मोदी 3.0 और ट्रम्प 2.0 के तहत भारत-अमेरिका द्विपक्षीय संबंध नई ऊंचाइयों पर पहुंचेंगे:वाशिंगटन में अमेरिकी प्रशासन के अधिकारी
वाशिंगटन एडवेंटिस्ट यूनिवर्सिटी और एसोसिएशन ऑफ अमेरिकन इंडियन माइनॉरिटीज ने अल्पसंख्यक उत्थान के लिए पीएम मोदी को डॉ. मार्टिन लूथर किंग जूनियर ग्लोबल पीस अवार्ड से किया सम्मानित
प्रधानमंत्री मोदी ने पिछले एक दशक में समावेशी नीतियों और शैक्षिक सुधारों के माध्यम सेअल्पसंख्यकों का सशक्तिकरण सुनिश्चित किया हैं: भारतीय अल्पसंख्यक समुदाय, अमेरिका
पाकिस्तान को प्रधानमंत्री मोदी जैसे मजबूत और राष्ट्रवादी नेता की जरूरत है: सज्जाद तरार,पाकिस्तानी अमेरिकी
मोदी के सबका साथ, सबका विकास मंत्र से सशक्त, अल्पसंख्यक समुदाय भारत की विकास गाथा में निभा रहे हैं महत्वपूर्ण भूमिका
चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी ने शैक्षणिक आदान-प्रदान और रुचि के क्षेत्रों में सहयोग के लिए वाशिंगटन एडवेंटिस्ट यूनिवर्सिटी, यूएसए के साथ किए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर
वाशिंगटन (अमेरिका), 22 नवंबर:
समतापूर्ण विश्व के लिए भारत-अमेरिका रणनीतिक साझेदारी के 10 सफल वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में, वाशिंगटन एडवेंटिस्ट यूनिवर्सिटी द्वारा 22 नवंबर को वाशिंगटन, अमेरिका में कैरोल एवेन्यू, मैरीलैंड स्थित स्लिगो सेवेंथ डे एडवेंटिस्ट चर्च में ग्लोबल इक्विटी अलायंस शिखर सम्मेलन का आयोजन किया।
अल्पसंख्यक कल्याण और शिक्षा पर संवाद को बढ़ावा देकर अल्पसंख्यक सशक्तिकरण को आगे बढ़ाने के उद्देश्य से, प्रसिद्ध शिक्षाविदों, व्यवसाय और विचार नेताओं और नीति निर्माताओं ने भारत में पीएम मोदी के तहत अल्पसंख्यक सुधारों के दशक के प्रभाव के विभिन्न पहलुओं पर विचार-विमर्श किया। इस अवसर पर वाशिंगटन एडवेंटिस्ट यूनिवर्सिटी के चैप्लिन जीवान मून के नेतृत्व में स्लिगो सेवेंथ डे-एडवेंटिस्ट चर्च में विश्व शांति और सद्भाव के लिए विशेष प्रार्थना की गई।
शिखर सम्मेलन के दौरान, वाशिंगटन एडवेंटिस्ट यूनिवर्सिटी और अमेरिकी भारतीय अल्पसंख्यक संघ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अल्पसंख्यक उत्थान के लिए डॉ मार्टिन लूथर किंग जूनियर वैश्विक शांति पुरस्कार से भी सम्मानित किया। यह पुरस्कार पीएम मोदी को पिछले 10 वर्षों में अल्पसंख्यक कल्याण और शांति प्रयासों के लिए किए गए उनके कार्यों के सम्मान में प्रदान किया गया। मोदी सरकार के तहत अनुच्छेद 370 को निरस्त करने से जम्मू और कश्मीर में स्थायी शांति के साथ-साथ तंकवाद से जुड़ी गतिविधियों में भी कमी आई। यही नहीं रूस-यूक्रेन युद्ध के दौरान पीएम मोदी ने शांति स्थापना के प्रयासों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। पीएम मोदी ने बांग्लादेश में संघर्ष के दौरान हिंदुओं की सुरक्षा सुनिश्चित की और म्यांमार के साथ अपनी सीमा पर मानवीय संकट को समाप्त करने के लिए कदम उठाए।
