्ति के लिए अब तक करीब 300 करोड़ रुपये खर्च कर दिए गए होंगे, आधी आबादी आज भी नलकूप का पानी पीने को मजबूर है, यह पानी पीने योग्य नहीं है, कही टीडीएस बहुत ज्यादा है तो कही पर सीवरेज युक्त पानी की आपूर्ति हो रही है। अधिकतर वार्ड में पानी के नमूने फेल पाए जा रहे है।
उन्होंने कहा कि सिरसा शहर की कई कालोनियों में नागरिकों को गंदा पानी पीने को मजबूर होना पड़ रहा है। पानी इतना गंदा है कि उसमें दुर्गंध आ रही है और स्वाद भी बदल गया है, जिससे जल जनित बीमारियों का खतरा बढ़ गया है। स्थानीय विधायक गोकुल सेतिया भी करीब दूषित पेयजल की करीब 375 शिकायतें संबंधित अधिकारियों को सौंप चुके है पर विभागीय अधिकारी कर्मचारियों की कमी का रोना रो रहे है यानि जब तक कर्मचारी पूरे नहीं होंगे शहर की जनता दूषित पानी पीती रहेगी। यहीं वजह है कि समस्या जस की तस बनी हुई है। प्रदेश के कई जिलों में लोगों को मजबूरी में बाजार से खरीदकर पानी पीना पड़ रहा है। जो लोग बाजार से पानी खरीदने में असमर्थ हैं, वह मजबूरी में गंदे पानी को पी रहे हैं। पानी पीने के बाद लोग बीमार हो रहे हैं। स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है।
डेंगू तेजी से पसार रहा है पांव, फॉगिंग कब होगी पता नहीं
बदलते मौसम के साथ ही इन दिनों डेंगू के केस भी बढ़ते जा रहे हैं। हरियाणा में भी हर दिन डेंगू के मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है। पंचकूला इन दिनों हॉटस्पॉट बना हुआ है। फरीदाबाद, करनाल, हिसार में लगातार केस बढ़ रहे हैं। इतना सब कुछ होने के बावजूद प्रशासन अभी फॉगिंग पर विचार कर रहा है, कई जिलों में अभी तक फॉगिंग तक नहीं की गई है। डेंगू की रोकथाम को लेकर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की बैठक होती है, कागजों में कार्रवाई पूरी कर दी जाती है, धरातल पर कुछ नहीं होता।
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