CHD बिजली विभाग के निजीकरण के खिलाफ मलोया में 34वें दिन भी जोरदार प्रदर्शन
रमेश गोयत
चंडीगढ़, 11 जनवरी: मलोया गांव में बिजली विभाग के निजीकरण के विरोध में स्थानीय निवासियों ने शनिवार को 34वें दिन भी जोरदार प्रदर्शन किया। पैदल मार्च गांव के बस स्टैंड से शुरू होकर गलियों और बाजारों से होता हुआ वापस बस स्टैंड पर समाप्त हुआ। इस प्रदर्शन में महिलाएं, बुजुर्ग, बच्चे और युवा बड़ी संख्या में शामिल हुए। प्रदर्शनकारियों ने "निजीकरण रद्द करो" और "निजीकरण बंद करो" जैसे नारे लगाते हुए प्रशासन के खिलाफ नाराजगी जाहिर की।
नेताओं का प्रशासन को कड़ा संदेश:
प्रदर्शन का नेतृत्व पार्षद निर्मला देवी, ग्रामीण संघर्ष समिति के अध्यक्ष दलजीत सिंह पलसौरा और युवा किसान यूनियन के अध्यक्ष कृपाल सिंह ने किया।
पार्षद निर्मला देवी ने कहा, "बिजली जैसी बुनियादी सेवा को निजी हाथों में सौंपने से गरीब और मध्यम वर्ग के लोगों पर बोझ बढ़ेगा। यह कदम प्रशासन की तानाशाही को दर्शाता है, जिसे किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।"
ग्रामीण संघर्ष समिति के अध्यक्ष दलजीत सिंह ने चेतावनी दी कि यदि प्रशासन ने इस फैसले पर पुनर्विचार नहीं किया, तो चंडीगढ़ के 22 गांवों के निवासी चंडीगढ़ को जाम कर देंगे।
प्रदर्शनकारियों की मांग:
ग्रामीणों ने प्रशासन पर आरोप लगाया कि कर्मचारियों की कमी के बावजूद बिजली विभाग अभी भी मुनाफा कमा रहा है और जनता को बेहतर सेवाएं दे रहा है। इसे सुधारने के बजाय निजीकरण कर प्रशासन अपनी जिम्मेदारी से भाग रहा है।
स्थानीय नेताओं की भूमिका:
गुरुद्वारा कमेटी के अध्यक्ष बलदेव सिंह, कबड्डी कमेटी के अध्यक्ष सुरिंदर सिंह, कांग्रेस नेता दिलावर सिंह, और पेंशनर्स एसोसिएशन के विजय सिंह ने प्रशासन को चेतावनी दी कि इस जनविरोधी फैसले से जनता का धैर्य खत्म हो रहा है। उन्होंने कहा कि प्रशासन को अब जनता के हित में निर्णय लेते हुए निजीकरण का फैसला वापस लेना चाहिए।
प्रदर्शन में शामिल महिलाएं और बच्चे:
प्रदर्शन में बड़ी संख्या में महिलाएं और बच्चे भी शामिल हुए, जिन्होंने अपनी नाराजगी जाहिर की और प्रशासन को चेतावनी दी कि वे इस आंदोलन को तब तक जारी रखेंगे जब तक निजीकरण का फैसला रद्द नहीं हो जाता।
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