वतन को जानो- कश्मीरी युवा अदान प्रदान’ जैसे प्रोग्राम “विविधता में एकता” का जीवंत उदाहरण: राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया
भारत को विश्वगुरु बनाने के प्रयासों में युवाओं का योगदान अहम रहेगा
भारत सरकार ने युवाओं के विकास के लिए शिक्षा, रोजगार, और कौशल विकास की कई योजनाएँ चलाई
रमेश गोयत
मोहाली, 21 नवंबर।
राज्यपाल पंजाब गुलाब चंद कटारिया ने कहा कि छह-दिवसीय कश्मीरी युवा आदान-प्रदान कार्यक्रम जैसे प्रोग्राम “विविधता में एकता” का जीवंत उदाहरण हैं। उन्होंने समापन समारोह में कहा कि यह एक ऐसा मंच था, जहां शिक्षा, सांस्कृतिक आदान-प्रदान और आपसी समझ को बढ़ावा मिला। इसने जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग, कुपवाड़ा, बारामुला, बड़गाम, श्रीनगर और पुलवामा जिलों से आए 132 प्रतिभाशाली युवाओं को एक साथ लाने का अवसर प्रदान किया, ताकि वे पंजाब की समृद्ध विरासत को समझ सकें और अपने साथियों के साथ सार्थक संवाद कर सकें।
उन्होने आगे कहा कि यह कार्यक्रम हमारे देश की सबसे बड़ी ताकत, “विविधता में एकता” दिखाता है कि कैसे अलग-अलग पृष्ठभूमि, भाषाएँ और जीवन शैली वाले लोग एक साथ आ सकते हैं और एकता की भावना को प्रबल कर सकते हैं। इस कार्यक्रम का उद्देश्य जम्मू-कश्मीर और पंजाब के युवाओं को राष्ट्रीय एकता, अखंडता और शांति के प्रस्तावक के रूप में कार्य करने के लिए आवश्यक ज्ञान और अनुभव से लैस करना है।
राज्यपाल ने कहा कि इस पहल का एक प्रमुख उद्देश्य कश्मीर में शांति को बढ़ावा देना है। शांति केवल संघर्ष की अनुपस्थिति नहीं है; यह वह स्थिति है, जहां अवसर, प्रगति और समृद्धि का विकास होता है। प्रतिभागियों से अनुरोध करते हुए कहा कि इस एकता के संदेश को अपने समुदायों में वापस ले जाएं। अपने अनुभवों से दूसरों को प्रेरित करें और विश्वास तथा समझ के सेतु का निर्माण करने में मदद करें।
उन्होने कहा कि दुनिया के किसी भी देश में इतनी विविधता नहीं है जितनी हमारे भारत में है। एक ज़माने में हम पर शासन करने वाले अंग्रेज़ों को हमारी विविधता हमारी दुर्बलता लगती थी, लेकिन रचनात्मक दृष्टिकोण से देखा जाए तो विविधता में एकता हमारी विशेषता और सबसे बड़ी शक्ति है। सबके साथ जीने के हमारे संस्कार ही भारत की विशेषता है। हमारी अलग संस्कृतियां, भाषाएं, वेशभूषाएंऔर खानपान होते हुए भी हम सब भारतीय हैं।
राज्यपाल ने कहा कि आप सभी युवा अद्वितीय और अडिग भावना के प्रतीक हैं। कश्मीरी युवा अपने दृढ़ संकल्प और मेहनत से आगे बढ़रहे हैं। शिक्षा, खेल, और कला के क्षेत्र में उनकी उपलब्धियाँ सराहनीय हैं। चाहे वह शैक्षिक संस्थानों में उत्कृष्ट प्रदर्शन हो, या अंतर्राष्ट्रीय खेल प्रतियोगिताओं में पदक जीतना हो, कश्मीरी युवाओं ने यह साबित किया है कि यदि उन्हें सही अवसर दिए जाएँ, तो वे असाधारण कर सकते हैं।
उन्होने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के हवाले से कहा, ‘‘भारत का युवा उसकी सबसे बड़ी ताकत है’’। एक मजबूत, एकीकृत और समृद्ध भारत के निर्माण की जिम्मेदारी हम सभी के कंधों पर है।भारत में 65 प्रतिशत जनसंख्या 35 वर्ष से कम उम्र के लोगों की है, जो भारत को विश्व का सबसे युवा देश बनाताहै। यह ‘‘युवाओं का देश’’ कहलाने का मुख्य कारण है।
हमारा यह कर्तव्य है कि हम युवा शक्ति को गुणात्मक शिक्षा के माध्यम से कुशल और दक्ष बनाएं, उनका उचित मार्गदर्शन करें। उन्हें प्रशिक्षित करें तथा उद्यम शुरू करने केलिए प्रोत्साहित करें ताकि वे अपने और दूसरों के लिए रोजगार के अवसर पैदा कर सकें। उनके लिए अधिक योजनाएँ बनाए, और समाज को यह सुनिश्चित करना होगा कि हम उन्हें भटकने से बचाएँ।
