संयुक्त किसान मोर्चा ने महापंचायतों और राष्ट्रीय परिषद की बैठक की घोषणा की
रमेश गोयत
चंडीगढ़/नई दिल्ली, 28 दिसंबर 2024।
संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने किसानों के संघर्षों को तेज करने के लिए जनवरी 2025 में महापंचायतों और राष्ट्रीय परिषद की बैठक का ऐलान किया है। एसकेएम ने 4 जनवरी को हरियाणा के टोहाना और 9 जनवरी को पंजाब के मोगा में किसान महापंचायत आयोजित करने का निर्णय लिया है। इसके साथ ही, 24 जनवरी को नई दिल्ली में राष्ट्रीय परिषद की बैठक बुलाई गई है।
एसकेएम ने केंद्र सरकार से न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी, कर्ज माफी और अन्य किसान हितैषी मुद्दों पर चर्चा करने की मांग दोहराई है। संगठन ने पंजाब सीमा पर आमरण अनशन कर रहे किसान नेता जगजीत सिंह दल्लेवाल की सुरक्षा और लुक्सर जेल में बंद किसानों की रिहाई की भी मांग की है।
केंद्र सरकार पर आरोप
एसकेएम ने केंद्र की एनडीए-3 सरकार पर किसानों और श्रमिकों की समस्याओं को नजरअंदाज करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि सरकार नई राष्ट्रीय कृषि विपणन नीति, डिजिटल कृषि मिशन और श्रम संहिताओं जैसे कदम उठाकर किसानों की आजीविका और राज्यों के संघीय अधिकारों पर हमला कर रही है।
एसकेएम का कहना है कि प्रधानमंत्री किसानों की मांगों पर चर्चा से बच रहे हैं, जबकि सुप्रीम कोर्ट ने इस मुद्दे पर चर्चा के निर्देश दिए थे। संगठन ने कहा कि अब समय आ गया है कि 2020-21 के ऐतिहासिक किसान आंदोलन से भी बड़ा और व्यापक संघर्ष किया जाए।
मजदूर-किसान एकता पर जोर
एसकेएम ने मजदूर-किसान एकता को मजबूत करने के लिए ट्रेड यूनियनों और खेत मजदूर संगठनों से संपर्क करने की योजना बनाई है। एसकेएम के अनुसार, एमएसपी की कानूनी गारंटी, कर्ज माफी, बिजली के निजीकरण का विरोध और 2013 के भूमि अधिग्रहण कानून का कार्यान्वयन जैसे मुद्दों पर व्यापक संघर्ष की आवश्यकता है।
राष्ट्रीय परिषद की बैठक का एजेंडा
24 जनवरी 2025 को नई दिल्ली में आयोजित होने वाली एसकेएम की राष्ट्रीय परिषद की बैठक में आंदोलन को तेज करने और किसान संगठनों के बीच एकता बढ़ाने पर चर्चा की जाएगी। इसके अलावा, एक राष्ट्रव्यापी कॉरपोरेट-विरोधी अभियान शुरू करने की योजना पर भी विचार किया जाएगा।
संयुक्त किसान मोर्चा ने 21 दिसंबर को पटियाला में किसान मुक्ति मोर्चा (केएमएम) के साथ हुई बैठक के परिणामों को सकारात्मक बताया है और किसान आंदोलन को मजबूत करने के लिए कदम उठाने की प्रतिबद्धता जताई है।
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