बदहाली का अड्डा बना पंचकूला का सामान्य अस्पताल: स्वास्थ्य सुविधाओं पर बड़ा सवाल
रमेश गोयत
पंचकूला, 15 दिसम्बर। पंचकूला के सामान्य अस्पताल की दुर्दशा ने स्वास्थ्य सेवाओं की पोल खोल दी है। आधुनिक चिकित्सा सुविधाओं के दावों के बीच यहां मरीजों को बुनियादी जरूरतें भी उपलब्ध नहीं हो पा रही हैं।
अस्पताल में गंदगी, डॉक्टरों की कमी और खराब व्यवस्था से मरीज और उनके परिजन परेशान हैं। वार्डों में साफ-सफाई का अभाव है, कई उपकरण खराब पड़े हैं, और दवाइयों की भारी कमी देखी जा रही है। मरीजों को इलाज के लिए लंबी कतारों में घंटों खड़ा रहना पड़ता है।
गंभीर मामलों को लेकर लापरवाही
हाल ही में एक गर्भवती महिला को समय पर डॉक्टर न मिलने के कारण दूसरे अस्पताल रेफर किया गया। मरीज के परिजनों ने आरोप लगाया कि स्टाफ का रवैया बेहद असंवेदनशील था। इसी तरह इमरजेंसी वार्ड में कई बार मरीजों को समय पर इलाज नहीं मिल पाता, जिससे स्थिति और गंभीर हो जाती है।
सिस्टम पर उठ रहे सवाल
स्थानीय निवासियों का कहना है कि सरकार और प्रशासन ने पंचकुला के इस प्रमुख अस्पताल की स्थिति सुधारने के कई वादे किए थे, लेकिन वे सब कागजों तक ही सीमित रह गए।
अधिकारियों की प्रतिक्रिया
अस्पताल प्रशासन का कहना है कि डॉक्टरों और स्टाफ की कमी जल्द पूरी की जाएगी। साथ ही उपकरणों को ठीक करने और दवाइयों की उपलब्धता सुनिश्चित करने की योजना बनाई जा रही है।
पंचकूला जैसे प्रमुख शहर के इस सामान्य अस्पताल की स्थिति ने राज्य की स्वास्थ्य सेवाओं पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है। मरीज और उनके परिजन उम्मीद कर रहे हैं कि प्रशासन जल्द ही इस समस्या का समाधान करेगा। सेक्टर-6 का सामान्य अस्पताल इन दिनों बदहाली का प्रतीक बन चुका है। मरीजों को बेहतर सुविधाएं देने का दावा करने वाला स्वास्थ्य विभाग यहां अपनी व्यवस्थाओं की पोल खुलने से बचा नहीं पा रहा। हालिया उदाहरण अस्पताल की तीसरी मंजिल पर स्थित ICU के वोटिंग रूम का है, जहां पिछले चार दिनों से बाथरूम बंद पड़ा है। जिसकी फ़ोटो अपने आप सच बोल रही है
मेंटेनेंस के नाम पर मरीजों और परिजनों की परेशानी:---
अस्पताल प्रशासन बाथरूम बंद होने का कारण मेंटेनेंस कार्य बता रहा है। परिजनों को न केवल लंबे इंतजार का सामना करना पड़ रहा है, बल्कि सर्दी के मौसम में उन्हें कई दिक्कतें झेलनी पड़ रही हैं। पानी की कमी और साफ-सफाई जैसी बुनियादी सुविधाओं का अभाव अस्पताल में स्वास्थ्य सेवाओं के गिरते स्तर को उजागर करता है। जिसकी पोल पट्टी ये बाथरूम की तस्वीरे खोलती नज़र आ रही है,
अस्पताल प्रशासन की चुप्पी :--
लोगों को हो रही परेशानियों पर अस्पताल प्रशासन ने चुप्पी साध रखी है। न तो कोई वैकल्पिक व्यवस्था की गई है, न ही बाथरूम को जल्द ठीक कराने के ठोस प्रयास दिखाई दे रहे हैं। परिजनों का कहना है कि ऐसी स्थिति में मरीजों की देखभाल करना मुश्किल हो रहा है।
स्वास्थ्य विभाग के दावों पर सवाल:--
स्वास्थ्य विभाग का दावा है कि वे मरीजों को हरसंभव बेहतर सुविधाएं प्रदान कर रहे हैं, लेकिन इस घटना ने उनके वादों पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है। अस्पताल में ऐसी लापरवाही न केवल मरीजों के स्वास्थ्य पर असर डाल सकती है, बल्कि विभाग की कार्यप्रणाली पर भी गंभीर सवाल खड़े करती है।
समाधान की उम्मीद कब?
आम जनता की मांग है कि स्वास्थ्य विभाग इस समस्या का तुरंत समाधान करे और भविष्य में ऐसी लापरवाही न हो, इसके लिए सख्त कदम उठाए। लोगों को उम्मीद है कि प्रशासन इस मामले को गंभीरता से लेगा और पंचकुला सामान्य अस्पताल की बदहाल स्थिति में सुधार लाएगा।
समस्या को अनदेखा करना अब संभव नहीं है। यह वक्त है जब जिम्मेदार अधिकारी अपने दायित्व को समझें और मरीजों व उनके परिजनों को राहत देने के लिए ठोस कदम उठाएं।
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