इस अवसर पर कांग्रेसमैंन, शीर्ष अमेरिकी प्रशासन के अधिकारी, प्रसिद्ध शिक्षाविद, शोधकर्ता, उद्योग जगत के अग्रणी और स्थानीय प्रशासन के अधिकारी भी मौजूद थे। इस कार्यक्रम में शामिल होने वाले अन्य प्रमुख लोगों में अमेरिकी वाणिज्य विभाग के पूर्व राष्ट्रीय निदेशक डेविड जे बर्ड, अल्पसंख्यक व्यापार विकास एजेंसी, व्हाइट हाउस संवाददाता डॉ सुखपाल सिंह धनोआ, राज्यसभा सांसद (भारत) और इंडियन माइनॉरिटी फेडरेशन के कन्वीनर सतनाम सिंह संधू,ट्रांसवर्ल्ड एजुकेयर प्राइवेट लिमिटेड के अध्यक्ष डेविड पिल्लई, साउथर्न एशियन सेवंथ -डे एडवेंटिस्ट चर्च के वरिष्ठ पादरी प्रोफेसर केन चेरियन, डॉ जॉन डैनियल, वाशिंगटन एडवेंटिस्ट यूनिवर्सिटी के प्रोवोस्ट डॉ चेरिल हैरिस किसुन्ज़ू,, अमेरिकी प्रशासन के अधिकारी और संयुक्त राज्य अमेरिका में भारतीय अल्पसंख्यक प्रवासी समुदाय के विभिन्न क्षेत्रों के नेता भी शामिल थे।
शिखर सम्मेलन के दौरान, वाशिंगटन एडवेंटिस्ट यूनिवर्सिटी के प्रोवोस्ट डॉ. चेरिल हैरिस किसुन्जू द्वारा ‘ट्रांसफॉर्मेशन ऑफ़ माइनॉरिटीज इन द पास्ट डिकेड इन इंडिया’’ पर प्रकाश डालते हुए एक शोध पत्र प्रस्तुत किया गया, जिसमें यूनिवर्सिटी के अधिकारियों, फैकल्टी और छात्रों ने भाग लिया। वाशिंगटन एडवेंटिस्ट यूनिवर्सिटी (डब्ल्यूएयू) अंतरधार्मिक समझ, समावेशिता और अल्पसंख्यक शैक्षिक सशक्तिकरण के प्रति अपने दीर्घकालिक समर्पण के कारण अल्पसंख्यक शिक्षा में अग्रणी है। यूनिवर्सिटी के मुख्य मूल्य शिखर सम्मेलन के उद्देश्यों के साथ पूरी तरह से मेल खाते हैं, जिसमें शिक्षा को अल्पसंख्यक उत्थान और सामाजिक प्रगति के लिए एक महत्वपूर्ण साधन के रूप में उजागर किया गया है।
इस दौरान 'लीडरशिप इन्क्लूसिवित्य ब्रिजिंग कम्युनिटीज थ्रू पॉलिसीस एंड गवर्नेंस’ और ‘'ट्रांसफॉर्मिंग लाइव्स थ्रू एजुकेशन एम्पोवेरिंग माइनॉरिटी कम्युनिटीज’’ पर दो उच्च स्तरीय पैनल चर्चाएँ आयोजित की गईं, जिनमें अल्पसंख्यक कल्याण, नेतृत्व, शिक्षा और समावेशी शासन से जुड़े जटिल मुद्दों पर चर्चा की गई।
निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और प्रधानमंत्री मोदी के बीच मजबूत मैत्रीपूर्ण संबंधों की प्रशंसा करते हुए, शीर्ष अमेरिकी प्रशासन के अधिकारियों और प्रवासी भारतीयों ने कहा कि ट्रम्प और प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत-अमेरिका द्विपक्षीय संबंध न केवल दोनों देशों के आपसी हितों को नई ऊंचाइयों पर पहुंचायेंगे, बल्कि सभी के लिए वैश्विक शांति, प्रगति और समृद्धि के युग की शुरुआत भी करेंगे।
