डी.ए.पी. खाद की जमाखोरी और कालाबाजारी पर प्रशासन की है कड़ी नजर
डिप्टी कमिश्नर द्वारा ए.डी.सी., एस.डी.एम. और कृषि अधिकारियों के साथ खाद विक्रेताओं और सहकारी सभाओं की जांच
डी.ए.पी. खाद की जमाखोरी और कालाबाजारी करने वालों के खिलाफ की जाएगी कार्रवाई - विशेष सारंगल
बुवाई से पहले किसानों को आवश्यक मात्रा में डी.ए.पी. उपलब्ध करवाई जाएगी, किसान न घबराएं - विशेष सारंगल
किसानों को खाद, कीटनाशक रसायन या बीज खरीदते समय दुकानदार से बिल अवश्य लेने की सलाह
किसान 1100 पर कॉल कर या व्हाट्सएप नंबर 98555-01076 पर संदेश भेजकर भ्रष्ट गतिविधियों में शामिल डीलरों के खिलाफ शिकायत दर्ज करवा सकते हैं
मोगा, 10 नवंबर, 2024:
जिला मोगा के किसानों के लिए डी.ए.पी. खाद की उपलब्धता सुनिश्चित करने हेतु डिप्टी कमिश्नर विशेष सारंगल ने जिले के समस्त ए.डी.सी., एस.डी.एम. और कृषि विभाग के अधिकारियों के साथ आज जिले के खाद विक्रेताओं, डीलरों और सहकारी सभाओं की जांच की। इस जांच का मुख्य उद्देश्य था कि कोई भी खाद विक्रेता डी.ए.पी. खाद का भंडारण न करे और किसानों को खाद के लिए कोई समस्या न हो।
इस दौरान जानकारी देते हुए डिप्टी कमिश्नर ने कहा कि वह खुद खाद विक्रेताओं के स्टॉक की जांच के लिए औचक दौरे जारी रखेंगे और सभी एस.डी.एम. भी अपनी सब-डिवीजन में खाद विक्रेताओं के स्टॉक की जांच करते रहेंगे। उन्होंने कृषि विभाग के अधिकारियों को भी निर्देश दिया कि यदि किसी खाद विक्रेता द्वारा जमाखोरी या कालाबाजारी की जाती है, तो उसके खिलाफ तत्काल कार्रवाई की जाए। किसानों को मीटिंग/सेमिनार/कैम्प/सोशल मीडिया आदि के माध्यम से डी.ए.पी. के विकल्पों के बारे में जानकारी दी जाए ताकि वे वैकल्पिक स्रोतों का भी उपयोग कर सकें।
डिप्टी कमिश्नर श्री विशेष सारंगल ने किसानों से अपील की है कि वे खाद, कीटनाशक रसायन या बीज खरीदते समय दुकानदार से बिल अवश्य लें और यदि कोई डीलर बिल देने से मना करता है तो उसकी लिखित शिकायत संबंधित ब्लॉक कृषि अधिकारी या मुख्य कृषि अधिकारी से करें। उन्होंने कहा कि जांच के दौरान यदि कोई दुकानदार बिना बिल के खाद, दवाई या बीज बेचता पाया गया, तो उस पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने बीज विक्रेताओं को भी निर्देश दिया है कि वे खाद, कीटनाशक रसायन या बीज बेचते समय किसानों को अनावश्यक वस्तुएं न दें। उन्होंने स्पष्ट किया कि खाद, कीटनाशक रसायन या बीज की कालाबाजारी करने वाले दुकानदार या अन्य कोई भी पक्ष बख्शा नहीं जाएगा। दोषी पक्षों को मिसाल के रूप में सजा और जुर्माना दिलवाया जाएगा।
उन्होंने कहा कि अनावश्यक रसायनों को खाद के साथ टैग करके जबरन बेचना या खाद को अधिक कीमत पर बेचना या खाद की कालाबाजारी करना कानूनी अपराध है और ऐसी गलत गतिविधियों में शामिल किसी भी व्यक्ति के खिलाफ फर्टिलाइजर कंट्रोल ऑर्डर, 1985 और आवश्यक वस्तु अधिनियम, 1955 की धाराओं के तहत सख्त कार्रवाई की जाएगी।
उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार ने डाय-अमोनियम फॉस्फेट (डी.ए.पी.) या अन्य खादों के साथ गैर-आवश्यक रसायनों की अवैध टैगिंग में शामिल किसी भी कीटनाशक डीलर के खिलाफ रिपोर्ट के लिए किसानों हेतु हेल्पलाइन नंबर जारी किए हैं। किसान इन नंबरों पर डी.ए.पी. खाद की वास्तविक कीमत से अधिक राशि वसूली, अवैध जमाखोरी या कालाबाजारी जैसी समस्याओं की रिपोर्ट भी कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि भ्रष्ट गतिविधियों में शामिल कीटनाशक डीलरों के खिलाफ किसान हेल्पलाइन नंबर 1100 पर कॉल करके या संपर्क नंबर 9855501076 पर व्हाट्सएप संदेश भेजकर शिकायत दर्ज कर सकते हैं।
उन्होंने कहा कि किसानों की भलाई के लिए जिला प्रशासन प्रतिबद्ध है। संपूर्ण जिला प्रशासन किसानों की समस्याओं के समाधान के लिए 24 घंटे तैनात है। उन्होंने कहा कि बुवाई से पहले किसानों को आवश्यक मात्रा में डी.ए.पी. उपलब्ध करवा दी जाएगी। किसान किसी भी प्रकार की चिंता न करें।
डॉ. सुखराज कौर दियोल, मुख्य कृषि अधिकारी मोगा ने किसानों से अपील की कि वे गेहूं की बुवाई के लिए बाजार में उपलब्ध अन्य फॉस्फेटिक खादों का उपयोग करके फसल की बुवाई समय पर करें। उन्होंने बताया कि वर्तमान में डी.ए.पी. के अलावा ट्रिपल सुपर फॉस्फेट 46% खाद की आपूर्ति गेहूं की बुवाई के लिए की जा रही है। विभाग द्वारा लगातार खाद आपूर्तिकर्ता कंपनियों के साथ तालमेल करके जिले में फास्फोरस खाद की कमी को पूरा करने के प्रयास किए जा रहे हैं।
उन्होंने बताया कि डी.ए.पी. से 18% नाइट्रोजन और 46% फॉस्फोरस तत्व की प्राप्ति होती है, इसके विकल्प के रूप में बाजार में सीधे फॉस्फेटिक खादें और एन.पी.के. कॉम्प्लेक्स खादें उपलब्ध हैं, जिनमें मुख्य रूप से ट्रिपल सुपर फॉस्फेट खाद है जिसमें 46% फॉस्फोरस तत्व है। यदि ट्रिपल सुपर फॉस्फेट 46% खाद का उपयोग करना हो तो इसके साथ 20 किलोग्राम यूरिया खाद प्रति एकड़ बुवाई के समय प्रयोग की जा सकती है, जिससे डी.ए.पी. खाद के बराबर मात्रा में नाइट्रोजन और फॉस्फोरस तत्व की पूर्ति की जा सकती है। या फिर बुवाई के समय प्रति एकड़ 20 किलोग्राम यूरिया खाद और 155 किलोग्राम सिंगल सुपर फॉस्फेट 16% (फॉस्फोरस) खाद का उपयोग गेहूं की फसल में नाइट्रोजन और फॉस्फोरस तत्व की पूर्ति के लिए किया जा सकता है।
इसके अतिरिक्त एन.पी.के. खादें जिनमें नाइट्रोजन, फॉस्फोरस और पोटाश तत्व होते हैं जैसे कि एन.पी.के. 16-16-16, एन.पी.के. 15-15-15, एन.पी.के. 12-32-16, 10-26-26 और यूरिया अमोनियम फॉस्फेट 24-24-0, अमोनियम फॉस्फेट सल्फेट 20-20-0-13 का उपयोग भी किया जा सकता है।
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