प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महिला सशक्तिकरण की सोच को हरियाणा की मां-बेटी ने किया चिरतार्थ
संयुक्त राष्ट्र में अंतरास्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर होंगी सम्मानित
90 फीसदी विकलांग तेजस्वनी को भजन गायिका बनाने वाली ‘मां’ को संयुक्त राष्ट्र करेगा सम्मानित, भारत के लिए गर्व की बात
संयुक्त राष्ट्र ने महिला दिवस पर तेजस्वनी की मां हर्ष शर्मा को सम्मानित करने के लिए भेजा न्यौता
सरकार भी आगे आकर हरियाणा की बेटी के सम्मान में लगाए चार-चांद
हरजिंदर सिंह भट्टी
पंचकूला, 26 दिसंबर 2024
कहते हैं कि अगर एक मां अपनी आई पर आ जाए, तो अच्छे-अच्छे चट्टानों को अपनी ममता से धराशाही कर सकती है। ऐसी ही सोच के साथ पली-बड़ी हर्ष शर्मा ने अपना लगभग संपूर्ण जीवन अपनी 90 फीसदी विकलांग बेटी तेजस्वनी के तेज को परखकर सोना बनाने में लगा दिया। हरियाणा की इस बेटी ने कभी तेजस्वनी को अपने स्पर्श से अलग नहीं होने दिया, बल्कि उसके साय की तरह परवरिश करके उसे बेहतरीन भजन गायिका बना दिया।
इसी वजह से आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महिला सशक्तिकरण का जीता जागता उदाहरण बन चुकी इस मां को संयुक्त राष्ट्र सम्मानित करने जा रहा है। यही नहीं बाकायदा संयुक्त राष्ट्र की इंडियन अबेंसी में तेजस्वनी को भी भजन गाने का अवसर मिलेगा। लिहाजा हरियाणा ही नहीं, बल्कि भारत वर्ष के लिए गर्व का प्रतीक बन चुकी इस मां की ममता और बेटी तेजस्वनी के तेज को महसूस करने के लिए हमारी हरियाणा सरकार को भी चार-चांद लगाने चाहिए, ताकि देश-प्रदेश में विकलांगता का दंश झेल रहे बच्चों को इन मां-बेटी की कहानियां सुनाकर मुख्यधारा में लाया जा सके।
एक मां को विदेश में सम्मान मिलना देश के लिए पहला अवसर
यह भारत के लिए पहला अवसर होगा, जब अपनी 90 फीसदी विकलांग बच्ची की परवरिश में अपना लगभग संपूर्ण जीवन लगाकर सोना बनाने वाली मां को विदेश (संयुक्त राष्ट्र) में महिला दिवस पर सम्मानित किया जाएगा। पता चला है कि अभी तक इस तरह का सम्मान विदेश में भारत से किसी अन्य महिला को प्राप्त नहीं हुआ है। लिहाजा इस लिहाज से भी यह हरियाणा के लिए बड़े गर्व की बात बन जाती है। यह सम्मान हर्ष शर्मा को संयुक्त राष्ट्र द्वारा महिला दिवस के अवसर पर दिया जाएगा। जिसके लिए संयुक्त राष्ट्र ने हर्ष शर्मा को सपरिवार बुलाया है।
मां के स्पर्श से सोना बन चुकी तेजस्वनी पा चुकी राष्ट्रपति अवार्ड
हरियाणा के पंचकूला में रहने वाली 37 वर्षीय तेजस्वनी शर्मा भजन गायिका है और वह अपनी कला के बल पर राष्ट्रपति अवार्ड भी हासिल कर चुकी है। मगर तेजस्वनी के मन और मस्तिष्क में इस कला को भरने वाली उसकी अपनी मां हर्ष शर्मा हैं। तेजस्वनी का जन्म जुलाई 1986 में हुआ, लेकिन तब एक प्रॉब्लम के चलते उसका ट्रीटमेंट सही नहीं हुआ और वह बेड पर चली गई। करीब 09 साल तक तेजस्वनी बेड पर रही। इस दौरान मां हर्ष शर्मा ने उसकी बेहतर तरीके से न केवल परवरिश की, बल्कि उसके कानों तक भजनों को पहुंचाने में भी मदद की। लिहाजा एक दिन ऐसा आया, जब तेजस्वनी बिना देखे, बिना लिखे, बिना पढ़े मां से भजन सुन-सुनकर पूरा भजन गाने लगी।
हरियाणा सरकार भी महिला सशक्तिकरण को दे रही बढ़ावा
देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अकसर महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देते हैं। उनके कदम चिन्हों पर चलते हुए हरियाणा सरकार भी महिलाओं के सम्मान में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रही। खासकर जब देश के प्रधानमंत्री ने 2015 को पानीपत की धरा से बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान का आगाज किया हो। वहीं उसी धरा से अब 2024 में बीमा सखी के नाम से एक बेहतरीन योजना चलाकर महिला सशक्तिकरण का परिचय दिया है। ऐसे में तेजस्वनी की मां हर्ष शर्मा की भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी से मार्मिक अपील है कि वह देश और प्रदेश में ऐसी बच्चियों के लिए ठोस और मजबूत कदम उठाकर उन्हें मुख्यधारा में लाने का प्रयास करें। इसके लिए तेजस्वनी को पूर्व राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल की तरफ से रोल मॉडल ऑफ इंडिया का पुरस्कार भी मिल चुका है। लिहाजा तेजस्वनी को हरियाणा में रह रही ऐसी बच्चियों के लिए रोल मॉडल के तौर पर लेकर आएं, ताकि उन बच्चो को मुख्यधारा में लाया जा सके।
kk
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