चंडीगढ़ बिजली विभाग के निजीकरण के खिलाफ वकीलों का समर्थन, क्रमिक भूख हड़ताल में हुए शामिल
रमेश गोयत
चंडीगढ़, 21 दिसम्बर। चंडीगढ़ में बिजली विभाग के निजीकरण के खिलाफ जनता का आंदोलन तेजी से जोर पकड़ रहा है। शनिवार को चंडीगढ़ के वकील भी इस आंदोलन में शामिल हुए। कांग्रेस के नेतृत्व में सेक्टर-22 में चल रही क्रमिक भूख हड़ताल के तहत वकीलों ने आज एक दिन का उपवास रखा और जनता के साथ एकजुटता दिखाई।
इस विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व अधिवक्ताओं राजीव शर्मा और हरदीप हंस ने किया। उनके साथ पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय तथा जिला न्यायालय चंडीगढ़ के वकील मीनाक्षी चौधरी, अनीता शर्मा, हुकम चंद, गुरदेव सिंह, गोविंद सिंह यादव, शशि कपूर, प्रदीप केडी, अवतार सिंह, हरप्रीत उप्पल, अरुण वशिष्ठ, गगनदीप सिंह और मृणाल रंधावा भी शामिल हुए।
चंडीगढ़ कांग्रेस के अध्यक्ष एच.एस. लकी ने उपवास की शुरुआत करते हुए वकीलों का स्वागत किया और इस जनहित के मुद्दे पर जनता के साथ खड़े होने के लिए धन्यवाद दिया।
बिजली दरों में वृद्धि का डर
अधिवक्ता राजीव शर्मा ने इस अवसर पर कहा कि चंडीगढ़ प्रशासन का बिजली ट्रांसमिशन निजी कंपनी को सौंपने का फैसला शहर के निवासियों के लिए घातक साबित होगा। उन्होंने बताया कि कोलकाता में सीईएससी कंपनी कहीं अधिक दरों पर बिजली आपूर्ति करती है, और यही हाल चंडीगढ़ का भी हो सकता है। शर्मा ने कहा कि आवश्यक सेवा रखरखाव अधिनियम (एसमा) जैसे प्रावधानों से कर्मचारियों को डराने की बजाय प्रशासन को जनता और कर्मचारियों के साथ बातचीत करनी चाहिए।
शर्मा ने यह भी आरोप लगाया कि आरपी संजीव गोयनका ग्रुप, जिसे चंडीगढ़ बिजली विभाग सौंपा जा रहा है, ने पिछले साल इलेक्टोरल बॉन्ड और ट्रस्ट के माध्यम से 709 करोड़ रुपये का चंदा दिया था। यह कदम भाजपा के इशारे पर उठाया गया एक जनविरोधी निर्णय है।
जनता की आवाज सुनने की अपील
अधिवक्ता हरदीप हंस और उनके सहयोगियों ने चंडीगढ़ प्रशासन से अपील की कि वह जनता की आवाज सुने और बिजली ट्रांसमिशन के निजीकरण के विवादास्पद निर्णय को वापस ले। उन्होंने कहा कि यह कदम न केवल कर्मचारियों के हितों पर प्रहार करेगा, बल्कि आम जनता पर भी बिजली दरों का बोझ बढ़ाएगा।
इस क्रमिक भूख हड़ताल और आंदोलन के माध्यम से चंडीगढ़ की जनता और वकील सरकार को इस फैसले के विरोध में एकजुट होकर संदेश दे रहे हैं।
अपने शहर की खबरें Whatsapp पर पढ़ने के लिए Click Here →
Click to Follow हिन्दी बाबूशाही फेसबुक पेज →