घोटाला: एसीबी की बड़ी कार्रवाई, पूर्व एसओ सहित तीन गिरफ्तार,
पूर्व एसओ के घर से 3 करोड़ 65 लाख की नकदी जेवरात बरामद,
नेशनल बैंक से मशीन मंगवा कर गिनने पड़े नोट
एंटी करप्शन ब्यूरो की राडार पर कई भ्रष्ट एसओ व एओ
आरोपियों का 2 फरवरी तक पुलिस रिमांड
रमेश गोयत
पंचकूला, 28 जनवरी। हरियाणा के विकास एवं पंचायत विभाग में 50 करोड़ रुपये के घोटाले का खुलासा करते हुए फरीदाबाद की एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) टीम ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों में राकेश (लिपिक, बीडीपीओ कार्यालय, हसनपुर), सतपाल (खजाना कार्यालय, होडल) और सेवानिवृत्त अनुभाग अधिकारी शमशेर सिंह शामिल हैं। घोटाले में शामिल रिटायर्ड एकाउंट ऑफिसर (ईओ) को पंचकूला से गिरफ्तार किया गया। आरोपी की पहचान शमशेर सिंह रिटायर्ड एओ निवासी सेक्टर 26 पंचकूला के रूप में हुई। आरोपी मूल रूप से हरियाणा के कैथल जिले में चौसाला गांव का रहने वाला है। आरोपी के पंचकूला स्थित सेक्टर 26 के निवास से 3 करोड़ 65 लाख रुपये नकद और बड़ी मात्रा में सोने-चांदी के जेवरात बरामद किए गए। विशेष बात यह है कि आरोपी अधिकारी पर विजिलेंस जांच पहले से ही चल रही थी। बावजूद इसके, उसे एसओ से रिटायरमेंट के बाद प्रमोशन देकर एकाउंट ऑफिसर बनाया गया था। अभी नवंबर में रिटायर्ड हुआ था, उसके बाद भी ऑफिस का कार्य देख रहा था। विजिलेंस विभाग के अधिकारियों के अनुसार, यह घोटाला पंचायती विभाग की विभिन्न योजनाओं में हुए वित्तीय अनियमितताओं से जुड़ा है। एंटी करप्शन के अधिकारियों ने ज्यादा नोट होने के कारण पंजाब नेशनल बैंक से मशीन मंगवा कर पूरी रात नोट गिनने पड़े। बताया जा रहा है कि पी ज्वेलर्स से भी काफी मात्रा में सोना खरीदा गया है।
पूर्व एसओ शमशेर सिंह की पोस्टिंग सेक्टर 17 के प्रदेश मिनी सचिवालय के विकास एवं पंचायत विभाग में थी। उपरोक्त एसओ पंचायतो का विकास करने की बजाए अपना ही विकास करने में लगा हुआ था। सरपंचों को विधायक द्वारा दी जाने वाली ग्रांट की फाइल भी दबा दी जाती थी, जो भी सरपंच खुद आकर इनको मिलता था उसके बाद से डीलिंग करके फाइल निकल दी जाती थी।
घोटाले का मामला
विकास एवं पंचायत विभाग की ऑडिट रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि फर्जी बिल तैयार कर मैसर्स दीपक मेनपावर सर्विस नामक निजी फर्म को 50 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया। ये भुगतान बिना किसी मंजूरी के किया गया था।
एसीबी ने दिनांक 24 जनवरी 2025 को शिकायत के आधार पर मुकदमा दर्ज किया। मामले में सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, भारतीय दंड संहिता, और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराओं के तहत कार्रवाई की जा रही है।
तलाशी में नकदी और आभूषण बरामद
एसीबी टीम ने शमशेर सिंह के पंचकूला स्थित आवास की तलाशी के दौरान 3,65,36,300 रुपये नकद और लगभग 6.5 लाख रुपये मूल्य के सोने के आभूषण बरामद किए। नकदी गिनने के लिए पंजाब नेशनल बैंक से मशीनें मंगाई गईं।
गिरफ्तारियां और रिमांड
- राकेश को 25 जनवरी 2025 को गिरफ्तार कर 31 जनवरी तक रिमांड पर लिया गया।
- सतपाल और शमशेर सिंह को 27 जनवरी को गिरफ्तार किया गया और 28 जनवरी को न्यायालय में पेश किया गया। अदालत ने दोनों का रिमांड 2 फरवरी 2025 तक मंजूर किया है।
आगे की जांच जारी
इस मामले में अन्य अधिकारियों और निजी व्यक्तियों की संलिप्तता की जांच जारी है। एसीबी के अनुसार, संबंधित विभागों और व्यक्तियों से पूछताछ कर अन्य तथ्यों को खंगाला जाएगा। यह घोटाला हरियाणा सरकार के पंचायत विभाग के वित्तीय प्रबंधन पर सवाल उठाता है। एसीबी की इस कार्रवाई ने सरकारी धन के दुरुपयोग को उजागर कर भ्रष्टाचार पर रोकथाम के प्रति कड़ा संदेश दिया है।
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पंचकूला के कई एसओ व एओ एंटी करप्शन ब्यूरो की राडार पर
पंचकूला के कई एसओ व एओ एंटी करप्शन ब्यूरो की राडार पर है। हरियाणा सरकार ने एसओ व एओ को सरकारी विभागों में पैसे का दुरुपयोग रोकने के लिए लगाए गए थे। हरियाणा वित्त विभाग से दूसरे विभागों में डेपुटेशन पर लगाए जाते हैं। मगर यह है पैसे का दुरुपयोग रोकने की बजाए कई एसओ व एओ अपने विकास करने में लगे हुए हैं। जिसका जीता- जागता उदाहरण शमशेर सिंह है, जिसके घर से 3 करोड़ 65 लाख रुपए नगदी बरामद हुई। शमशेर सिंह अपने कार्यालय में निदेशक के बाद दूसरा पावरफुल अधिकारी मानता था। वही पंचकूला के सेक्टर 6 के एक निगम कार्यालय में तैनात एक एओ भी शमशेर एसओ की तरह काफी समय से चर्चा में है। जो इस निगम में काफी समय से तैनात है, एमडी के बाद इस कार्यालय में सबसे पॉवरफुल माना जाता है। दूसरे ऑफिसर भी काम लेने के लिए उसकी जी हजूरी करते है। काफी समय से निगम की बजाए अपना ही विकास करने में लगे हुए हैं। एसीबी में घोटालों की शिकायत भी हुई थी, मगर वह भी ले देकर फाइल करवा दी है। इसके पास प्राइवेट बैक वालो का भी जमावड़ा लगा रहता है। वित्त विभाग की बिना परमिशन के प्राइवेट सेक्टर के बैंकों में मोटा लेनदेन कर सरकारी पैसे को अदल बदलकर कर अपना विकास कर रहा है।
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एसीबी पर लोगों का बढ़ा विश्वास
बरामद नकदी और संपत्ति को लेकर आगे की जांच जारी है। एसीबी अधिकारियों का कहना है कि घोटाले से जुड़े अन्य लोगों पर भी जल्द शिकंजा कसा जाएगा। इस बड़ी कार्रवाई को लेकर लोगों ने एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) के मुखिया आलोक मित्तल का आभार व्यक्त किया है। लोगों का कहना है कि एसीबी पर लोगों का विश्वास बढ़ता जा रहा है जिसके कारण भष्ट कर्मचारियों को लोग रोजाना शिकायत के रंगे हाथों गिरफ्तार करवा रहे है।
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