उन्होने कश्मीरी युवाओं को संबोधित होते हुए कहा कि युवा गण ‘‘शक्ति एवं साहस’’ के पुंज हैं। आप में वह सारे समर्थ्य हैं जिनसे आप अपने सपनों को पूरा कर सकते हैं। देश की युवा पीढ़ी ही ‘‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’’की परिकल्पना को सार्थक बना सकती है। इस दिशा में इस प्रकार के कार्यक्रम एक मजबूत कड़ी का काम कर रहे हैं।
उन्होने कहा कि आपकी ऊर्जा, साहस और जोश देश को नई ऊँचाइयों तक ले जा सकता है। आपसे मेरा आग्रह है कि अपनी क्षमता का उपयोग करें और ‘‘विकसित भारत’’ के निर्माण में अपना अमूल्य योगदान दें। याद रखें, जब कश्मीर के युवा आगे बढ़ेंगे, तो भारत का हर कोना विकास की रोशनी से चमक उठेगा।
राज्यपाल अनुसार आत्मनिर्भर भारत अभियान की सफलता के लिए समस्त नागरिकों के साथ युवाओं को प्रेरित करते हुए प्रधान मंत्री मोदी ने जिस तरह से लक्ष्य साधक चार ‘एल’ यानी लैंड, लेबर, लिक्विडिटी और लॉ से जुड़ी बारीकियों पर जोर देते हुए इकोनॉमी, इंफ्रास्ट्रक्चर, सिस्टम, डेमोग्राफी और डिमांड जैसे पांच पिलर्स को मजबूती देने का आह्वान किया है, उससे यह स्पष्ट है कि इन नौ शब्दों की सीढ़ियों के सहारे आत्मनिर्भरता के लक्ष्य को हासिल किया जा सकता है।
उन्होने सभी युवाओं से आह्वान किया कि आप पूरे मनोयोग से आगे बढ़ने का संकल्प लें, सरकार की कौशल विकास एवं प्रशिक्षण योजनाओं में सक्रिय भागीदार बनें, अपनी अभिरुचि वाले स्टार्टअप शुरू करने के लिए सरकार द्वारा दी जा रही सुविधाओं का लाभ उठाएं। स्वयं एककुशल उद्यमी के रूप में आत्मनिर्भर बनें, दूसरों को रोजगार प्रदान करें और अपने कौशल एवं उद्यमशीलता से राष्ट्र की समृद्धि में अधिकाधिक योगदान दें।
राज्यपाल ने कहा कि हमारा देश आजादी के अमृतकाल में प्रवेश कर चुका है। भारत विश्व गुरु बनने की राह पर चल रहा है। वर्ष 2047 में जब हम अपनी स्वतंत्रता का शताब्दी वर्ष मनाएंगे तब भारतविश्व गुरु के रूप में अपना दायित्व निभा रहा होगा।
उन्होने नेहरू युवा केंद्र, साहिबज़ादा अजीत सिंह नगर व युवा मामलों और खेल मंत्रालय का हार्दिक धन्यवाद किया जिन्होंने इस कार्यक्रम कोसफल बनाने के लिए अथक परिश्रम किया।
राज्यपाल ने आगे कहा कि जैसा कि हम इस कार्यक्रम का समापन कर रहे हैं, पर इसे अपनी यात्रा का अंत न मानें, बल्कि एक नई शुरुआत समझें। यहां बनी मित्रताएं, साझा किए गए विचार, और जो अनुभव अर्जित किए हैं, वे आपके समुदायों में स्थायी प्रभाव डालने के उपकरण हैं। इसी तरह एकता, शांति और सहयोग के इन पाठों को आगे बढ़ाएं। कश्मीर में, पंजाब में, और पूरे भारत में सद्भाव के दूत बनें।
इस अवसर पर जहाँ कश्मीर और पंजाब के लोक नृत्या प्रस्तुत किए गए वहाँ नेहरू युवा केंद्र के पंजाब स्टेट के निर्देशक परमजीत सिंह और ज़िला युवा अधिकारी रश्मीत कौर द्वारा इन छह-दिनों में की गई विभिन्न गतिविधियों का ब्योरा दिया, जिसमें पंजाब विधानसभा, चपड़ चिड़ी, छत्तबीर चिड़ियाघर, सुखना झील, रॉक गार्डन, रोज़ गार्डन आदि का दौरा, "स्वच्छता ही सेवा" और "एक पेड़ माँ के नाम" जैसे अभियानों में भी भाग लेना तथा कश्मीरी युवाओं के लिए भारत सरकार के प्रमुख कार्यक्रमों, नेतृत्व कौशल, कैरियर मार्गदर्शन और परामर्श, उद्यमिता आदि पर जागरूकता सत्र में भाग लेना शामिल है। इस अवसर पर उपायुक्त आशिका जैन, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक दीपक पारीक व भारतीय विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान मोहाली के डायरेक्टर प्रो. पूर्णानंदा गुप्त सरमा भी उपस्थित थे।
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