पिछले दशक में भारत में अल्पसंख्यक समुदायों के अभूतपूर्व सशक्तिकरण को सुनिश्चित करने के लिए पीएम मोदी की सराहना करते हुए अल्पसंख्यक भारतीय प्रवासी नेताओं ने कहा, "सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास के मोदी मंत्र ने न केवल भारत में अल्पसंख्यक समुदायों के सामाजिक-आर्थिक सशक्तिकरण को सुनिश्चित किया है, बल्कि उन्हें राष्ट्र की विकास गाथा में समान भागीदार भी बनाया है। पिछले एक दशक में शैक्षिक सुधारों के साथ-साथ कई कल्याणकारी योजनाओं ने सभी अल्पसंख्यक समुदायों के समान सशक्तिकरण के युग की शुरुआत की है। पीएम मोदी के नेतृत्व में भारत ने तुष्टीकरण की राजनीति को बिना किसी समुदाय के भेदभाव के समावेशी विकास के साथ बदल दिया है।"
वाशिंगटन एडवेंटिस्ट यूनिवर्सिटी की प्रोवोस्ट डॉ. चेरिल हैरिस किसुन्ज़ू ने कहा, "यह शिखर सम्मेलन समानता और उन गठबंधनों के लिए विशेष है, जिन्हें हम अपनी दुनिया को वैश्विक रूप से को प्रभावित करने के लिए एक साथ मिलकर बना सकते हैं।" उन्होंने कहा कि शिखर सम्मेलन के दौरान पेपर से अंतर्दृष्टि को उजागर करने का करते हुए उन्होंने कहा पेपर प्रेजेंटेशन में प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत देश में पहुँच, समानता और सम्मान सुनिश्चित करने के लिए की गई पहलों का सारांश प्रस्तुत करता है।उन्होंने कहा कि इसे पढ़कर मुझे एक वैश्विक नेता, जॉन मैक्सवेल द्वारा की गई टिप्पणी याद आ गई, जो नेतृत्व को देखते हैं और उसका अध्ययन करते हैं। वह घोषणा करते हैं कि कोई भी देश, कोई भी संगठन नेता से ऊपर नहीं उठता है। इसलिए, मैं प्रधानमंत्री मोदी और मार्टिन लूथर किंग जूनियर में समानताएँ देखती हूँ। वे एक सपने की शक्ति को पहचानते हैं, एक ऐसा सपना जहाँ सभी लोग सम्मानित हों, उनका मूल्य हो, उनकी पहुँच हो समान हो। इसलिए, मैं भारत देश में कानूनी कार्रवाइयों के पेपर से उदाहरण साझा करूँ गई जो पहुँच, सम्मान और समानता के लिए एक अंतर बना रहे हैं। आज का यह शिखर सम्मेलन न केवल प्रधानमंत्री के नेतृत्व में भारत की पिछले 10 वर्षों की यात्रा को दर्शाता है, बल्कि यह हमें 21वीं सदी की पहुंच, सम्मान और समानता के लिए नई ऊंचाइयों तक पहुंचने की चुनौती देता है।”
वाशिंगटन एडवेंटिस्ट यूनिवर्सिटी की प्रोवोस्ट डॉ. चेरिल हैरिस किसुन्ज़ू ने ‘भारत में पिछले एक दशक में अल्पसंख्यकों के परिवर्तन’ पर शोध पत्र प्रस्तुत करते हुए कहा, “पीएम मोदी के नेतृत्व में भारत ने अभूतपूर्व शैक्षिक सुधार देखे हैं, जिसने पिछले एक दशक में अल्पसंख्यकों के सम्पूर्ण जीवन को बदल दिया है। पीएम मोदी ने पीएम जन धन योजना और पीएम मुद्रा योजना जैसी पहलों के माध्यम से अल्पसंख्यकों का वित्तीय सशक्तिकरण सुनिश्चित किया है। जिसके परिणामस्वरूप 2014 से 2024 तक, अल्पसंख्यकों के स्वामित्व वाले हज़ारों व्यवसाय इसके परिणामस्वरूप समृद्ध हुए”
