चंडीगढ़ नगर निगम में फायर एनओसी का गोरख धंधा
मोटे पैसें की सैटिंग में मिल रही एनओसी
फायर आॅफिसर, लीडिंग फायरमैन की गिरफ्तारी से हुआ खुलासा
पैसे नही देने पर लग रहे आब्जैक्शन
फायर एनओसीओ की विजिलेंस जांच की मांग
रमेश गोयत
चंडीगढ़, 08 नवम्बर। चंडीगढ़ नगर निगम में फायर एनओसी देने का बहुत बड़ा गोरख धंधा चल रहा है। मोटे पैसे लेकर फर्जी कागजों में ही एनओसी जारी की जा रही है। आरोप है कि इस मामले में निगम के चीफ फायर आफिसर से लेकर सभी अधिकारी मिले हुए हैं। शहर के समाज सेवी राज चडडा ने आरोप लगाते हुए कहा कि चंडीगढ़ में फायर एनओसी का सालाना करोड़ों रुपए का रिश्वत का धंधा बताया जा रहा है। नगर निगम चाहे बेशक वित्तीय संकट से गुजर रहा हो, मगर फायर विंग मालामाल है। सभी फायर अधिकारियों ने अपने नीचे एक चेला रखा हुआ है, जो फायर एनओसी के लिए काम कर पैसे इकट्ठा करता है। इन आरोपों का खुलासा गुरूवार को सीबीआई द्वारा रिश्वत लेते पकड़े गए 2 फायर अधिकारियों से हुआ। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने मनीमाजरा कार्यालय से फायर आॅफिसर, लीडिंग फायरमैन को 80 हजार की रिश्वत लेते दोनों को दबोचा था। पिछल्ले साल सैक्टर 26 में शौ रूम में आग लगने पर पूर्व मेयर ने एनओसी जारी करने की जांच के आदेश दिए थे, मगर अधिकारियों ने जांच की फाइल ही दबा ली। सैक्टर 26 में भी शौ रूमों के बैक कोरिडोर में टीन शैड में बने होटल व बीयर बार की फायर एनओसी भी जांच का विषय है। निगम को हादसे का इंजतार है, क्योकी सभी प्लास्टिक व टीन शैड में बने है।
फायर स्टेशन आॅफिसर दशैरू सिंह और लीडिंग फायरमैन कमलेश्वर नेहरा एक शोरूम की फायर एनओसी देने को लेकर एक व्यक्ति से रिश्वत ले रहे थे। थे। सीबीआई ने फायर स्टेशन आॅफिसर और लीडिंग फायरमैन के खिलाफ भ्रष्टाचार की धाराओं में केस दर्ज कर गिरफ्तार कर लिया था। पीड़ित व्यक्ति ने सीबीआई को दी अपनी शिकायत में बताया कि उसका चंडीगढ़ के सेक्टर-7 स्थित मध्य मार्ग पर एक शोरूम है। उसने शोरूम के लिए न फायर एनओसी अप्लाई की थी। एनओसी की फाइल फायर स्टेशन आॅफिसर दशैरू सिंह के पास गई थी। दशैरू सिंह और लीडिंग फायरमैन कमलेश्वर नेहरा ने शोरूम में पहुंचकर निरीक्षण किया। उन्होंने शोरूम में स्प्रिंकलर न लगे होने का बहाना बनाकर एनओसी के नाम पर एक लाख रुपए की मांग की। इसमें दोनों के बीच 80 हजार रुपये में सौदा तय हुआ। दशैरू सिंह और कमलेश्वर नेहरा ने रिश्वत के रुपए लेने के लिए उन्हें फायर स्टेशन बुलाया। सीबीआई ने शिकायत पर मनीमाजरा फायर आॅफिस में ट्रैप लगाकर रिश्वत लेते काबू कर लिए। सीबीआई जांच कर रही है कि आरोपियों के अलावा रिश्वत के खेल में और कौन-कौन से कर्मचारी या आफिसर शामिल थे। राज चडडा ने प्रशासन के मुख्य चीफ विजिलेंस से मांग करतें हुए कहा है कि पिछले सालों की सभी फायर एनओसी की जांच की मांग की है। चडडा ने कहा कि सभी फायर एनओसी की जांच होनी चाहिए कि कितने पैसे देकर केवल कागजों में ही एनओसी दी गई है।
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मेयर के आदेशों की अधिकारी उड़ा रहे धज्जियां
राज चडडा ने कहा कि चंडीगढ़ नगर निगम के 2 दर्जन से भी अधिक फायरमैन निगम कार्यालय में बाबू गिरी कर रहे है। मगर फायर विभग ने उन्हे आग बुझाने के लिए लाखों रूपए खर्च कर ट्रैनिंग दिलवाई थी। मगर अधिकारियों की मेहरबानी से अपना प्रोफेशन छोड़कर बाबू बन गए। नगर निगम के मेयर कुलदीप सिंह ने सभी फायर मैन को वापिस फायर स्टेशनों में भेजने के आदेश जारी किए थे, मगर वह आदेश केवल कागजों में ही रहे गए। उधर फायर अधिकारियों का कहना है कि हमारे पास स्टाफ कम होने के कारण कर्मचारियों को विकली आॅफ देने में भी दिक्कत आ रही है।
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