पंचकूला में 31 जनवरी को संगठित अपराध, नशा तस्करी और आतंकवाद पर उच्च स्तरीय बैठक
छ: राज्यों के पुलिस महानिदेशकों सहित नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो तथा एनआईए के अधिकारी लेंगे भाग
2018 में हुई थी स्थापना, सभी 7 राज्यों के पुलिस महानिदेशक एंव अन्य अधिकारी करेंगे मंथन।
रमेश गोयत
चंडीगढ़/पंचकूला, 30 जनवरी। संगठित अपराध, नशा तस्करी, आतंकवाद और गैंगस्टरों के नेटवर्क पर लगाम लगाने के लिए 31 जनवरी को पंचकूला में एक उच्च स्तरीय अंतरराज्यीय बैठक आयोजित की जाएगी। इस बैठक में सात राज्यों के पुलिस महानिदेशक (DGP), नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) और राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) के वरिष्ठ अधिकारी भाग लेंगे। बैठक का आयोजन पंचकूला के सेक्टर-3 स्थित ईआरएसएस बिल्डिंग में किया जाएगा।
इस बैठक में हरियाणा, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान, दिल्ली, उत्तराखंड और चंडीगढ़ के पुलिस प्रमुख भाग लेंगे। मुख्य एजेंडा अंतर्राज्यीय अपराधों पर प्रभावी नियंत्रण और राज्यों के बीच समन्वय को मजबूत करना है।
बैठक का उद्देश्य
हरियाणा के पुलिस महानिदेशक शत्रुजीत कपूर ने बताया कि अपराधियों और नशा तस्करों पर लगाम लगाने के लिए राज्यों के बीच समन्वय जरूरी है। अपराधी अक्सर एक राज्य में अपराध करने के बाद दूसरे राज्य में छिप जाते हैं। अगर सभी राज्यों की पुलिस समन्वय और सूचना साझा करने की रणनीति अपनाएगी, तो अपराधियों के गिरोह को खत्म करना आसान होगा।
बैठक में गृहमंत्री अमित शाह और हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी के निर्देशों के अनुसार अपराध नियंत्रण के लिए प्रभावी रणनीति तैयार की जाएगी। इस दौरान नशा तस्करी और संगठित अपराध को रोकने के लिए ठोस एजेंडा पर भी चर्चा होगी।
2018 में हुई थी ड्रग सचिवालय की स्थापना
उल्लेखनीय है कि 2018 में हरियाणा में अंतरराज्यीय ड्रग सचिवालय की स्थापना की गई थी। उस समय हरियाणा के अलावा पंजाब, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, राजस्थान, दिल्ली और चंडीगढ़ के मुख्यमंत्रियों और पुलिस महानिदेशकों ने एक बैठक कर नशा तस्करी और संगठित अपराध के खिलाफ संयुक्त रणनीति तैयार करने का निर्णय लिया था। इसी के तहत राज्य अपराध शाखा, पंचकूला में एक अंतरराज्यीय ड्रग सचिवालय स्थापित किया गया।
बेहतर समन्वय से ही होगा समाधान
पुलिस महानिदेशक शत्रुजीत कपूर ने कहा कि नशा तस्करी और संगठित अपराध से निपटने के लिए बेहतर समन्वय और तकनीकी सहायता बेहद जरूरी है।
"यदि सभी राज्य आपसी सहयोग बढ़ाएं, खुफिया जानकारी तुरंत साझा करें और सामूहिक कार्रवाई करें, तो नशा तस्करी व संगठित अपराध जैसी चुनौतियों का समाधान संभव होगा।"
बैठक में मुख्य एजेंडा:
- अंतरराज्यीय नशा तस्करी पर प्रभावी कार्रवाई
- संगठित अपराध और आतंकवाद से निपटने के लिए सामूहिक रणनीति
- वास्तविक समय में खुफिया जानकारी साझा करने की प्रणाली मजबूत करना
- अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए अंतरराज्यीय पुलिस समन्वय
इस बैठक से उत्तर भारत में संगठित अपराध, नशा तस्करी और आतंकवाद के खिलाफ एक प्रभावी रणनीति बनने की उम्मीद है। अगर सभी राज्य मिलकर ठोस कदम उठाते हैं, तो अपराध और नशे के नेटवर्क को कमजोर किया जा सकता है।
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