"सीएए के साथ, मोदी सरकार पड़ोसी देशों से सताए गए हजारों अल्पसंख्यकों को शरण दे रही है। ट्रिपल तलाक के उन्मूलन जैसे ऐतिहासिक कदम के माध्यम से, मोदी सरकार ने सुनिश्चित किया कि मुस्लिम आबादी के लिए त्वरित तलाक को गैरकानूनी बनाया जाए। इसके अलावा, 2014 में अल्पसंख्यकों में 1.5 मिलियन स्नातक थे जो 2024 में बढ़कर 2.2 मिलियन स्नातक हो गए। अल्पसंख्यकों द्वारा स्टार्ट-अप की संख्या 2014 में 10,000 से बढ़कर 2024 में 40,000 हो गई है।"
चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी, भारत और वाशिंगटन एडवेंटिस्ट यूनिवर्सिटी, अमेरिका के बीच दोनों संस्थानों के पारस्परिक लाभ के लिए रुचि के क्षेत्रों में आदान-प्रदान और सहयोग के कार्यक्रम स्थापित करने के लिए एक समझौता ज्ञापन पर भी हस्ताक्षर किए गए। यह सहयोग छात्रों के लिए अल्पकालिक या दीर्घकालिक गतिशीलता जैसे कि ग्रीष्मकालीन स्कूल, विदेश में सेमेस्टर, अभिव्यक्ति और आदान-प्रदान, छात्रों के लिए मास्टर या डॉक्टरेट कार्यक्रमों में प्रगति, संकाय, अनुसंधान कर्मचारियों और प्रशासनिक कर्मचारियों के आदान-प्रदान के अवसरों की पहचान और फैकल्टी और छात्रों को संयुक्त कार्यशालाओं, सम्मेलनों और सह-प्रकाशन और सांस्कृतिक आदान-प्रदान के लिए एक-दूसरे के संस्थान के शैक्षणिक कार्यक्रमों, शोध संस्थानों और शैक्षिक संसाधनों से अवगत कराएगा और संभावित रुचि और सहयोग के अन्य क्षेत्रों की पहचान करेगा।
पाकिस्तान को प्रधानमंत्री मोदी जैसे मजबूत और राष्ट्रवादी नेता की जरूरत है: वाशिंगटन में 35 साल से रह रहे पाकिस्तानी अमेरिकी सज्जाद तरार
वाशिंगटन में 35 साल से रह रहे पाकिस्तानी अमेरिकी सज्जाद तरार ने कहा, “आज जब हम भारत को देखते हैं, तो दिमाग में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ही नाम आता है। मोदी जी का भारत के लिए सबसे बड़ा योगदान राष्ट्रवाद है। उनके दूरदर्शी नेतृत्व में भारत आज दुनिया की 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है और जल्द ही तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर है। पीएम मोदी के पास मजबूत व्यक्तित्व और नेतृत्व क्षमता है। उनके उल्लेखनीय प्रयासों के कारण भारत एक क्षेत्रीय शक्ति से महाशक्ति में बदल रहा है। मैं हमेशा कहता हूं कि पाकिस्तान को भी प्रधानमंत्री मोदी जैसे मजबूत और राष्ट्रवादी नेता की जरूरत है ताकि पाकिस्तान भी इस नई सदी में सूचना प्रौद्योगिकी, वित्त, नेतृत्व, समर्पण, स्पष्टता और राष्ट्रवाद में आगे बढ़ सके। पीएम मोदी हमेशा भारत को पहले कहते हैं।
किस्तान को प्रधानमंत्री मोदी जैसे मजबूत और राष्ट्रवादी नेता की जरूरत है: वाशिंगटन में 35 साल से रह रहे पाकिस्तानी अमेरिकी सज्जाद तरार
पीएम मोदी के नेतृत्व में भारत क्षेत्रीय शक्ति से महाशक्ति में बदल रहा है: पाकिस्तानी अमेरिकी सज्जाद तरार
