सेक्टर 1 में 'टेक नो-हाउ कॉन्टेस्ट' का सफल आयोजन
पंचकूला, 20 सितंबर, 2024: सेक्टर 1 स्थित राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, के कंप्यूटर साइंस विभाग और नेक्स्ट जेन टेक सोसाइटी द्वारा आयोजित टैक नो-हाउ कॉन्टेस्ट का दो दिवसीय आयोजन सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि अजय कुमार घणघस (मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट व सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, पंचकूला) थे। उन्होंने विद्यार्थियों को हरियाणा स्टेट लीगल सर्विसेज अथॉरिटी और साइबर क्राइम से जुड़े कानूनों के बारे में जागरूक किया।कॉलेज के प्राचार्य डॉ. नरेंद्र सिंह सिवाच ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की।
कार्यक्रम की शुरुआत कॉलेज परिसर में पौधारोपण से हुई, जिसमें प्राचार्य, स्टाफ और छात्रों ने सहभागिता की। इस अवसर पर गरिमा मैडम ने मुख्य अतिथि, प्राचार्य, और वरिष्ठ संकाय सदस्यों डॉ. रिंकी और डॉ. सुनीता चौधरी का स्वागत किया।
दो दिवसीय कार्यक्रम के अंतर्गत 19-20 सितंबर को "डिजिटल प्लेटफार्म्स का उपयोग: उपकरण और तकनीक" विषय पर कुल चार सत्रों की कार्यशाला का आयोजन किया गया। इसमें गूगल फॉर्म्स, गूगल डॉक्स, गूगल स्लाइड्स, गूगल शीट्स और कैनवा सॉफ़्टवेयर का उपयोग कर प्रोफेशनल रिज्यूम डिजाइन करना सिखाया गया। इस कार्यशाला में कुल 170 छात्रों ने प्रशिक्षण प्राप्त किया। कार्यक्रम का समन्वयन विभाग के प्राध्यापकों संदीप, वंदना, पंकज और सरोज द्वारा किया गया।
साथ ही 19 सितंबर को पीपीटी प्रतियोगिता आयोजित की गई, जिसमें साइबर अपराध, एआई के दैनिक जीवन पर प्रभाव, और स्थाई व्यवसायिक प्रथाओं जैसे विषयों पर छात्रों ने अपने विचार प्रस्तुत किए। इस प्रतियोगिता में कुल 32 प्रविष्टियाँ प्राप्त हुईं, जिनमें से 17 प्रतिभागियों को शॉर्टलिस्ट किया गया। डॉ. उर्वशी, डॉ. अनिता सिंह और डॉ. राजबाला ने इस प्रतियोगिता का मूल्यांकन किया।
20 सितंबर को ई-कोलाज प्रतियोगिता का आयोजन "आधुनिक समाज में सोशल मीडिया की भूमिका" विषय पर किया गया, जिसमें 21 प्रतिभागियों ने अपनी विश्लेषणात्मक क्षमताओं का प्रदर्शन किया। इस प्रतियोगिता का समन्वयन विभाग की फैकल्टी मनजीत कौर, हिमांशु और पूजा ने किया, जबकि निर्णायक भूमिका डॉ. रिंकी, डॉ. ज्योत्सना कौशिक और कुसुम ने निभाई।
इसी दिन कंप्यूटर प्रोफिशिएंसी कोडिंग प्रतियोगिता का आयोजन भी किया गया, जिसमें 31 छात्रों ने अपनी प्रोग्रामिंग क्षमताओं का प्रदर्शन किया। इस प्रतियोगिता का समन्वयन डॉ. जगतार सिंह, अंशुल कपिल और मनीषा ने किया।
दो दिवसीय कार्यक्रम में छात्रों ने अपने आत्मविश्वास, सामाजिक और डिजिटल कौशल को निखारा। यह केवल एक प्रतियोगिता नहीं, बल्कि पुस्तकों से परे एक नई शिक्षा पद्धति थी, जिसने छात्रों को व्यावहारिक ज्ञान प्रदान किया।
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