सांसद राघव चड्ढा ने महाकुंभ के दौरान फ्लाइट किरायों में मनमानी पर उठाए सवाल, कहा- श्रद्धालुओं की आस्था के साथ हो रहा खिलवाड़
सांसद राघव चड्ढा बोले- महाकुंभ आस्था और अध्यात्म का सबसे बड़ा पर्व है, मगर फ्लाइट कंपनियों की मुनाफाखोरी ने श्रद्धालुओं की यात्रा मुश्किल कर दी है।
- 5000 रुपये की फ्लाइट का किराया बढ़ाकर 50000 रुपये कर दिया गया, जो श्रद्धालुओं के साथ अन्याय है।
- सांसद ने की सरकार से श्रद्धालुओं के लिए किफायती फ्लाइट की व्यवस्था की मांग।
- सांसद राघव चड्डा बोले- श्रद्धालुओं की सेवा सबसे बड़ा धर्म है, और यह सुनिश्चित करना सभी की जिम्मेदारी।
*नई दिल्ली, 28 जनवरी 2025।* आम आदमी पार्टी के सांसद राघव चड्ढा ने प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ मेले के दौरान फ्लाइट कंपनियों की तरफ से किरायों में हो रही बेतहाशा बढ़ोतरी को लेकर नाराजगी जताई है। उन्होंने इसे श्रद्धालुओं की आस्था के साथ खिलवाड़ बताते हुए सरकार से तुरंत कार्रवाई की मांग की है।
सांसद राघव चड्ढा के मुताबिक, महाकुंभ, सनातन धर्म के अनुयायियों के लिए आस्था और अध्यात्म का सबसे बड़ा पर्व है। । इस दुर्लभ संयोग में, जब 144 वर्षों के बाद महाकुंभ का आयोजन प्रयागराज में हो रहा है, लाखों-करोड़ों श्रद्धालु स्नान, साधना और तपस्या के लिए देश और विदेश से तीर्थराज प्रयागराज पहुंचने की इच्छा रखते हैं। लेकिन ये फ्लाइट कंपनियां इस पवित्र आयोजन को अनुचित लाभ कमाने का अवसर मान रही हैं। फ्लाइट कंपनियों की मनमानी और मुनाफाखोरी ने श्रद्धालुओं की परेशानियां बढ़ा दी हैं।
*फ्लाइट किरायों में भारी बढ़ोतरी*
सांसद राघव चड्ढा ने कहा कि आम दिनों में जो फ्लाइट का किराया 5000 से 8000 रुपये तक होता था, वह महाकुंभ के दौरान बढ़कर 50000 से 60000 रुपये तक पहुंच गया है। उन्होंने कहा, "यह आस्था और पवित्रता के इस महापर्व पर श्रद्धालुओं को लूटने जैसा है। लाखों श्रद्धालु, जो महाकुंभ में शामिल होना चाहते थे, वे इन बढ़े हुए किरायों की वजह से निराश हो रहे हैं।”
फ्लाइट कंपनियों पर निशाना साधते हुए राघव चड्ढा ने कहा, "ये कंपनियां फायदे के चक्कर में अधर्म कर रही हैं। श्रद्धालुओं की सेवा से बड़ा कोई धर्म नहीं हो सकता। उन्होंने इसे आस्था और धर्म का अपमान बताया है। ऐसे में, इस मुद्दे पर तुरंत ध्यान देना आवश्यक है।"
*सरकार से कार्रवाई की अपील*
सांसद राघव चड्ढा ने सरकार से आग्रह किया है कि वह इन फ्लाइट कंपनियों की मनमानी पर रोक लगाएं और श्रद्धालुओं को सस्ती दरों पर यात्रा करने का अवसर प्रदान करें। उन्होंने कहा, "पहले जब हमने एयरपोर्ट कैफे में यात्रियों से लूट का मुद्दा उठाया था, तो सरकार ने सुनवाई करते हुए किफायती दामों पर "उड़ान कैंटीन" की व्यवस्था करते हुए यात्रियों के लिए किफायती कीमतों पर भोजन की व्यवस्था की थी। इसी तरह, महाकुंभ के दौरान भी श्रद्धालुओं को राहत दी जानी चाहिए। उन्होंने कहा, “श्रद्धालुओं की सेवा से बड़ा कोई धर्म नहीं है। यह सरकार की जिम्मेदारी है कि वह इस मुद्दे पर तत्काल कदम उठाए।”
उन्होंने यह भी कहा कि सरकार को ऐसे कदम उठाने चाहिए, जो आने वाले समय में भी यात्रियों को राहत प्रदान कर सकें और महाकुंभ जैसे आयोजनों को सभी के लिए सुलभ बनाएं।
केके
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