वाशिंगटन में 35 साल से रह रहे पाकिस्तानी अमेरिकी सज्जाद तरार ने कहा, “आज जब हम भारत को देखते हैं, तो दिमाग में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ही नाम आता है। मोदी जी का भारत के लिए सबसे बड़ा योगदान राष्ट्रवाद है। उनके दूरदर्शी नेतृत्व में भारत आज दुनिया की 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है और जल्द ही तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर है। पीएम मोदी के पास मजबूत व्यक्तित्व और नेतृत्व क्षमता है। उनके उल्लेखनीय प्रयासों के कारण भारत एक क्षेत्रीय शक्ति से महाशक्ति में बदल रहा है। मैं हमेशा कहता हूं कि पाकिस्तान को भी प्रधानमंत्री मोदी जैसे मजबूत और राष्ट्रवादी नेता की जरूरत है ताकि पाकिस्तान भी इस नई सदी में सूचना प्रौद्योगिकी, वित्त, नेतृत्व, समर्पण, स्पष्टता और राष्ट्रवाद में आगे बढ़ सके। पीएम मोदी हमेशा भारत को पहले कहते हैं।
मोदी सरकार के तहत अल्पसंख्यकों के लंबे समय से लंबित मुद्दों का समाधान किया गया: सतनाम सिंह संधू, सांसद, राज्यसभा और इंडियन माइनॉरिटी फेडरेशन के कन्वीनर
राज्यसभा सांसद और इंडियन माइनॉरिटी फेडरेशन के कन्वीनर सतनाम सिंह संधू ने कहा, "दुनिया मोदी 3.0 और ट्रम्प 2.0 को बड़ी उम्मीदों के साथ देख रही है क्योंकि दोनों नेताओं ने वैश्विक शांति स्थापित करने और युद्धों को समाप्त करने के लिए मिलकर काम करने की अपनी प्रतिज्ञा साझा की है।" भारत में अल्पसंख्यकों के सशक्तिकरण के लिए प्रधानमंत्री मोदी की प्रशंसा करते हुए सतनाम सिंह संधू ने कहा, "भारत की आर्थिक वृद्धि इस तथ्य से देखी जा सकती है कि पिछले 10 वर्षों के दौरान भारत में 25 करोड़ से अधिक लोग गरीबी से बाहर आए हैं। अल्पसंख्यक समुदायों को सशक्त बनाने और उन्हें भारत की विकास गाथा में समान भागीदार बनाने के लिए, प्रधानमंत्री मोदी ने पिछले 10 वर्षों में कई अभूतपूर्व कदम उठाए हैं। सबका साथ, सबका विकास, सबका प्रयास, सबका विश्वास के मोदी मंत्र ने सभी धर्मों और समुदायों के लोगों का समान और समावेशी विकास देखा है। अल्पसंख्यक समुदायों के लोगों ने प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में अपना बढ़ता भरोसा दिखाया है क्योंकि उन्होंने पिछले 10 वर्षों के दौरान अपने लंबे समय से लंबित मुद्दों को हल होते देखा है।"
सतनाम सिंह संधू ने कहा, "अगर सिख समुदाय ने 7 दशकों से लंबित करतारपुर साहिब कॉरिडोर को खुलते देखा है, तो मुस्लिम समुदाय ने ट्रिपल तलाक को खत्म करके मुस्लिम महिलाओं के सशक्तिकरण को देखा है। एक तरफ, पीएम मोदी 3 ई (शिक्षा, रोजगार और उद्यमिता) के माध्यम से अल्पसंख्यकों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति को मजबूत कर रहे हैं, जबकि दूसरी तरफ मोदी जी सभी अल्पसंख्यक समुदायों के पर्यटन गलियारों के निर्माण के लिए भारी निवेश कर रहे हैं, जिसके माध्यम से तीर्थयात्रियों को उनके पूजा स्थलों के साथ बेहतर कनेक्टिविटी प्रदान की जा सकती है।"
