वीपी के पीयू दौरे से पहले वारिंग ने सीनेट चुनाव में देरी पर चिंता जताई
पंजाब विश्वविद्यालय के लोकतांत्रिक मूल्यों को बनाए रखना सर्वोपरि: वारिंग
सभी हितधारकों के हितों को ध्यान में रखकर निर्णय लें: प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष
रमेश गोयत
चंडीगढ़, 20 दिसंबर। पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष और लुधियाना से सांसद अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग ने भारत के उपराष्ट्रपति एवं पंजाब विश्वविद्यालय के चांसलर जगदीप धनखड़ के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक में विश्वविद्यालय में सीनेट चुनावों में हो रही देरी पर चर्चा की।
वड़िंग ने कहा, “पंजाब विश्वविद्यालय उच्च शिक्षा में लोकतांत्रिक शासन का प्रतीक है। इसकी निर्वाचित सीनेट निष्पक्षता और समावेशिता का अद्वितीय मॉडल है। चुनावों में देरी इस परंपरा पर गंभीर सवाल खड़े करती है।”
उन्होंने सीनेट चुनावों को संस्थान के प्रभावी कार्य संचालन के लिए अनिवार्य बताते हुए कहा कि इनसे छात्रों, शिक्षकों और विश्वविद्यालय के भविष्य को दिशा मिलती है। उन्होंने कहा, “यह देरी न केवल निर्णय प्रक्रिया में खालीपन पैदा करती है, बल्कि महत्वपूर्ण मुद्दों को भी अनसुना कर देती है। सभी हितधारकों के लोकतांत्रिक अधिकारों का सम्मान करते हुए इन चुनावों को प्राथमिकता के आधार पर संपन्न किया जाना चाहिए।”
धनखड़ के दौरे पर विशेष आग्रह:
वारिंग ने उपराष्ट्रपति धनखड़ से अनुरोध किया कि उनके दौरे के दौरान लिए गए सभी निर्णयों में विश्वविद्यालय के लोकाचार और सभी हितधारकों के हितों को प्राथमिकता दी जाए। उन्होंने कहा, “यह केवल शासन का मुद्दा नहीं है, बल्कि पंजाब विश्वविद्यालय की लोकतांत्रिक पहचान की रक्षा का सवाल है। जो भी निर्णय हो, वह छात्रों, शिक्षकों और कर्मचारियों की सामूहिक इच्छाओं का प्रतिनिधित्व करना चाहिए।”
लोकतांत्रिक मूल्यों की मिसाल:
वारिंग ने कहा कि पंजाब विश्वविद्यालय का लोकतांत्रिक शासन मॉडल पूरे देश के लिए एक प्रेरणा है। उन्होंने कहा, “सीनेट चुनावों में देरी को समाप्त कर, हम देशभर में उच्च शिक्षा संस्थानों के लिए लोकतांत्रिक मूल्यों का मजबूत संदेश भेज सकते हैं।”
वारिंग ने उपराष्ट्रपति के हस्तक्षेप से शीघ्र समाधान की आशा जताई और कहा कि “मुझे विश्वास है कि धनखड़ जी इस मामले को गंभीरता से लेंगे और पंजाब विश्वविद्यालय व उसके हितधारकों के भविष्य के हित में प्रभावी कदम उठाएंगे।”
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