CBI अदालत ने पंजाब के एक IGP समेत 06 आरोपियों को 8 महीने के कारावास और जुर्माने की सजा सुनाई
मोहाली पुलिस स्टेशन की हिरासत से एक व्यक्ति को जबरन हिरासत में लेने के मामले में सीबीआई कोर्ट ने पंजाब पुलिस के तत्कालीन आईजीपी, एक IEDS अधिकारी और 04 निजी व्यक्तियों सहित 06 आरोपियों को 8 महीने के कारावास और जुर्माने की सजा सुनाई।
मोहाली, 20 दिसंबर, 2024 : पुलिस स्टेशन की हिरासत से एक व्यक्ति को जबरन हिरासत में लेने के मामले में सीबीआई कोर्ट ने पंजाब पुलिस के तत्कालीन आईजीपी गौतम चीमा , एक आईडीईएस अधिकारी और 04 निजी व्यक्तियों सहित 06 आरोपियों को 8 महीने के कारावास और जुर्माने की सजा सुनाई।
सीबीआई मामलों के स्पेशल जज्ज , पंजाब, मोहाली ने 20.12.2024 को श्री गौतम चीमा, आईपीएस, पंजाब पुलिस के तत्कालीन आईजीपी; श्री अजय चौधरी, आईडीईएस और 04 निजी व्यक्तियों अर्थात् वरुण उतरेजा (तत्कालीन अधिवक्ता); सुश्री रश्मि नेगी, विक्की वर्मा और आर्यन सिंह सहित छह आरोपियों को 08 महीने के कारावास और कुल 15 लाख रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई। मोहाली (पंजाब) के थाना-फेज-1 की वैध हिरासत से एक व्यक्ति को जबरन हिरासत में लेने के मामले में सीबीआई ने 39,000/- का जुर्माना लगाया है।
सीबीआई ने माननीय उच्च न्यायालय के दिनांक 04.03.2020 के आदेशों के अनुपालन में तत्काल मामला दर्ज किया था, जिसमें थाना-फेज-1, मोहाली में पहले दर्ज एफआईआर की जांच सीबीआई को हस्तांतरित की गई थी। यह मामला 31.12.2020 को आरोपी श्री गौतम चीमा, आईपीएस, श्री अजय चौधरी, आईडीईएस और 04 अन्य द्वारा थाना फेज-1, मोहाली की वैध हिरासत से सुमेध गुलाटी को जबरन पकड़ने से संबंधित है।
आरोप है कि 26 अगस्त, 2014 को रात करीब 11 बजे तत्कालीन आईजीपी श्री गौतम चीमा नशे की हालत में अजय चौधरी व अन्य के साथ मोहाली के फेज-1 पुलिस स्टेशन पहुंचे और सुमेध गुलाटी (जिन्हें उसी दिन पहले किसी अन्य मामले में गिरफ्तार किया गया था) को जबरन एक निजी कार में मैक्स अस्पताल, फेज-6, मोहाली ले गए, जहां एक शिकायतकर्ता भर्ती था। आगे आरोप है कि श्री गौतम चीमा ने सुमेध गुलाटी को जबरन उसी कमरे में हिरासत में लिया और उक्त शिकायतकर्ता को धमकाया, और मांग की कि वह उनके खिलाफ दर्ज शिकायत वापस ले ले। जांच पूरी होने के बाद सीबीआई ने 31.12.2020 को छह आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया। सुनवाई के बाद अदालत ने आरोपियों को दोषी पाया और तदनुसार सजा सुनाई।
गौतम चीमा के वकील ने बताया की चीमा को ज़मानत मिल गई है और वे ऊपर की अदालत में चुनौती देंगे
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