भारत में अल्पसंख्यक समुदायों के सशक्तिकरण के लिए उठाए गए कदमों के कुछ आंकड़े साझा करते हुए राज्यसभा सांसद(भारत) सतनाम सिंह संधू ने कहा, "अल्पसंख्यक समुदायों के छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा तक उनकी पहुँच सुनिश्चित करने के लिए 30.8 मिलियन छात्रवृत्तियाँ प्रदान की गई हैं। लगभग 40,000 मदरसों को उन्नत किया गया है ताकि वे मुस्लिम युवाओं को कौशल-आधारित और रोजगारोन्मुखी शिक्षा प्रदान कर सकें। उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए पीएम मुद्रा योजना के तहत दिए गए कुल ऋणों में से 20 % अल्पसंख्यक समुदायों के लोगों को दिए गए हैं। पीएम आवास योजना के तहत बनाए गए कुल 20.3 मिलियन घरों में से 31 प्रतिशत अल्पसंख्यक समुदायों के लोगों को दिए गए हैं। पीएम मोदी के पिछले 10 वर्षों के दौरान अल्पसंख्यक समुदायों के 1.5 मिलियन युवाओं को उनकी रोजगार क्षमता बढ़ाने के लिए कौशल विकास प्रशिक्षण दिया गया है।"
दक्षिण एशियाई अमेरिकी मामलों पर गवर्नर आयोग के अध्यक्ष गुरप्रीत प्रीत तखर ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी और उनकी सरकार ने पिछले कई वर्षों में अमेरिका के साथ भारत के शानदार रिश्ते बनाए हैं।
मैरीलैंड में दक्षिण एशियाई अमेरिकी मामलों पर गवर्नर के आयोग के अध्यक्ष गुरप्रीत प्रीत तखर ने कहा, "आज मैं मैरीलैंड और अमेरिका के भारतीय प्रवासियों का समर्थन करने और प्रधानमंत्री मोदी तथा उनकी सरकार का विशेष रूप से उन अद्भुत संबंधों के लिए समर्थन करने के लिए यहां हूं जो उन्होंने वर्षों से बनाए हैं। यह अमेरिका-भारत साझेदारी सबसे महत्वपूर्ण संबंध है। अमेरिका में हमारे 4 मिलियन प्रवासी भारतीय हैं। उन्होंने कहा कि मैं शिक्षा के गठबंधनों का समर्थन करने के लिए भी यहां हूं क्योंकि यहां आने वाले छात्रों में से दो लाख छात्र हर साल भारत से अमेरिका आते हैं। वे भारत और अमेरिका के रिश्ते को मजबूत रखने के लिए हमारी संस्कृति, हमारी विरासत का एक बड़ा हिस्सा लेकर आते हैं, जिसका मैं समर्थन करने के लिए यहां हूँ।
अमेरिका में भारतीय अल्पसंख्यकों के सामने कई चुनौतियां हैं :मनवासी आर्य, हिंदू समुदाय के सदस्य
हिंदू समुदाय की सदस्य मनवासी आर्य ने कहा किअमेरिका में अल्पसंख्यकों,खासकर भारतीय अल्पसंख्यकों के लिए बहुत सी चुनौतियां हैं। हालांकि हम एक ताकत के रूप में यहां आ रहे हैं, हम भारतीय होने के नाते यहां प्रौद्योगिकी, रक्षा, चिकित्सा सहित सभी क्षेत्रों में अद्भुत काम कर रहे हैं। हमने कुछ भी नहीं छोड़ा है। मुझे लगता है कि अमेरिका ने हमें भारतीयों के रूप में यही दिया है। मैं यहां शिखर सम्मेलन का समर्थन करने के लिए आया हूं क्योंकि कौन सोच सकता था कि अमेरिका में भारतीय होने के नाते हम अल्पसंख्यकों का नेतृत्व करेंगे।
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