हरियाणा में HCS अधिकारी का गृह जिले में SDM पद पर नियुक्ति विवाद
रमेश गोयत
चंडीगढ़, 12 जनवरी: हरियाणा सिविल सेवा (HCS) के 2020 बैच के अधिकारी चंद्रकांत कटारिया को उनके गृह जिले पंचकूला में उपमंडल अधिकारी (नागरिक) यानी SDM के पद पर तैनात किए जाने का मामला चर्चाओं में है। चंद्रकांत कटारिया, पूर्व केंद्रीय मंत्री और भाजपा सांसद रहे दिवंगत रतनलाल कटारिया के पुत्र हैं।
प्रशासनिक सेवा के सामान्य नियमों के अनुसार, गजेटेड अधिकारियों को उनके गृह जिले में तैनात नहीं किया जाता। हालांकि, चंद्रकांत कटारिया को पंचकूला में एसडीएम नियुक्त करना इस परंपरा और सरकारी नीति के खिलाफ दिखता है।
प्रशासनिक मामलों के जानकार एडवोकेट हेमंत कुमार ने इस पर टिप्पणी करते हुए कहा कि हरियाणा सरकार ने 1989 और 1991 में सर्कुलर जारी कर यह स्पष्ट किया था कि गजेटेड अधिकारियों को उनके गृह जिले में तैनात नहीं किया जाएगा। इस नीति का उद्देश्य अधिकारियों की निष्पक्षता और प्रशासनिक स्वतंत्रता सुनिश्चित करना है।
हेमंत कुमार ने बताया कि IAS और HCS अधिकारियों की फील्ड पोस्टिंग पर भी यह नीति लागू होती है। विशेष परिस्थितियों में सामान्य प्रशासन विभाग से पूर्व स्वीकृति लेकर ही ऐसी नियुक्तियां की जा सकती हैं। हालांकि, कुछ वर्गों जैसे विभागाध्यक्ष, मंडलायुक्त, प्रोफेसर, वरिष्ठ चिकित्सक, आदि को इस नीति से छूट दी गई है।
चंद्रकांत कटारिया की पृष्ठभूमि
चंद्रकांत कटारिया दिवंगत रतनलाल कटारिया के पुत्र हैं, जो तीन बार अंबाला से सांसद रहे और 2019-2021 के बीच केंद्रीय राज्य मंत्री के पद पर रहे। चंद्रकांत की मां बंतो कटारिया ने 2024 में अंबाला लोकसभा सीट से भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ा था, लेकिन हार गई थीं।
सरकार का पक्ष क्या होगा?
प्रश्न उठता है कि क्या चंद्रकांत कटारिया की नियुक्ति सामान्य प्रशासन विभाग की स्वीकृति से हुई है या नहीं। चूंकि HCS अधिकारियों की नियुक्ति मुख्यमंत्री के निर्देशों के तहत मुख्य सचिव द्वारा की जाती है, यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या इस मामले में नियमों का पालन किया गया है।
यह मामला प्रशासनिक नियमों और राजनीतिक निर्णयों के बीच संतुलन का उदाहरण है। अब देखना होगा कि सरकार इस मुद्दे पर क्या रुख अपनाती है।
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