एसबीआई ने महिला उद्यमिता को बढ़ावा दिया- 5,200 महिलाओं के लिए शुरू किया कौशल विकास कार्यक्रम
चंडीगढ़, 28 जनवरी, 2025- देश का सबसे बड़ा बैंक और 21 करोड़ से ज्यादा महिलाओं का बैंकर भारतीय स्टेट बैंक अपने 153 ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थानों (आरएसईटीआई) में एक विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम की शुरुआत करके अपने ‘महिला सशक्तिकरण’ मिशन को मज़बूती दे रहा है। यह प्रशिक्षण कार्यक्रम खास तौर पर महिलाओं के लिए तैयार किया गया है। गणतंत्र दिवस के अवसर पर शुरू किए गए इस कार्यक्रम से लगभग 5,200 महिला उम्मीदवारों को लाभ मिलेगा। इस कार्यक्रम का वर्चुअल उद्घाटन श्री शैलेश कुमार सिंह, सचिव, (ग्रामीण विकास) और श्री सी.एस. सेट्टी, चेयरमैन, एसबीआई ने संयुक्त रूप से किया। उद्घाटन समारोह में एसबीआई के मैनेजिंग डायरेक्टर श्री विनय टोंस भी मौजूद थे।
इस कार्यक्रम में 27 विविध प्रशिक्षण मॉड्यूल शामिल हैं, जिनमें सिलाई, फूड प्रोसेसिंग, सौंदर्य सेवाएँ, वर्मीकल्चर, अगरबत्ती/मोमबत्ती बनाना, मधुमक्खी पालन, जूट उत्पाद निर्माण, सॉफ्ट टॉय निर्माण और ‘वन जीपी, वन बीसी’ (हरेक ग्राम पंचायत में एक बैंक सखी) शामिल हैं। प्रतिभागियों को अपने उद्यमों की दीर्घकालिक सफलता सुनिश्चित करने के लिए वित्तीय सहायता प्राप्त करने और बाजार संबंध स्थापित करने के बारे में व्यापक मार्गदर्शन भी मिलेगा। प्रतिभागियों को प्रेरित और प्रोत्साहित करने के लिए, स्थानीय गणमान्य व्यक्ति और सफल उद्यमी अपने अनुभव और अपना विजन साझा करेंगे।
एसबीआई के आरएसईटीआई देश भर में स्वरोजगार को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। अपनी स्थापना के बाद से, इन संस्थानों ने लगभग 46,818 प्रशिक्षण कार्यक्रमों के माध्यम से लगभग 12.74 लाख उम्मीदवारों को प्रशिक्षित किया है, जिसमें 74 फीसदी उम्मीदवारों ने स्वरोजगार हासिल किया है।
एसबीआई का मजबूती से मानना है कि देश के सकल घरेलू उत्पाद में महिलाओं का लगभग 18 प्रतिशत का महत्वपूर्ण योगदान देखते हुए, महिला सशक्तिकरण सुनिश्चित करना राष्ट्र के लिए समय की आवश्यकता बन गया है।
भारतीय स्टेट बैंक ने भारत में महिलाओं के उद्यमिता के सपने को महत्वपूर्ण रूप से पूरा किया है। 50,000 करोड़ रुपये से अधिक के एसएचजी (स्वयं सहायता समूह) ऋण पोर्टफोलियो के साथ, एसबीआई ने ऐसे समूहों में शामिल 1 करोड़ से अधिक महिलाओं के जीवन को प्रभावित किया है, जिससे इस क्षेत्र में बाजार नेतृत्व हासिल हुआ है। इसके अलावा, सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के तहत एसबीआई द्वारा कवर किए गए कुल नामांकन में महिलाओं की भागीदारी 50 फीसदी से अधिक रही है। इसके अलावा, सीएसआर के संदर्भ में, महिला सशक्तीकरण एसबीआई के प्रमुख फोकस क्षेत्रों में से एक रहा है।
प्रशिक्षण कार्यक्रम की शुरुआत के अवसर पर ग्रामीण विकास विभाग के सचिव, श्री शैलेश कुमार सिंह ने समावेशी और न्यायसंगत विकास के लिए सरकार के दृष्टिकोण को आगे बढ़ाने में पहल के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने ग्रामीण विकास के लिए एसबीआई की मजबूत प्रतिबद्धता की भी सराहना की और महिलाओं के बीच वित्तीय साक्षरता, कौशल निर्माण और उद्यमिता को बढ़ावा देने में एसबीआई के आरएसईटीआई द्वारा निभाई गई महत्वपूर्ण भूमिका को स्वीकार किया।
इस अवसर पर भारतीय स्टेट बैंक के चेयरमैन श्री सी. एस. सेट्टी ने कहा, “यह विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम महिला सशक्तीकरण को बढ़ावा देने और वित्तीय समावेशन को उसकी सच्ची भावना में आगे बढ़ाने के लिए एसबीआई की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। यह न केवल ग्रामीण महिलाओं को आत्मनिर्भर बना रहा है, बल्कि यह ‘विकसित भारत’ के विजन को आगे बढ़ाने की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण कदम है। महिलाओं को कौशल से लैस करके, हमारा उद्देश्य राष्ट्र निर्माण के व्यापक लक्ष्य में योगदान करते हुए आर्थिक स्वतंत्रता की ओर उनकी यात्रा का समर्थन करना है।’’
यह पहल कौशल विकास के माध्यम से महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए एसबीआई के अटूट समर्पण को दर्शाती है, जिससे उन्हें स्थायी आजीविका बनाने और अपने समुदायों में सार्थक योगदान देने में सक्षम बनाया जा सके।
kk
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