Himachal News : साहित्यिक पठन-पाठन छात्रों के लिए आवश्यक : अनुपमा सिंह
हिमतरु के कार्यक्रम में उपन्यास ‘देव नगरी’ एवं ‘स्मृतियों में कुल्लू दशहरा’ पुस्तकें हुई लोकार्पित
बाबूशाही ब्यूरो
कुल्लू, 09 नवम्बर। विद्यार्थिंयों के जीवन में साहित्यिक पठन-पाठन आवश्यक है तथा उन्हें दैनिक जीवन में इसे अनिवार्य गतिविधि के तौर पर अपनाना चाहिए। यह बात सरदार पटेल यूनिवर्सिटी मण्डी की प्रो. वीसी प्रोफेसर अनुपमा सिंह ने कही। प्रोफेसर अनुपमा आज यहां जिला मुख्यालय ढालपुर स्थित जिला परिषद हाॅल में हिमतरु द्वारा आयोजित एक दिवसीय साहित्यिक समारोह में मुख्य अतिथि थीं।
हिमतरु प्रकाशन समिति द्वारा आज ज़िला मुख्यालय ढालपुर स्थित जिला परिषद सभागार में एक दिवसीय साहित्यिक, पुस्तक लोकार्पण समारोह एवं चित्रकला व पुस्तक प्रदर्शनी को आयोजन किया गया। कला संस्कृति भाषा अकादमी शिमला के सहयोग से आयोजित इस समारोह में दो महत्तवपूर्ण पुस्तकों का लोकार्पण किया गया तथा देश-प्रदेश से आमंत्रित साहित्यकार एवं शिक्षाविदों ने अपना वक्तव्य दिया।
इस कार्यक्रम में सरदार पटेल यूनिवर्सिटी, मण्डी की प्रति उप-कुलपति (प्रो वीसी) प्रो. अनुपमा सिंह मुख्य अतिथि थी जबकि मिरांडा हाऊस यूनिवर्सिटी, दिल्ली में असिस्टेंट प्रो. अंकिता चौहान ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की। बीआर अंबेडकर यूनिवर्सिटी दिल्ली के प्रो. महेन्द्र प्रजापति, हंस प्रकाशन संस्थान समूह के एमडी हरेंद्र तिवारी, शिमला से लेखिका दिप्ति सारस्वत प्रतिमा, सूत्रधार के अध्यक्ष दिनेश सेन तथा प्रदेश के चर्चित लेखक रत्न चंद निर्झर ने बतौर विशेष अतिथि अपनी उपस्थिति दर्ज की।
कार्यक्रम की मुख्य अतिथि प्रोफेसर अनुपमा सिंह ने इस अवसर पर कहा कि हिमाचल प्रदेश विशेषतौर साहित्य रचना के लिए उर्वरा धरा रही है। यहां से चंद्रधर गुलेरी, यशपाल, लाल चंद प्रार्थी सहित दर्जनों लेखकों का संबंध रहा है, जिनकी रचनाएं कालजयी हुई हैं। राहुल सांकृत्यायन तथा कमलेश वर्मा का भी हिमाचल प्रदेश से गहरा संबंध रहा है। यह सब यहां की दैव्य शक्ति का चमत्कार है कि "देव नगरी" जैसा उपन्यास यहां से प्रकाशित हुआ है। उन्होंने लेखक किशन श्रीमान को शुभ कामनाएं देते हुए साहित्यिक यात्रा को जारी रहा का अनुरोध किया। "स्मृतियों में कुल्लू दशहरा" पुस्तक के लिए उन्होंने विभिन्न महाविद्यालयों के शोधार्थियों को भी शुभ कामनाएं दी।
कार्यक्रम की अध्यक्ष एवं मिरांडा हाऊस यूनिवर्सिटी की प्रोफेसर डाक्टर अंकिता चौहान, बीआर अंबेडकर यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर महेन्द्र प्रजापति तथा हंस प्रकाशन संस्थान के एमडी हरेंद्र तिवारी ने अपने विचार रखे।
देवनगरी तथा स्मृतियों में कुल्लू दशहरा पुस्तक पर महिन्द्र सिंह, वरिष्ठ पत्रकार शशिभूषण पुरोहित, डाक्टर सूरत ठाकुर, निरंजन देव शर्मा ने अपने वक्तव्य प्रस्तुत किये।
दूसरा सत्र कवि-सम्मेलन का था, जिसकी अध्यक्षता हिमतरु की प्रधान संपादक इंदु पटियाल ने की तथा दिप्ति सारस्वत प्रतिमा ने मंच संचालन किया। कवि-सम्मेलन में रत्न चंद निर्झर, अजेय, राजू मस्ताना, कृष्णा ठाकुर, दोत राम पहाड़िया, ईशिता आर गिरीश, स्वप्निल सूर्यान, सोम प्यारे, मनीषा भारती, रवि शर्मा, रेखा ठाकुर, अनिल ठाकुर सहित दर्जनों कवियों ने कविता-पाठ किया।
इस एक दिवसीय कार्यक्रम में मांइडस्केप आर्ट गैलरी, हरिपुर की संचालक डॉ. संजू पॉल द्वारा चित्रकारियों की एक खूबसूरत प्रदर्शन भी लगाई गई थी।
इस अवसर पर हिमतरु के प्रधान सलाहकार युवराज बोध फकीरू, संपादकीय सलाहकार रमेश पठानिया तथा अन्य पदाधिकारी व सदस्य, विभिन्न महाविद्यालयों की प्राचार्या एवं प्राध्यापक एवं शोधार्थी छात्र- छात्राएं मौजूद रहे। (SBP)
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