श्री आनंदपुर साहिब में जुटे पंथक संगठन, नए जत्थेदारों के बहिष्कार समेत 6 प्रस्ताव पारित
श्री आनंदपुर साहिब, 14 मार्च, 2025 - आज श्री आनंदपुर साहिब में पंथक संगठनों द्वारा एक विशाल समागम का आयोजन किया गया है। इस अवसर पर पंथक संगठनों के नेताओं ने नए जत्थेदारों की नियुक्ति को खारिज करते हुए ज्ञानी रघबीर सिंह, ज्ञानी सुल्तान सिंह और ज्ञानी हरप्रीत सिंह से सेवा बहाल करने की अपील की। इस दौरान 6 प्रस्ताव भी पारित किये गये। जो नीचे लिखा गया है-
1. श्री अकाल तख्त साहिब जी के कार्यवाहक जत्थेदार और तख्त श्री केसगढ़ साहिब जी के जत्थेदार के रूप में कुलदीप सिंह गर्गज जी की नियुक्ति रद्द की गई। और टेक सिंह साहिब भी तलवंडी साबो के जत्थेदार के रूप में नामित व्यक्ति को अस्वीकार करते हैं। उनका पूर्णतः बहिष्कार किया जाना चाहिए।
2. पारित किया जाता है कि सिंह साहिब ज्ञानी रघवीर सिंह जी जत्थेदार श्री अकाल तख्त साहिब, सिंह साहिब ज्ञानी सुल्तान सिंह जी जत्थेदार श्री केसगढ़ साहिब, सिंह साहिब ज्ञानी हरप्रीत सिंह जी जत्थेदार तख्त श्री दमदमा साहिब को पंथ की भावनाओं का सम्मान करते हुए अब तख्त साहिबों के जत्थेदार के रूप में सेवा शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति की अंतर-समिति को सौंप देनी चाहिए।

3. ….उन तीन सदस्यों को धन्यवाद। जिन्होंने राष्ट्र की भावनाओं का प्रतिनिधित्व करते हुए सिंह साहिबानों को हटाने के प्रस्ताव का विरोध किया। और अंतर समिति के बाकी बचे 11 सदस्यों से अपील है कि वे 17 तारीख को पिछले जत्थेदारों की सेवाएं बहाल करें और नए जत्थेदारों की नियुक्ति रद्द करें। आज की यह सभा सिख संगत से अपील करती है कि वे अंतर समिति के 11 सदस्यों से मिलें और इस बात पर सहमत हों कि वे 17 तारीख को अपने कर्तव्य को पहचानेंगे और सिख पंथ की भावनाओं को फिर से जीवंत करेंगे। अगर वे ऐसा करने के लिए सहमत नहीं होते हैं, तो सिख संगत को उनके पास जाना चाहिए और उन्हें सिख संगत की भावनाओं का निर्माण करने वाले निर्णय लेने के लिए मजबूर करना चाहिए।
4. आज की पंथ सभा शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी से अपील करती है। कि अब से तख्त साहिबानों के जत्थेदारों की नियुक्ति और उनकी सेवानिवृत्ति सभी संगठनों, संप्रदायों और सिख बुद्धिजीवियों की मंजूरी से एक लिखित कानून के रूप में की जानी चाहिए, ताकि सिंह तख्त साहिबानों की गरिमा और सम्मान को संरक्षित और कायम रखा जा सके।
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5. पंथक समागम सभी सिख संगतों से अपील करता है कि 28 मार्च को शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के आम अधिवेशन से पहले शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के समक्ष एक प्रतिनिधिमंडल बनाकर शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के सभी सदस्यों को यह भरोसा दिलाएं कि वे अंतर-कमेटी द्वारा लिए गए पंत विरोधी फैसलों को रद्द करवाने में अपना योगदान देंगे। अगर वे अपना फर्ज नहीं पहचानते तो आज का पंथक समागम यह फैसला करता है कि 28 मार्च को शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के बजट अधिवेशन के दिन सभी सिख संगतें गांव-गांव से चरखे चलाती हुई सरदार तेजा सिंह समुंद्री हर श्री अमृतसर साहिब पहुंचेंगी। इसलिए शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के जो सदस्य अपना फर्ज नहीं पहचानते उन्हें उस समय सिख संगतों के साथ चलने के लिए तैयार रहना चाहिए।
6. सिख पंथ में पैदा हुए संकट के माहौल को देखते हुए, जिससे श्री अकाल तख्त साहिब और अन्य तख्त साहिबानों की गरिमा और सम्मान को ठेस पहुंची है, आज का पंथिक समागम दमदमी टकसाल के प्रमुख और संत समाज के अध्यक्ष संत ज्ञानी हरनाम सिंह जी खालसा से अपील करता है कि वे सभी संत समाज सिख संप्रदायों, महान संतों और सभी संगठनों को साथ लेकर सिख पंथ का नेतृत्व करें और इन बुरी संगतों से इसे बाहर निकालें, क्योंकि दमदमी टकसाल का इतिहास गवाह है कि समय-समय पर पंथ में पैदा हुई धार्मिक और राजनीतिक संगतों के दौरान दमदमी टकसाल के प्रमुखों ने पंथ का नेतृत्व किया है। यह आज समय की सबसे बड़ी जरूरत है।
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