एनएचएआई ने पिछले पांच वर्षों में राष्ट्रीय राजमार्गों के रखरखाव और मरम्मत पर 27,000 करोड़ रुपये खर्च किए; गडकरी ने राज्यसभा में सांसद अरोड़ा को बताया
लुधियाना, 11 दिसंबर, 2024: लुधियाना से सांसद (राज्यसभा) संजीव अरोड़ा को सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन जयराम गडकरी से राज्य सभा के चल रहे शीतकालीन सत्र में सड़क रखरखाव पर खर्च के बारे में पूछे गए सवालों का जवाब मिला है।
आज यहां जारी एक बयान में अरोड़ा ने कहा कि मंत्री ने जवाब दिया कि सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय मुख्य रूप से राष्ट्रीय राजमार्गों के विकास और रखरखाव के लिए जिम्मेदार है और पिछले पांच वर्षों के दौरान राष्ट्रीय राजमार्गों के रखरखाव और मरम्मत पर लगभग 27,000 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं।
मंत्री ने अपने जवाब में उल्लेख किया कि देश में राष्ट्रीय राजमार्ग नेटवर्क की 1,46,195 किलोमीटर लंबाई में से, चालू वित्त वर्ष के दौरान लगभग 816 किलोमीटर लंबाई में क्षति की सूचना मिली है।
राष्ट्रीय राजमार्गों का विकास और रखरखाव एक सतत प्रक्रिया है। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय तथा इसकी विभिन्न क्रियान्वयन एजेंसियों द्वारा समय-समय पर राष्ट्रीय राजमार्गों की स्थिति का आकलन किया जाता है। राष्ट्रीय राजमार्गों को यातायात योग्य स्थिति में बनाए रखने के लिए समय-समय पर राष्ट्रीय राजमार्गों पर रखरखाव कार्य किए जाते हैं।
सरकार ने उत्तरदायी रखरखाव एजेंसी के माध्यम से राष्ट्रीय राजमार्गों के सभी खंडों के रखरखाव और मरम्मत को सुनिश्चित करने के लिए एक मैकेनिज्म विकसित किया है।
राष्ट्रीय राजमार्गों के उन हिस्सों का रखरखाव और मरम्मत, जहां विकास कार्य शुरू हो चुके हैं या संचालन, रखरखाव और हस्तांतरण रियायतें/ संचालन और रखरखाव अनुबंध दिए गए हैं, दोष दायित्व अवधि /रियायत अवधि के अंत तक संबंधित रियायतग्राही/ठेकेदारों की जिम्मेदारी है। इसी तरह, टोल ऑपरेट एंड ट्रांसफर और इंफ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट के तहत किए गए राष्ट्रीय राजमार्गों के हिस्सों के लिए, रखरखाव और मरम्मत जिम्मेदारी रियायत अवधि के अंत तक संबंधित रियायतग्राही की होती है। इन राष्ट्रीय राजमार्गों के हिस्सों के संबंध में कोई अलग रखरखाव व्यय दर्ज नहीं किया जाता है।
इसके अलावा, मंत्री ने उत्तर दिया कि राष्ट्रीय राजमार्गों के शेष सभी खंडों के लिए, सरकार ने प्रदर्शन आधारित रखरखाव अनुबंध या अल्पकालिक रखरखाव अनुबंध के माध्यम से रखरखाव कार्य करने का नीतिगत निर्णय लिया है। ऐसे रखरखाव कार्यों की लागत इलाके के प्रकार, सड़क की स्थिति, लेन संरचना, अनुबंध अवधि आदि पर निर्भर करती है। पिछले वर्ष सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने ऐसे खंडों पर रखरखाव के लिए 6,523 करोड़ रुपये खर्च किए हैं।
चूंकि राष्ट्रीय राजमार्गों के बड़े हिस्से के लिए अलग से रखरखाव व्यय का लेखा-जोखा नहीं रखा जाता है, इसलिए पूरे राष्ट्रीय राजमार्ग नेटवर्क पर प्रति किलोमीटर होने वाला व्यय केवल रखरखाव अनुबंधों पर किए गए व्यय के आधार पर देश में राष्ट्रीय राजमार्गों पर प्रति किलोमीटर रखरखाव पर होने वाले व्यय की सही तस्वीर पेश नहीं करता है।
अरोड़ा ने पिछले पांच वर्षों में सड़क रखरखाव के लिए मंत्रालय द्वारा आवंटित धन के विवरण के बारे में पूछा था। उन्होंने यह भी पूछा था कि राष्ट्रीय राजमार्ग नेटवर्क का कितना प्रतिशत “अच्छी” या “उत्कृष्ट” स्थिति में वर्गीकृत है; और राजमार्ग के प्रति किलोमीटर सड़क रखरखाव पर औसत वार्षिक व्यय, और यह ग्लोबल बेस्ट प्रेक्टिसेस की तुलना में कैसा है।
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