इनेलो सुप्रीमो चौ ओम प्रकाश चौटाला ने गुरूग्राम निवास पर ली अंतिम सांस
रमेश गोयत
चंडीगढ़, 20 दिसंबर। हरियाणा के पांच बार मुख्यमंत्री रहे इनेलो सुप्रीमो चौ. ओम प्रकाश चौटाला ने शुक्रवार को अपने गुरूग्राम निवास पर अंतिम सांस ली। उनका जन्म चौटाला गांव में 1 जनवरी 1935 को हुआ था। चौ ओम प्रकाश चौटाला स्वर्गीय देवीलाल के सबसे बड़े बेटे थे। उनकी धर्मपत्नी स्नेह लता का स्वर्गवास अगस्त 2019 में हो गया था। उनकी तीन बेटियां और दो बेटे हैं। चौ ओम प्रकाश चौटाला 2 दिसंबर 1989 से 22 मई 1990, 12 जुलाई 1990 से 16 जुलाई 1990, 22 मार्च 1991 से 5 अप्रैल 1991, 24 जुलाई 1999 से 2 मार्च 2000 और 2 मार्च 2000 से फरवरी 2005 तक प्रदेश के 5 बार मुख्यमंत्री रहे। वे सात बार विधायक रहे और एक बार राज्यसभा के सांसद भी रहे। चौ ओम प्रकाश चौटाला लंबे समय तक करीब 8 साल नेता प्रतिपक्ष भी रहे। इनेलो पार्टी का गठन करने में चौ ओम प्रकाश चौटाला का अहम योगदान रहा। इससे पहले स्वर्गीय ताऊ देवीलाल ने हरियाणा में अलग अलग पार्टियों से सरकार बनाई थी। चौ ओम प्रकाश चौटाला हिन्दी, पंजाबी, संस्कृत और उर्दू के ज्ञाता थे। अपने राजनीतिक सफर में उन्होंने अनेकों बार सत्तापक्ष सरकार की जनविरोधी नीतियों के खिलाफ आवाज उठाई और सत्ता विरोध के कारण कई बार जेल भी गए। आपातकाल के दौरान भी 19 महीने की जेल काटी थी। स्वर्गीय देवीलाल के बाद वे एकमात्र मुख्यमंत्री थे जिन्होंने हरियाणा के विकास के लिए सबसे ज्यादा काम किए। आज का साइबर सिटी गुरूग्राम को विकसित करने और इसके विकास का अमली जामा पहनाने में चौ ओम प्रकाश चौटाला का सबसे बड़ा योगदान है। हरियाणा में बड़े उद्योग भी चौ ओम प्रकाश चौटाला के मुख्यमंत्री रहते ही लगे थे जिसमें मारूति सुजुकी और होंडा जैसी अंतर्राष्ट्रीय स्तर की कंपनियों ने अपने उद्योग हरियाणा में लगाए थे। 2000 से 2005 तक चौ ओम प्रकाश चौटाला के मुख्यमंत्री रहते हरियाणा के इतिहास में एक मात्र समय ऐसा था जब हरियाणा सरप्लस स्टेट बना था। 2005 में जब इनेलो की सरकार गई तो हरियाणा का सरकारी खजाना लबालब भरा हुआ था और 3500 करोड़ रूपए खजाने में छोड़ कर गए थे जिसको बाद की सरकारों ने लूटने का काम किया और हरियाणा को कर्जाई बना दिया। 2013 में कांग्रेस की सरकार ने एक षडय़ंत्र के तहत उन्हें 10 साल की सजा करवा दी जिसके कारण उन्होंने सजा काटी। जेल में रहते हुए ही चौ ओम प्रकाश चौटाला ने 2021 में अपनी 10वीं और 12वीं की परीक्षा भी पास की। जेल में रहकर चौ. ओम प्रकाश चौटाला का 10वीं पास करना सामाजिक तौर पर इतना प्रेरणादायक हुआ कि बॉलीवुड में उनकी जेल में रहते 10वीं करने पर दसवीं नाम से एक बहुत सफल फिल्म भी बनी जिसमें अमिताभ बच्चन के बेटे अभिषेक बच्चन ने मुख्य भूमिका निभाई। चौ. ओम प्रकाश चौटाला ने अपने जीवन में 150 से उपर देशों की यात्रा की और विदेशों में जो उन्होंने देखा और सीखा उसको मुख्यमंत्री रहते प्रदेश के विकास में लागू किया। चौ ओम प्रकाश चौटाला का जीवन बावजूद एक मुख्यमंत्री के बेटे होने के बेहद संघर्ष में बीता। और इसी संघर्ष के बल पर वे जमीन से जुड़े नेता बने। मुख्यमंत्री रहते चौ ओम प्रकाश चौटाला ने कभी किसी के साथ भेदभाव नहीं किया और न ही कभी जाती पाती की गंदी राजनीति की। उन्होंने सभी वर्गो को उचित प्रतिनिधित्व दिया। चौ ओम प्रकाश चौटाला संगठन के व्यक्ति थे और जानते और समझते थे कि संगठन में जो ताकत है वो किसी में भी नहीं है। यही कारण था कि उन्होंने इनेलो पार्टी का संगठन बनाने में कोई कमी नहीं छोड़ी। एक समय ऐसा था कि विपक्षी पार्टियां भी चौ ओम प्रकाश चौटाला के संगठन से बेहद प्रभावित थे और विपक्षी यह मानते थे कि संगठन के मामले में इनेलो से मजबूत संगठन किसी भी पार्टी का नहीं है। चौ ओम प्रकाश चौटाला जहां मजबूत संगठन के पक्षधर रहे वहीं वे मुख्यमंत्री रहते सबसे सफल प्रशासक भी रहे। उन्होंने मुख्यमंत्री रहते ब्यूरोक्रेसी पर लगाम लगाई और उनका अनुशासन इतना सख्त था कि चाहे आइपीएस हो या आइएएस सभी 24 घंटे मुस्तैद रहते थे। चौ ओम प्रकाश चौटाला सच में लोह पुरूष और विकास पुरूष थे।
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