13 साल का हुआ बाबूशाही नेटवर्क Babushahi Network -11 नवंबर 2024 को
Founder संपादक बलजीत बल्ली ने खट्टे-मीठे अनुभव साझा किए
Babushahi Hindi बाबूशाही हिंदी शुरू करने की घोषणा
बाबूशाही ब्यूरो
चंडीगढ़, 11 नवंबर 2024:
तिरछी नजर मीडिया द्वारा शुरू की गई वेबसाइट बाबूशाही.कॉम ने आज 13 साल पूरे कर लिए हैं। 11 नवंबर, 2011 को तिरछी नज़र मीडिया के संस्थापक बलजीत बल्ली द्वारा बाबूशाही.कॉम को अंग्रेजी और पंजाबी में दोभाषी न्यूज़ पोर्टल के रूप में लॉन्च किया गया था। संपादक बलजीत बल्ली ने इन 13 वर्षों में बाबूशाही को पाठकों और दर्शकों से मिले अथाह प्यार , सहियोग और सहायता के लिए सभी का धन्यवाद किया है।
बाबूशाही: 13 साल का सफर-खट्टे-मीठे अनुभव-फिर भी..
मैं राहां ते नहीं चलदा
मैं चलदा तां राह बनदे
मुझे नहीं पता कि सुरजीत पातर की ये पंक्तियाँ किस वर्ष लिखी गईं, लेकिन वे 2011 में डिजिटल समाचार मीडिया के क्षेत्र में बाबूशाही.कॉम शुरू करने के मैं और मेरे सहयोगियों के जोखिम भरे और महत्वाकांक्षी उद्यम के लिए यह बिलकुल प्रासंगिक हैं।
प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में 31 साल के लंबे सफर के बाद 13 साल पहले 11 नवंबर 2011 कोअपने कुछ साथियों की मदद से डिजिटल न्यूज़ मीडिया में कदम रखा था। यह वह समय था जब स्मार्ट फोन लोकप्रिय नहीं थे, नेट की स्पीड बहुत धीमी थी। उस समय सिर्फ 2G सिस्टम था, कोई WhatsApp भी नहीं था. डिजिटल ऑनलाइन समाचार वेबसाइट का कॉन्सेप्ट बहुत स्पष्ट नहीं था , न ही लोकप्रिय था। उस समय डिजिटल मीडिया प्लेटफॉर्म चलाना बहुआयामी चुनौतियां थीं।
13 साल की उम्र अभी भी छोटी उम्र है, लेकिन मुझे, मेरे परिवार और बाबूशाही टीम (पूर्व सदस्यों सहित) को इस बात पर गर्व है कि, बहुत सीमित संसाधनों, उबड़-खाबड़ रास्ते और धुंदले परिदृश्य के बावजूद, हमारा यह उद्यम पंजाब, उत्तर भारत और गलोबल पंजाब में लॉन्च किया गया। इस किशोर अवस्था में भी "ब्रांड बाबूशाही" ( Brand Babushahi ) के रूप में स्थापित होने में सफलता हासिल की।
PDF https://drive.google.com/file/d/18lUfInnbduWIEppzWGa-yZXOUtMWwa3r/view?usp=sharing
बहुत छोटी सी टीम के साथ, बाबूशाही नेटवर्क एक विश्वसनीय और पेशेवर डिजिटल समाचार मीडिया प्लेटफॉर्म, समाचार जगत में टेक युग के समकक्ष के रूप में अपनी नई पहचान स्थापित करने में सफल रहा है। हम इस बात से बहुत संतुष्ट हैं कि लोग समाचार मीडिया के रूप में बाबूशाही नेटवर्क पर भरोसा करते हैं। कुछ समय पहले हमने इस उद्यम को आगे लिफ्ट हुए लाते हुए विजुअल मीडिया में भी कदम रखा और बाबूशाही टाइम्स के नाम से वेब चैनल शुरू किये।
इन 13 सालों में बहुत कुछ बदल गया है - ऐसा लगता है मानो एक युग बदल गया हो।
अब पूरे मीडिया का नजरिया, उसका कंटेंट, रंग-रूप , कार-विहार और शैली बदल गई है. पत्रकारिता में प्रिंट और टीवी मीडिया के साथ-साथ डिजिटल और ऑनलाइन मीडिया भी बेहिसाब हो गया है।
न्यूज़ मीडिया पे फेसबुक ,ट्विटर, इंस्टा और बाकि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मज़ का प्रभाव काफी बढ़ गया है. इस युग में सभी प्रकार के मीडिया के लिए विश्वसनीयता एक बड़ा मुद्दा बन गया है. समाचार जगत में मीडिया को व्यापार बना कर मुनाफे के लिए चलाने और एक-दूसरे से आगे निकलने और पाठक संख्या या दर्शक संख्या बढ़ाने का रुझान और विहार हावी है.
