बिजली विभाग के निजीकरण के विरोध में शहरवासियों ने सेक्टर 56 कॉलोनी में किया विरोध प्रदर्शन
रमेश गोयत
चंडीगढ़, 28 जनवरी: चंडीगढ़ के बिजली विभाग को निजी कंपनी को सौंपने की हड़बड़ी में चंडीगढ़ प्रशासन के खिलाफ शहरवासियों ने सेक्टर 56 कॉलोनी में 51वें दिन भी विरोध मार्च निकाला। आज के प्रदर्शन का नेतृत्व नौजवान किसान एकता के अध्यक्ष कृपाल सिंह, पेंडू संघर्ष कमेटी के अध्यक्ष दलजीत सिंह पलसौरा, सी.आई. टीयू सचिव दिनेश कुमार और जनवादी महिला समिति की अध्यक्ष आशा राणा। यह विरोध प्रदर्शन सेक्टर 56 कॉलोनी स्थित डिस्पेंसरी से शुरू होकर विभिन्न ब्लॉकों से होते हुए वापस उसी स्थान पर समाप्त हुआ। इस अवसर पर सभा को संबोधित करते हुए नौजवान किसान एकता के अध्यक्ष कृपाल सिंह ने कहा कि बिजली विभाग को निजी हाथों में सौंपने से जनता पर अतिरिक्त बोझ पड़ेगा। उन्होंने कहा कि चंडीगढ़ के लोगों ने कुछ समय पहले ही सरकार की 24 घंटे पानी की आपूर्ति देखी है। उन्होंने कहा कि मणिमाजरा में 24 घंटे जलापूर्ति का उद्घाटन केंद्रीय गृह मंत्री द्वारा किया गया। इस दौरान मनीमाजरा में सभी उपभोक्ताओं के यहां स्मार्ट मीटर लगाए गए। और अब जिन घरों में पानी का बिल 500 रुपये आता था, वहां अब 1500 से 2000 रुपये आ रहा है। उन्होंने लोगों को चेताते हुए कहा कि मनीमाजरा का उदाहरण सबके सामने है कि पानी के बिल तीन से चार गुना बढ़ गए हैं। इसी तरह अगर बिजली निजी हाथों में चली गई तो लोगों का बिल चार गुना बढ़ जाएगा और लोगों के लिए घर चलाना मुश्किल हो जाएगा। उन्होंने चंडीगढ़ प्रशासन से जनता की मांग और जन विरोध को देखते हुए निजीकरण के फैसले को तुरंत वापस लेने की अपील की है। उन्होंने चंडीगढ़ के लोगों से 31 जनवरी को होने वाले विरोध प्रदर्शन में भाग लेने की अपील की है।
। इस अवसर पर जनवादी महिला समिति-5 की अध्यक्ष आशा राणा ने कहा कि चंडीगढ़ प्रशासन जानबूझकर चंडीगढ़ वासियों को परेशान कर रहा है। इस तथ्य के बावजूद कि चंडीगढ़ के लोगों को बिजली विभाग से कोई शिकायत नहीं है, वे लोगों से पूछे बिना इसे निजी घरानों को सौंपने जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि बिजली विभाग के निजीकरण के बाद चंडीगढ़ के लोगों को महंगी बिजली मिलेगी, जिससे आम लोगों पर अतिरिक्त बोझ पड़ेगा। वे चंडीगढ़ की जनता पर कोई अतिरिक्त बोझ नहीं पड़ने देंगे और इसका हर जगह विरोध करेंगे। इस अवसर पर ग्रामीण संघर्ष समिति के अध्यक्ष दलजीत सिंह पुलसौरा ने कहा कि प्रशासन शुरू से ही चंडीगढ़ की जनता के साथ विश्वासघात करता आ रहा है। उन्होंने कहा कि चंडीगढ़ के लोगों को बिजली विभाग से कोई शिकायत नहीं है। प्रशासन जानबूझकर करोड़ों रुपए का मुनाफा कमाने वाले विभाग को कॉरपोरेट घराने को सौंपने जा रहा है। जिसे चंडीगढ़ की जनता बर्दाश्त नहीं करेगी। उन्होंने कहा कि वे आने वाले दिनों में संघर्ष को तेज करेंगे और प्रशासन को अपना फैसला वापस लेने के लिए मजबूर करेंगे। इस अवसर पर बोलते हुए कांग्रेस नेता दर्शन गर्ग ने कहा कि बिजली निजी हाथों में जाने से इसका सीधा असर हर नागरिक पर पड़ेगा। इससे गरीब लोगों के लिए ऊंचे बिजली बिल का भुगतान करना मुश्किल हो जाएगा। इस अवसर पर अन्यों के अलावा ग्रामीण संघर्ष कमेटी के नेता जोगा सिंह, नौजवान किसान एकता के नेता राजिंदर सिंह, पेंशनर्स एसोसिएशन से विजय सिंह, अरदास फाउंडेशन से गुरदीप सिंह, राम आधार सहित बड़ी संख्या में किसान मौजूद थे। विभिन्न गांवों और क्षेत्रों से बड़ी संख्या में महिलाएं और बच्चे उपस्थित थे। जिन्होंने हाथों में तख्तियां लेकर निजीकरण के खिलाफ पैदल प्रदर्शन किया और "निजीकरण बंद करो" के नारे लगाते हुए लोगों में जागरूकता पैदा की। इस अवसर पर दुकानदारों एवं नागरिकों में जागरूकता पैदा करने के लिए पर्चे भी वितरित किए गए।
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