चंडीगढ़ पुलिस में वरिष्ठता विवाद: डीएसपी राम गोपाल ने प्रशासनिक फैसले को कैट में दी चुनौती
रमेश गोयत
चंडीगढ़। चंडीगढ़ पुलिस में रैंक और वरिष्ठता को लेकर एक बड़ा विवाद सामने आया है। वरिष्ठ डीएसपी राम गोपाल ने दिल्ली पुलिस कैडर (डीएएनआईपीएस) के जूनियर अधिकारी जसबीर सिंह को आईआरबी (भारतीय रिज़र्व बटालियन) का कमांडेंट और एसपी (अपराध) का अतिरिक्त प्रभार देने के प्रशासनिक फैसले को केंद्रीय प्रशासनिक अधिकरण (कैट) में चुनौती दी है। उन्होंने इसे संविधान के अनुच्छेद 14 और 16 के उल्लंघन के साथ-साथ सेवा भावना को ठेस पहुंचाने वाला बताया है।
वरिष्ठता की अनदेखी का आरोप
डीएसपी राम गोपाल ने अपनी याचिका में आरोप लगाया कि 17 दिसंबर 2024 को जारी आदेश में उनकी वरिष्ठता को दरकिनार कर, जूनियर अधिकारी जसबीर सिंह को प्रमुख पदों का प्रभार सौंपा गया। राम गोपाल का कहना है कि अनुशासनात्मक बलों में वरिष्ठता और रैंक का विशेष महत्व होता है, लेकिन प्रशासन ने इन पहलुओं को नजरअंदाज कर अनुभवहीन अधिकारी को प्राथमिकता दी।
33 साल का शानदार करियर, फिर भी उपेक्षा
राम गोपाल ने अपने 33 साल के सेवा अनुभव और उत्कृष्ट सेवा रिकॉर्ड का हवाला देते हुए कहा कि उन्हें अब तक कई प्रतिष्ठित पदक और 108 प्रशस्ति पत्र मिल चुके हैं। इसके बावजूद उनकी वरिष्ठता की अनदेखी की गई, जो सेवा नियमों और नैतिकता के विरुद्ध है।
पुराना विवाद फिर उभरा
यह विवाद नया नहीं है। नवंबर 2020 में कैट ने राम गोपाल को एसपी पद पर प्रमोशन देने के निर्देश दिए थे। हालांकि, प्रशासन ने इस आदेश को उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी, जहां मामला अब तक लंबित है।
प्रशासन का पक्ष
प्रशासन ने आरोपों को खारिज करते हुए कहा है कि जसबीर सिंह की नियुक्ति सेवा नियमों के तहत की गई है। कैट में प्रशासन के वरिष्ठ अधिवक्ता अरविंद मौदगिल ने दलील दी कि "आईआरबी कमांडेंट और एसपी (अपराध) की नियुक्ति में सभी नियमों का पालन किया गया है, और इस पर तत्काल रोक लगाना संभव नहीं है।"
क्या यह सिर्फ एक अधिकारी का मामला है?
यह विवाद केवल डीएसपी राम गोपाल की नियुक्ति से संबंधित नहीं है, बल्कि यह चंडीगढ़ पुलिस में रैंक, वरिष्ठता और बाहरी अधिकारियों को प्राथमिकता दिए जाने जैसे व्यापक मुद्दों को उजागर करता है।
अगला कदम
अब यह देखना दिलचस्प होगा कि कैट और उच्च न्यायालय में चल रहे मामलों में क्या फैसला आता है। क्या प्रशासन इन मुद्दों को सुलझाने के लिए ठोस कदम उठाएगा, या यह विवाद चंडीगढ़ पुलिस के भीतर असंतोष को और बढ़ावा देगा।
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