ऑटो डीलर्स से सेकेंड हैंड कार खरीदना अब महंगा हो जाएगा
जीएसटी काउंसिल के नए फैसले से सेकेंड हैंड कारों की कीमतें बढ़ने की संभावना है, जिससे मध्यम वर्ग और आम लोगों पर आर्थिक बोझ पड़ सकता है। इस फैसले के कुछ प्रमुख बिंदु इस प्रकार हैं:
सेकंड-हैंड कारों पर जीएसटी बढ़ोतरी:
ऑटो कंपनियों या डीलरों से खरीदी गई सेकंड-हैंड कारों पर जीएसटी 12% से बढ़ाकर 18% कर दिया गया है। यह नई दर 1 जनवरी 2025 से लागू होगी.
यदि कोई निजी व्यक्ति किसी अन्य निजी व्यक्ति से सीधे सेकंड हैंड कार खरीदता है, तो 12% की मौजूदा दर लागू रहेगी।
इस प्रकार, निजी खरीदारों के लिए दर नहीं बढ़ेगी।
नई कारों पर भी असर:
नई कारों की कीमतें 4% तक बढ़ने की संभावना है, क्योंकि कार निर्माता कंपनियां कीमतों में बढ़ोतरी की घोषणा कर रही हैं।
नई इलेक्ट्रिक कारों पर 5% जीएसटी जारी रहेगा।
मध्यम वर्ग के लिए चुनौती:
सेकेंड हैंड कारों की कीमत के कारण मध्यम वर्ग के लिए अधिक मोटर वाहन खरीदना मुश्किल हो जाएगा।
पुरानी कार खरीदने पर आपको निर्णय पर पुनर्विचार करना पड़ सकता है।
अभी खरीदने का मौका:
31 दिसंबर 2024 से पहले कार खरीदने वाले लोग नई कीमतों और बढ़े हुए टैक्स से बच सकते हैं।
अगर आप सेकेंड-हैंड कार खरीदने की योजना बना रहे हैं तो इस अतिरिक्त टैक्स को ध्यान में रखना जरूरी है। निजी खरीदारों के लिए कुछ छूट है, लेकिन ऑटो डीलरों से खरीदारी अब महंगी होगी।
केके
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