हिंदी दिवस पर हरियाणा विद्युत विनियामक आयोग की हिंदी के प्रति विशेष प्रतिबद्धता
"हिंदी हमारी आत्मा और देश की पहचान है": नन्द लाल शर्मा
चंडीगढ़, 14 सितंबर, 2024: हिंदी दिवस के अवसर पर हरियाणा विद्युत विनियामक आयोग (एचईआरसी) ने हिंदी भाषा के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को और सशक्त बनाने का संकल्प लिया है। एक स्वतंत्र विनियामक निकाय के रूप में, आयोग ने अपनी नीतियों, विनियमों और निर्णयों को हिंदी में उपलब्ध कराने की दिशा में ठोस प्रयास किए हैं, ताकि राज्य के नागरिकों को उनकी मातृभाषा में स्पष्ट और सहज जानकारी मिल सके।
आयोग के अध्यक्ष श्री नन्द लाल शर्मा ने हिंदी दिवस पर कहा, "हिंदी हमारी आत्मा और देश की पहचान है। हमारा उद्देश्य इस आत्मा को समृद्ध करना और नागरिकों तक उनकी भाषा में हमारी नीतियों और निर्णयों को पहुंचाना है। हम आयोग के नए और संशोधित विनियम तथा दिशा-निर्देश हिंदी में भी उपलब्ध करा रहे हैं ताकि राज्य के लोग हमारे कार्यों और नीतियों को सहजता से समझ सकें।"
यह पहल हिंदी के प्रचार-प्रसार को बढ़ावा देने के साथ-साथ यह सुनिश्चित करने के लिए भी है कि किसी भी व्यक्ति को भाषा के कारण आयोग की सेवाओं से वंचित न रहना पड़े। श्री शर्मा ने कहा कि आयोग, एक स्वतंत्र विनियामक के रूप में, हरियाणा के बिजली उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।
आयोग के सदस्य श्री मुकेश गर्ग ने हिंदी दिवस पर कहा, "हिंदी हमारे देश की राजभाषा है, और इसे हर स्तर पर लागू करना हमारा नैतिक कर्तव्य है। आयोग में हिंदी को बढ़ावा देने के लिए उठाए गए कदम यह सुनिश्चित करेंगे कि आम जनता आयोग के कार्यों की जानकारी सरल और सहज भाषा में प्राप्त कर सके।"
आयोग के सचिव श्री नरेंद्र कुमार ने कहा, "हमने हिंदी के प्रयोग को बढ़ावा देने के लिए विशेष प्रयास किए हैं। हमारी टीम ने सुनिश्चित किया है कि वे दस्तावेज और नीतियां जो बिजली उपभोक्ताओं को सीधे प्रभावित करते हैं, हिंदी में भी उपलब्ध हों, ताकि हरियाणा के नागरिकों को हमारी सेवाओं का लाभ उनकी मातृभाषा में मिल सके।"
आयोग के उप निदेशक (मीडिया) श्री प्रदीप मलिक ने हिंदी दिवस पर कहा, "आयोग में हिंदी के प्रयोग को प्राथमिकता दी जा रही है। हमारा प्रयास है कि हरियाणा के नागरिकों को उनकी भाषा में सटीक और प्रभावी जानकारी मिले, जिससे आयोग की पारदर्शिता और जनसंपर्क में वृद्धि हो सके।"
हिंदी दिवस के इस अवसर पर हरियाणा विद्युत विनियामक आयोग ने यह स्पष्ट किया है कि हिंदी को प्रोत्साहन देना और इसे आयोग के कार्यों में शामिल करना उसकी प्रमुख प्राथमिकताओं में है। एचईआरसी का यह कदम न केवल भाषा का सम्मान करता है, बल्कि पारदर्शिता और सुलभता को भी बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है।
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