अब जंगली जानवरों के नुकसान पर मिलेगा मुआवजा: विजय बंसल की जनहित याचिका का असर
रमेश गोयत
चंडीगढ़/पंचकूला, 12 जनवरी। हरियाणा सरकार ने जंगली जानवरों से किसानों को होने वाले नुकसान की भरपाई के लिए मुआवजा नीति लागू कर दी है। अधिसूचना के तहत फसलों, आवासों, मवेशियों और मानव जीवन को होने वाले नुकसान पर मुआवजा तय किया गया है। यह कदम हरियाणा किसान कांग्रेस के वरिष्ठ उपाध्यक्ष और शिवालिक विकास मंच के अध्यक्ष विजय बंसल एडवोकेट की सात वर्षों की लंबी कानूनी और सामाजिक लड़ाई के बाद संभव हो पाया।
जंगली जानवरों से नुकसान पर मुआवजा का प्रावधान
अधिसूचना के मुताबिक:
फसल नुकसान:
बरसाती फसलों पर ₹6800 प्रति हेक्टेयर।
सिंचित फसलों पर ₹13,500 प्रति हेक्टेयर।
बारहमासी फसलों पर ₹18,000 प्रति एकड़।
रेशम पालन (मलबेरी) पर ₹4800 प्रति एकड़।
आवासीय क्षति:
पूर्ण रूप से क्षतिग्रस्त पक्के घर: ₹95,100 (मैदानी क्षेत्र) और ₹1,01,900 (पहाड़ी क्षेत्र)।
आंशिक नुकसान पर ₹5200 से ₹3200 तक मुआवजा।
झोपड़ी नष्ट होने पर ₹4100।
मानव जीवन:
किसान की मृत्यु पर ₹2 लाख।
अपाहिज होने पर ₹1 लाख।
बच्चे की मृत्यु पर ₹70,000।
बच्चे के अपाहिज होने पर ₹35,000।
पशुधन:
गाय/सांड: ₹12,000।
भैंस: ₹30,000।
ऊंट: ₹20,000।
घोड़ा: ₹30,000।
जनहित याचिका और विजय बंसल का संघर्ष
विजय बंसल ने 2013 में सरकार को कानूनी नोटिस और ज्ञापन देकर किसानों की समस्याओं को उठाया। उन्होंने कहा कि हरियाणा के कई गांवों में जंगली सुअर और नील गाय फसलों को बर्बाद कर देते हैं। लंबे संघर्ष और 2018 में हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर करने के बाद, सरकार को यह निर्णय लेने पर मजबूर होना पड़ा।
7 साल की लड़ाई का परिणाम
बंसल ने बताया, "यह मुआवजा किसानों के लिए राहत का काम करेगा। यह मेरी सात साल की मेहनत और किसानों की दुआओं का परिणाम है।" उन्होंने सरकार से फसलों की सुरक्षा के लिए तारबंदी और अन्य कदम उठाने की भी मांग की।
किसान संगठनों और समाज का स्वागत
इस नीति के लागू होने पर किसान संगठनों और ग्रामीण समाज ने विजय बंसल की पहल को सराहा है। अब किसान जंगली जानवरों से हुए नुकसान की भरपाई के लिए सरकारी सहायता प्राप्त कर सकेंगे।
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