6 वर्षो बाद भी राज्य सुरक्षा आयोग और पुलिस स्थापना कमेटी का गठन लंबित -
10 जनवरी 2019 से लागू हरियाणा पुलिस संशोधन कानून में प्रावधान -- एडवोकेट हेमंत
रमेश गोयत
चंडीगढ़। ठीक छ: वर्ष पूर्व 10 जनवरी 2019 से हरियाणा पुलिस (संशोधन) कानून, 2018 लागू हुआ था परन्तु आज तक उसकी अनुपालना में प्रदेश में राज्य सुरक्षा आयोग (स्टेट सिक्योरिटी कमीशन ) का गठन नहीं किया गया है. इतना ही नहीं उक्त संशोधन कानून द्वारा प्रस्तावित पुलिस स्थापना कमेटी भी आज तक नहीं बनाई गई है.
पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट के एडवोकेट हेमंत कुमार ने बताया कि उन्होंने उपरोक्त आयोग एवं कमेटी के गठन एवं उनकी संपन्न हुई बैठकों बारे में जानकारी हेतु कुछ समय पूर्व प्रदेश के गृह विभाग में एक आर.टी.आई. याचिका दायर की थी. पहले बिंदु में हरियाणा पुलिस कानून, 2007 की धारा 26 में विभाग द्वारा राज्य सुरक्षा आयोग के गठन बारे जारी गजट नोटिफिकेशन की कॉपी एवं उसकी आयोजित हुई सभी बैठकों बारे सूचना मांगी गई थी. इसके जवाब में बताया गया कि विभाग द्वारा ऐसा आयोग गठित करने के बारे में कोई नोटिफिकेशन नहीं प्रकाशित की गई है.
उपरोक्त आयोग के कार्यों में राज्य सरकार द्वारा पुलिस कानून का उपयुक्त क्रियान्वयन करवाना, प्रदेश में कार्यकुशल, प्रभावी और जवाबदेही पुलिसिंग सुनिश्चित करने के लिए उचित दिशा-निर्देश जारी करना और प्रदेश पुलिस के संगठनात्मक प्रदर्शन की समीक्षा और मूल्यांकन करना शामिल है. उपरोक्त आयोग का चेयरमैन प्रदेश के मुख्यमंत्री जबकि वाईस-चेयरमैन गृह मंत्री एवं इनके अलावा विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष, एक रिटायर्ड हाईकोर्ट जज, एडवोकेट-जनरल, मुख्य सचिव, गृह सचिव, राज्य के पुलिस महानिदेशक और दो गैर-सरकारी सदस्य जिसमें एक रिटायर्ड आईएएस होगा इस आयोग के सदस्य होंगे.
इसी प्रकार आर.टी.आई. के दूसरे बिंदु में हरियाणा पुलिस कानून की धारा 34 में गृह विभाग द्वारा पुलिस स्थापना कमेटी के गठन बारे जारी गजट नोटिफिकेशन की कॉपी एवं इस कमेटी की संपन्न हुई बैठकों के बारे में जानकारी मांगी थी जिसके जवाब में भी बताया कि विभाग द्वारा ऐसी कमेटी स्थापित करने के बारे में भी कोई गजट नोटिफिकेशन प्रकाशित नहीं की गयी है.
हेमंत ने बताया कि मौजूदा लागू कानून के अनुसार इस कमेटी के चेयरमैन राज्य के डी.जी.पी.(पुलिस महानिदेशक ) एवं अन्य सदस्यों में राज्य इंटेलिजेंस विंग (सी.आई.डी.) प्रमुख, पुलिस मुख्यालय के प्रशासनिक विंग के प्रमुख एवं लॉ एंड आर्डर (कानून-व्यवस्था ) के मुखिया का उल्लेख है. यह कमेटी पुलिस विभाग में इंस्पेक्टर (निरीक्षक ) रैंक के कर्मियों की तबादले एवं तैनाती सम्बन्धी निर्णय लेगी जबकि डी.एस.पी. (उप पुलिस अधीक्षक ) एवं एस.पी (पुलिस अधीक्षक) की तैनाती/तबादलों के सम्बन्ध में यह कमेटी राज्य सरकार को अपनी सिफारिश करेगी.
उन्होंने आगे बताया कि वो इस पर भी हैरान हुए कि उक्त दोनों बिंदुओं पर गृह विभाग द्वारा उन्हें लिखा गया कि वह राज्य के पुलिस महानिदेशक (डी.जी.पी.) कार्यालय से आगामी कार्यवाही हेतू संपर्क करें जहाँ गृह विभाग ने उनकी आर.टी.आई. को स्थानांतरित भी कर दिया था. राज्य सुरक्षा आयोग और पुलिस स्थापना कमेटी का गठन राज्य सरकार के गृह विभाग द्वारा किया जाना है न कि राज्य के डी.जी.पी. कार्यालय द्वारा. हालांकि इसके बाद पुलिस महानिदेशक कार्यालय के राज्य जन सूचना अधिकारी ने भी यही जवाब दिया कि उन्होंने भी उक्त आयोग या कमेटी बनाने के सम्बन्ध में कोई नोटिफिकेशन जारी नहीं की है.
हेमंत ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा करीब साढ़े 18 वर्ष पूर्व 22 सितम्बर, 2006 को प्रकाश सिंह केस में देश में पुलिस सुधारों पर ऐतिहासिक निर्णय में सभी प्रदेश सरकारों को दिए गए छ: निर्देशों में स्टेट हर राज्य में स्टेट सिक्योरिटी कमीशन अर्थात राज्य सुरक्षा आयोग और पुलिस इस्टैब्लिशमेंट (स्थापना ) कमेटी गठित करने का निर्देश भी शामिल था. कोर्ट के निर्णय के बाद हरियाणा की तत्कालीन हुड्डा सरकार ने विधानसभा द्वारा हरियाणा पुलिस कानून, 2007 पारित करवाया परन्तु उसकी मूल धारा 26 में राज्य पुलिस बोर्ड का प्रावधान किया गया था जिस धारा को पूर्णतः संशोधित कर खट्टर सरकार द्वारा पिछले कार्यकाल दौरान राज्य सुरक्षा आयोग कर दिया गया था हालांकि आज तक उसका गठन नहीं किया गया है. दिसंबर, 2006 में तत्कालीन हुड्डा सरकार द्वारा राज्य पुलिस बोर्ड नोटिफाई किया गया था परन्तु उसकी सम्पन्न बैठकों बारे आधिकारिक जानकारी उपलब्ध नहीं है.
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