शराब तस्करी में चंडीगढ़ अव्वल, प्रशासन को करोड़ों का नुकसान
बिना होलोग्राम की शराब बिक रही धड़ल्ले से, एक्साइज विभाग तस्करी रोकने में विफल
रमेश गोयत
चंडीगढ़, 30 जनवरी 2025 – चंडीगढ़ में शराब तस्करी एक गंभीर समस्या बनती जा रही है। एक्साइज डिपार्टमेंट के लाख प्रयासों के बावजूद शहर के कई ठेकों पर बिना होलोग्राम और बिना परमिट की विदेशी शराब बेची जा रही है। इससे न केवल चंडीगढ़ प्रशासन को करोड़ों का राजस्व नुकसान हो रहा है, बल्कि पड़ोसी राज्यों में भी अवैध शराब की आपूर्ति हो रही है।
सेक्टर 34 और 43 में हुई छापेमारी, 1056 बोतलें जब्त
मंगलवार को एक्साइज डिपार्टमेंट की टीमों ने शहर के विभिन्न ठेकों पर सरप्राइज़ चेकिंग की। इस दौरान सेक्टर 34 और 43 के ठेकों पर बिना होलोग्राम की शराब बेची जा रही थी। जांच में पाया गया कि इन ठेकों पर 1056 बोतल विदेशी शराब बिना पास परमिट के रखी गई थी। विभाग ने तुरंत कार्रवाई करते हुए शराब जब्त कर ली और दोनों ठेकों का चालान कर दिया।
क्या है होलोग्राम का नियम?
एक्साइज डिपार्टमेंट के नियमों के मुताबिक, हर शराब की बोतल पर होलोग्राम लगाना जरूरी है। चंडीगढ़ में बनी शराब को बाहर ले जाने से रोकने के लिए होलोग्राम लगाया जाता है, ताकि तस्करी पर नियंत्रण रखा जा सके। बिना होलोग्राम की शराब मिलने का मतलब है कि या तो यह बिना टैक्स चुकाए बनाई गई है या फिर किसी और राज्य से लाकर बेची जा रही है।
चंडीगढ़ शराब तस्करी में क्यों बना अव्वल?
शराब तस्करी को लेकर 2023 और 2024 के आंकड़े बताते हैं कि चंडीगढ़ में शराब की अवैध बिक्री लगातार बढ़ रही है।
वर्ष जब्त शराब (बोतल) पकड़े गए आरोपी प्रशासन को नुकसान (करोड़ रुपये)
2023 12,500 94 30
2024 15,200 112 40
2025 (जनवरी तक) 2,500 18 6
शराब तस्करी बढ़ने के मुख्य कारण:
✅ चंडीगढ़ में शराब सस्ती है, इसलिए तस्कर इसे अन्य राज्यों में भेजते हैं।
✅ एक्साइज डिपार्टमेंट की निगरानी में कमी।
✅ अवैध ठेकों और बार-रेस्तरां में नकली बिल बनाकर शराब बेचना।
✅ पड़ोसी राज्यों में चंडीगढ़ की शराब की अधिक मांग।
तस्करी रोकने के लिए प्रशासन की नई रणनीति
? सघन चेकिंग अभियान – एक्साइज डिपार्टमेंट ने शहर में सर्प्राइज चेकिंग के लिए विशेष टीमें गठित की हैं। यह टीमें रातभर ठेकों, क्लबों और बार पर नजर रखेंगी।
? पड़ोसी राज्यों के साथ तालमेल – विभाग ने पंजाब और हरियाणा के अधिकारियों को पत्र लिखा है कि अगर उनके राज्यों में चंडीगढ़ की बिना होलोग्राम वाली शराब पकड़ी जाती है तो इसकी जानकारी चंडीगढ़ एक्साइज डिपार्टमेंट को भी दी जाए।
? बॉटलिंग प्लांट पर सख्ती – चंडीगढ़ के बॉटलिंग प्लांट से निकलने वाली हर बोतल पर एक्साइज डिपार्टमेंट की नजर रखी जाएगी।
आगे क्या होगा?
विशेषज्ञों का मानना है कि अगर एक्साइज डिपार्टमेंट इसी तरह चेकिंग जारी रखता है और दोषियों पर सख्त कार्रवाई करता है, तो शराब तस्करी पर कुछ हद तक काबू पाया जा सकता है। हालांकि, बड़े शराब माफिया पर शिकंजा कसने के लिए प्रशासन को और अधिक सख्ती बरतने की जरूरत है।
इस बीच, शहर में शराब के ठेकों पर छापेमारी का सिलसिला जारी रहेगा। सवाल यह है कि क्या चंडीगढ़ प्रशासन इस अवैध कारोबार पर पूरी तरह लगाम लगा पाएगा या फिर यह सिलसिला यूं ही चलता रहेगा?
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