एसीबी की बड़ी कार्रवाई: 50 करोड़ से अधिक गबन के चार आरोपी रिमांड पर, ठगी में पैसे से खरीदी प्रोपर्टी
रमेश गोयत
पंचकूला, 31 जनवरी 2025: भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) फरीदाबाद ने पंचायत कार्यालय, हसनपुर, जिला पलवल में 50 करोड़ रुपये से अधिक के गबन के मामले में गिरफ्तार चार आरोपियों को पुलिस रिमांड पर लिया है। साथ ही, इन आरोपियों द्वारा गबन की गई राशि से खरीदी गई संपत्तियों को कुर्क करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
आरोपियों की संपत्तियों की खरीद-फरोख्त पर रोक
जांच में सामने आया कि गिरफ्तार आरोपियों ने गबन की गई राशि का इस्तेमाल कीमती जमीन और प्लॉट खरीदने में किया। सभी आरोपियों की संपत्तियों पर तहसीलदारों को पत्र लिखकर रोक लगा दी गई है और संपत्तियों को कुर्क करने की प्रक्रिया चल रही है।
गिरफ्तार आरोपियों की संपत्ति का खुलासा
1. राकेश कुमार (लिपिक, कार्यालय डी.डी.पी.ओ., पलवल)
- अपने पिता, माता और भाभी के नाम पर 19 एकड़ 28 मरला कृषि भूमि खरीदी
- जमीन की कुल कीमत: ₹21,73,19,010/-
- ₹12 करोड़ नकद भुगतान किया
2. शमशेर सिंह (सेवानिवृत्त एस.ओ.)
- पत्नी के नाम पर कलायत, जिला कैथल में 3 एकड़ 15 मरला कृषि भूमि खरीदी
- कुल कीमत: ₹1,15,00,000/-
- ₹52 लाख नकद भुगतान किया
- प्लॉट नंबर-63, सेक्टर-26, पंचकूला: ₹5,20,00,000/-
- प्लॉट नंबर-106, सेक्टर-28, पंचकूला: ₹1,48,00,000/-
- इसमें से ₹65 लाख नकद भुगतान किया गया
3. सतपाल (कर्मचारी, खजाना अधिकारी, पलवल)
- बरसाना, जिला मथुरा (उत्तर प्रदेश) में 167.28 वर्ग गज का प्लॉट खरीदा
- कुल कीमत: ₹70,03,000/-
- ₹62 लाख नकद भुगतान किया गया
अन्य आरोपी अभी भी फरार
इस घोटाले में अन्य दो आरोपी अभी भी फरार हैं:
- तेजेंद्र (लेखाकार, कार्यालय डी.डी.पी.ओ., पलवल)
- दीपक (निवासी गांव लिखी हसनपुर, जिला पलवल)
पुलिस उनकी तलाश में जुटी हुई है और जल्द ही उनकी गिरफ्तारी की संभावना है।
मामले में दर्ज केस और आरोप
इस घोटाले को लेकर फरीदाबाद एसीबी थाने में मामला संख्या 05 दिनांक 24.01.2025 को दर्ज किया गया था। आरोपियों पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम (PC Act) और भारतीय दंड संहिता (BNS) की कई धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है।
- धारा 7, 13(1)(A) सहपठित 13(2) PC Act
- धारा 61(2), 316(2), 316(5), 318, 318(4), 336(3), 338 BNS
- धारा 43 और 66-C IT Act
गिरफ्तार आरोपियों की स्थिति
- राकेश कुमार (लिपिक, बी.डी.पी.ओ. कार्यालय, हसनपुर, पलवल)
- सतपाल (चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी, खजाना अधिकारी, होडल, पलवल)
- शमशेर सिंह (सेवानिवृत्त एस.ओ., निदेशक, विकास एवं पंचायत विभाग, हरियाणा)
- विजेंद्र कुमार (सहायक-कम-सहायक खजाना अधिकारी, हथीन, पलवल और खजाना कार्यालय, होडल, पलवल)
ये सभी आरोपी वर्तमान में एसीबी की कस्टडी में पुलिस रिमांड पर हैं।
भ्रष्टाचार के खिलाफ एसीबी की सख्ती
एसीबी द्वारा इस गबन के मामले में गंभीर जांच की जा रही है और आरोपी अधिकारियों द्वारा हड़पी गई सार्वजनिक संपत्ति को जब्त करने की प्रक्रिया तेजी से आगे बढ़ रही है। अधिकारियों का कहना है कि इस तरह के भ्रष्टाचार को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और दोषियों को कड़ी सजा दिलाने के लिए कानूनी प्रक्रिया अपनाई जाएगी।
आगे की कार्रवाई
- फरार आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी
- गबन की गई राशि से खरीदी गई संपत्तियों को जब्त करना
- अन्य सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों की संलिप्तता की जांच
- नकद लेन-देन की पूरी जानकारी जुटाने के लिए वित्तीय ट्रांजेक्शनों की जांच
चंडीगढ़ एवं हरियाणा में भ्रष्टाचार निरोधक अभियान के तहत यह एक महत्वपूर्ण मामला बन गया है। अधिकारियों का कहना है कि इस तरह के गबन को रोकने के लिए प्रशासनिक सुधार लाने की जरूरत है।
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