इस दौर में भी बाबूशाही ने अपना प्रोफेशनल किरदार और गौरव बनाए रखा.हार्ड और ब्रेकिंग न्यूज़ के मामले हमारी सरदारी रही है जो की अपने आप में बहुत महत्वपूर्ण है, लेकिन वर्तमान में बड़ी चुनौती है ठोस, विश्वसनीय, सटीक, प्रामाणिक और बेलाग समाचार-संचार प्रदान करना है।
हम बिल्कुल भी दूध के धुले होने का दावा नहीं करते, कोई भी व्यक्ति या संस्था परफेक्ट होने का दावा नहीं कर सकती। प्रत्येक की समय और स्थान के अनुसार कम या अधिक सीमताएँ और मजबूरियाँ होती हैं। कई बार लचीला और व्यावहारिक व्यवहार अपनाना पड़ता है, कभी-कभी न चाहते हुए भी कुछ समझौते करने पड़ते हैं लेकिन फिर भी कोशिश यही रही है कि हम अपने पैर ज़मीन पर रखें, पत्रकारिता करियर में पेशेवर दृष्टिकोण तथा विहार में रखें और इस पर यथासंभव अमल करने की कोशिश भी की . हम समाज में अनावश्यक सनसनी, अंधविश्वास, कटुता और समाज को बाँटने वाली रिपोर्टिंग से बचने का प्रयास कर रहे हैं। लिखने और बोलते समय भाषा का संजम और सलीका हमेशा हमारी खासियत रही है. इस पूरे सफर में बाबूशाही नेटवर्क के माध्यम से अपनी पंजाबी मातृभाषा को बढ़ावा देने और इसे आधुनिक प्रौद्योगिकी युग की समकक्ष बनाने का प्रयास मातृभाषा में हमारा महत्वपूर्ण योगदान है।
ये प्रयास कितने सफल हैं, इसके निर्णायक आप, हमारे पाठक और दर्शक हैं।
अब इस रास्ते पर आगे बढ़ने का प्रयास करें और अपना विश्वास बनाए रखें।
2023 में किए गए वादे के अनुसार, अब हम अपने पाठकों और दर्शकों की संख्या बढ़ाने के लिए हिंदी भाषा में समाचार पोर्टल बाबूशाही हिंदी शुरू करने की घोषणा करते हैं। www.babushahihindi.com में हम अपने उसी पेशेवर दृष्टिकोण पर कायम रहने की कोशिश करेंगे।
यदि सुरजीत पातर की उपरोक्त पंक्तियाँ हमारे उद्यम की सफलता पर लागू होती हैं
इसी महान कवि की ये पंक्तियाँ भी लागू होती हैं:
कदे दरिया इककला तह नहीं करदा दिशा अपनी
ज़मीन दी ढाल, जल दा वेग ही रलमिल राह बनदे
इन दस वर्षों के दौरान, मैं तिरछी नज़र मीडिया के संपादकीय स्टाफ, फील्ड और बिजनेस टीम और कनाडा की आईटी टेक टीम में बड़ी मेहनत और ईमानदारी से काम करने वाले (और काम करना जारी रखने वाले) सभी सहयोगियों का बहुत आभारी हूं जिनके टीम वर्क ने हमें यहाँ तक पहुँचाया है।
इसके अलावा, हम उन सभी दोस्तों और जीवन के सभी क्षेत्रों के अन्य लोगों के बेहद आभारी हैं जिन्होंने हमें समर्थन दिया, हमारी मदद की और इस उद्यम में किसी भी रूप में हमारा समर्थन किया।
आशा करता हूँ कि भविष्य में भी सभी का सहयोग इसी प्रकार मिलता रहेगा।
बलजीत बल्ली
मुख्य संपादक
11 नवंबर 2024
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