पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का 92 वर्ष की उम्र में निधन, देश में शोक की लहर
रमेश गोयत
चंडीगढ़/ नई दिल्ली: भारत के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का गुरुवार को दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) में निधन हो गया। 92 वर्षीय डॉ. सिंह को गंभीर स्थिति में अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित किया। लंबे समय से बीमार चल रहे डॉ. सिंह के निधन से राजनीतिक और सामाजिक गलियारों में शोक की लहर दौड़ गई है।
डॉ. मनमोहन सिंह का जन्म 26 सितंबर, 1932 को पंजाब में हुआ था। वह देश के सबसे प्रभावशाली अर्थशास्त्रियों और राजनेताओं में से एक थे। उन्होंने पंजाब विश्वविद्यालय, कैम्ब्रिज और ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में उच्च शिक्षा प्राप्त की। अपने करियर की शुरुआत में उन्होंने शिक्षण कार्य किया और बाद में सरकार के विभिन्न पदों पर अपनी सेवाएं दीं।
राष्ट्रीय शोक और नेताओं की श्रद्धांजलि
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने डॉ. मनमोहन सिंह के निधन को "देश के लिए अपूरणीय क्षति" बताया। उन्होंने कहा, "डॉ. सिंह भारतीय अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने और सार्वजनिक जीवन में बेदाग छवि बनाए रखने वाले अद्वितीय नेता थे। उनकी विनम्रता और कार्यशैली हमेशा याद की जाएगी।"
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी उनके निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया। उन्होंने कहा, "डॉ. सिंह जी ने देश के लिए जो योगदान दिया है, उसे भुलाया नहीं जा सकता। उनके नेतृत्व और ज्ञान ने भारत की आर्थिक नीतियों को नई दिशा दी। उनकी बुद्धिमत्ता और विनम्रता ने उन्हें एक प्रेरणादायक नेता बनाया।"
डॉ. मनमोहन सिंह की पत्नी गुरशरण कौर, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी, जेपी नड्डा, और अन्य कई नेता दिल्ली एम्स पहुंचकर उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए उपस्थित हुए। राहुल गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे भी अधिवेशन बीच में छोड़कर दिल्ली लौटे।
डॉ. सिंह का राजनीतिक सफर
डॉ. मनमोहन सिंह ने 1991 में देश के वित्त मंत्री के रूप में आर्थिक उदारीकरण की दिशा में ऐतिहासिक कदम उठाए। 2004 से 2014 तक भारत के प्रधानमंत्री रहे डॉ. सिंह को उनकी दूरदर्शिता और कुशल नेतृत्व के लिए याद किया जाएगा।
उनके निधन के बाद दिल्ली में सुरक्षा बढ़ा दी गई है। देश भर में उनके योगदान को याद करते हुए कई कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। डॉ. सिंह को भारतीय राजनीति और आर्थिक सुधारों में उनके अमूल्य योगदान के लिए सदैव याद किया जाएगा।
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