एचसीएस 2004 बैच के अधिकारियों को हाईकोर्ट से राहत, एसीबी की एफआईआर रद्द
रमेश गोयत
चंडीगढ़, 30 जनवरी 2025 – हरियाणा सिविल सेवा (एचसीएस) 2004 बैच के अधिकारियों को पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। हाईकोर्ट ने भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) द्वारा दर्ज एफआईआर को रद्द करने का आदेश दिया है। जस्टिस एनएस शेखावत ने इस संबंध में आदेश ओपन कोर्ट में जारी किया।
कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं को दी राहत
एचसीएस 2004 बैच के अधिकारी जयवीर यादव और अन्य अधिकारियों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर अक्टूबर 2005 में उनके खिलाफ दर्ज एफआईआर को रद्द करने की मांग की थी। हाईकोर्ट ने इस याचिका को स्वीकार करते हुए एसीबी की एफआईआर को खारिज कर दिया।
क्या था मामला?
- इन अधिकारियों का चयन 2004 में तत्कालीन मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला के नेतृत्व वाली इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) सरकार के दौरान हुआ था।
- 5 जुलाई 2003 को एसीबी ने एचसीएस 2004 बैच के चयन में अनियमितताओं और कदाचार को लेकर जांच शुरू की थी।
- एसीबी ने पांच एचसीएस अधिकारियों, हरियाणा लोक सेवा आयोग (HPSC) के पूर्व अध्यक्ष, सदस्यों और अन्य समेत कुल 27 लोगों के खिलाफ आरोप पत्र हिसार की जिला अदालत में दायर किया था।
- सभी आरोपियों को अभियोजन का सामना करने के लिए कहा गया था।
साफ छवि वाले उम्मीदवारों की नियुक्ति पर कोर्ट का रुख
याचिकाकर्ताओं ने तर्क दिया कि एक बार 2016 में हरियाणा सरकार और एसीबी से मंजूरी मिलने के बाद उनकी नियुक्ति कर दी गई थी, इसलिए उन पर दोबारा मामला नहीं चलाया जा सकता।
- 2012 में ‘अपूर्व और अन्य बनाम हरियाणा राज्य’ मामले में हाईकोर्ट की खंडपीठ ने फैसला सुनाया था कि जो उम्मीदवार दागी नहीं हैं, उन्हें नए उम्मीदवार के रूप में माना जाएगा और नियुक्ति दी जाएगी।
- कोर्ट ने इसी आधार पर एचसीएस अधिकारियों के पक्ष में फैसला सुनाते हुए एफआईआर को रद्द करने का आदेश दिया।
क्या बोले याचिकाकर्ता?
एचसीएस अधिकारी जयवीर यादव और अन्य याचिकाकर्ताओं ने हाईकोर्ट के फैसले का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि यह फैसला उन अधिकारियों के लिए न्याय की जीत है जो बिना किसी गलती के वर्षों से इस मामले में फंसे हुए थे।
सरकार का रुख
अब देखने वाली बात यह होगी कि हरियाणा सरकार इस फैसले को स्वीकार करती है या इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर करती है। फिलहाल, इस फैसले ने 2004 बैच के एचसीएस अधिकारियों को बड़ी राहत दी है।
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