साहित्य संस्था ‘मंथन’ द्वारा काव्य गोष्ठी का आयोजन
बाबू शाही ब्यूरो
चंडीगढ़, 24 नवम्बर। साहित्यिक संस्था ‘मंथन’, चण्डीगढ़ द्वारा एक काव्य गोष्ठी का आयोजन वरिष्ठ साहित्यकार सरदारी लाल धवन कमल की अध्यक्षता में सैक्टर 78, मोहाली में सम्पन्न हुआ, जिसमें मुख्यातिथि के तौर पर सुप्रसिद्ध साहित्यकारा एवं चरित्र अभिनेत्री डा. उर्मिला कौशिक सखी ने मंच की शोभा बढ़ाई। मंच संचालन हास्य-कवि दीपक खेतरपाल ने किया।
काव्य-गोष्ठी का शुभारम्भ कवि अंशुकर महेश की रचना ‘बेतुकी सी जिन्दगी बेतुके से रास्ते/बेतुके से रंग सारे बेतुकी के वास्ते’। तत्पश्चात हास्य कवि तेजबीर जेनुअन ने हास्य गीत ‘डाक्टर जी जरा चैक अप कर दो/ये पत्नी बार बार घमकाए पता ना क्या हो गया’, सुशील हसरत नरेलवी ने गजल ‘ये इक काम सलीके से करना आता है जरदारी को/जाने है कैसे खुश रखना है साहिब के दरबारी को’, उर्मिला कौशिक सखी ने ‘मुस्कान पे मेरी झूमे जाए, जो मेरे आगे पीछे घूमे जाए, मुझे उससे मुहब्बत है’, दीपक खेतरपाल ने ‘हो जाऊँगा रिटायर तो करना है क्या’, सरदारी लाल धवन कमल ने ‘हमसे अगर है प्यार तो मिलते रहा करो’, ऋषि राज ने पंजाबी गीत ‘मन दे विच विचार इक आया/लिखने नूं फिर दिल कर आया’, राजन सुदामा ने ‘गरीबों पे गर तुम इनायत करोगे/तो समझो खुदा की इबादत करोगे’, अश्विनी भीम ने ‘कल देखा अजब नजारा था’, दर्शन सिंह ने ‘यूं ही बेवजह कभी कभी आन मिला करो’ सुनाकर समा बाँधा व ख़ूब वाहवाही लूटी।
मुख्यातिथि उर्मिला कौशिक सखी ने अपने व्यक्तव्य में कहा कि मंथन संस्था शुद्ध साहित्य के लिए पिछले सत्रह वर्षों से प्रयासरत् है और अनेक युवा साहित्यकार यहाँ सेष्ट्रीय, अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर एवं बालीवुड में अपनी पहचान बनाने में सफल रहे हैं। उन्होंने हर कवि की रचना पर टिप्पणी भी की। अन्त में, कवि दीपक खेतरपाल ने सभी का आभार प्रकट किया।
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