बिजली निजीकरण के खिलाफ आयोजित बिजली पंचायत में कर्मचारी एवं कंज्यूमर ने भरी हुंकार
जनता की परिस्थितियों को किसी कीमत पर बिकने नहीं देंगे: सुभाष लांबा
निजीकरण के खिलाफ 31 दिसम्बर को सभी राज्यों के बिजली कर्मचारी एक घंटे करेंगे हड़ताल : शैलेन्द्र दुबे
प्रशासन , सरकारी कर्मचारी को प्राईवेट कंपनी के अधीन काम करने के लिए बाध्य नहीं कर सकता : गोपाल दत्त जोशी
रमेश गोयत
चंडीगढ़,25 दिसंबर। नेशनल कोआर्डिनेशन कमेटी ऑफ इलेक्ट्रिसिटी एम्पलाइज एंड इंजीनियर (एनसीसीओईईई) के बेनर तले बुधवार को रामलीला ग्राउंड बिजली कालौनी सेक्टर 28 बी में यूटी पावर मैन यूनियन के अध्यक्ष अमरिक सिंह की अध्यक्षता में निजीकरण के खिलाफ बिजली पंचायत का आयोजन किया गया। बिजली पंचायत में हजारों की संख्या में कर्मचारी, आम नागरिक, किसानों, मजदूरों व महिलाओं ने भाग लिया। पंचायत में केन्द्र सरकार के गृह विभाग के निर्देश पर बिजली विभाग को निजी हाथों में सौंपने के खिलाफ आक्रोश साफ दिखाई दे रहा था। पंचायत में हरियाणा , हिमाचल ,पंजाब व जम्मू-कश्मीर से भी सैकड़ों की संख्या में कर्मचारियों ने शामिल होकर निजीकरण के खिलाफ चल रहे आंदोलन के साथ एकजुटता प्रकट की। पंचायत में चंडीगढ़ के मेयर कुलदीप कुमार टीटा अपने आधा दर्जन पार्षदों के साथ पहुंचे। इसके साथ ही कई दिनों से निजीकरण के खिलाफ भूख हड़ताल कर रहे कांग्रेस के अध्यक्ष हरमोहिंदर सिंह लक्की व जिला प्रधान सुरजीत सिंह ढिल्लों भी पहुंचे और निजीकरण के खिलाफ लड़ाई में हर संभव मदद देने का ऐलान किया। बिजली पंचायत में अखिल भारतीय किसान सभा के जरनल सेकेट्री बीजू कृष्णन भी पहुंचे और निजीकरण का पुरजोर विरोध किया और आंदोलन का समर्थन किया।
पंचायत में नेशनल कोआर्डिनेशन कमेटी आफ इलेक्ट्रिसिटी एम्पलाइज एंड इंजीनियर (एनसीसीओईईई) के राष्ट्रीय नेता शैलेन्द्र दुबे, सुभाष लांबा,आर.के.शर्मा, देवेन्द्र कुमार, गुरप्रीत सिंह गंडी, सुरेश राठी, हीरा लाल वर्मा, अब्दुल नजार आदि के पहुंचे। कमेटी की ओर से इलेक्ट्रिसिटी एम्पलाइज फेडरेशन ऑफ इंडिया के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सुभाष लांबा ने ऐलान किया कि निजीकरण के खिलाफ लड़ाई चंडीगढ़ के साथ पुरे देश में लड़ी जाएगी। उन्होंने ऐलान किया कि निजीकरण के खिलाफ 31 दिसम्बर को सभी राज्यों के बिजली कर्मचारी 12 से 1 बजे तक कार्य फ्रिज करेंगे और सभी राज्यों की राजधानियों में राज भवन मार्च करेंगे। उन्होंने महामहिम राज्यपाल कम प्रशासक से बिजली विभाग के अवैध हस्तांतरण पर रोक लगाने की मांग की। यूटी पावर मैन यूनियन चंडीगढ़ के महासचिव गोपाल दत्त जोशी व पूर्व प्रधान ध्यान सिंह ने कहा कि चंडीगढ़ में निजीकरण के खिलाफ जन जागरण अभियान जारी रहेगा और जनमत संग्रह भी कराया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रशासन किसी भी सरकारी कर्मचारी को निजी कंपनी के मातहत काम करने के लिए बाध्य नहीं कर सकता। उन्होंने कहा कि अगर ऐसा होता है तो बिजली कर्मचारी बिल्कुल काम नहीं करेंगे।
ऑल इंडिया पावर डिप्लोमा इंजीनियर्स फेडरेशन के चेयरमैन शैलेन्द्र दुबे ने कहा कि उप्र सरकार ने भी पूर्वांचल व दक्षिणांचल डिस्कॉम को निजी हाथों में सौंपने का फैसला किया है। जिसके खिलाफ उप्र के बिजली कर्मचारी एवं इंजीनियर मजबूती से लड़ाई लड़ रहे हैं। ऑल हरियाणा पावर कारपोरेशनज वर्कर यूनियन के राज्य प्रधान सुरेश राठी, हिमाचल प्रदेश स्टेट इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड यूनियन के महासचिव हीरा लाल वर्मा,टीएसयू पंजाब के अध्यक्ष रतन सिंह मुजारी,एमएसयू पंजाब के हरपाल सिंह, जम्मू-कश्मीर बिजली यूनियन के अध्यक्ष अब्दुल नजार ,यूटी फैडरेशन के प्रधान रघबीर चंद, पी एस एस एफ के महासचिव नारायण तिवारी,पिन्डू संघर्ष कमेटी के दलजीत पल्सोरा, साधू सिंह,गुरदयाल सिंह, गुरप्रीत सोमल, जोगा सिंह,पंजाबी लेखक सभा के दीपक चनारथल, सीटू के जितेन्द्र पाल, एक के देवी दयाल, सी टीयू के इन्द्रजीत ग्रेवाल,फ फोसवेक के बलजिन्दर बिट्टू,प्रदीप चोपड़ा, उजागर सिंह मोही, परमजीत सिंह,आदि ने अपने संबोधन में कहा कि अगर चंडीगढ़ के कर्मचारियों को जबरन निजी कंपनी के मातहत काम करने के लिए बाध्य किया तो सभी राज्यों में काम काज ठप्प कर दिया जाएगा।
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