Himachal Court News: पत्नी को आत्महत्या के लिए मजबूर करने वाले पति को अदालत ने सुनाई कठोर कारावास की सजा
प्रताड़ना से तंग पत्नी ने फंदा लगाकर दे दी थी जान
बाबूशाही ब्यूरो, 10 जनवरी 2025
सरकाघाट। सरकाघाट की अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश डॉ. अबीरा वासु ने सरकार बनाम अशोक कुमार प्रकरण में ऐतिहासिक फैसला सुनाया। उप जिला न्यायवादी राजीव शर्मा ने मामले की जानकारी देते बताया की आरोपी अशोक कुमार पुत्र बीरी सिंह, निवासी लाका वार्ड नं. 2, डाकखाना एवं तहसील सरकाघाट, जिला मंडी, को IPC की धारा 306 के तहत 10 वर्ष के कठोर कारावास और 60 हजार जुर्माने की सजा सुनाई गई।
जुर्माना अदा न करने की सूरत में 1 माह अतिरिक्त कारावास होगा। इसके साथ ही, IPC की धारा 498A के तहत 3 वर्ष का साधारण कारावास और 10 हजार जुर्माने की सजा दी गई, जिसमें जुर्माना न देने पर 10 दिन का अतिरिक्त कारावास होगा। उप जिला न्यायवादी राजीव शर्मा ने बताया कि यह मामला वर्ष 2019 का है जब माया देवी पत्नी अशोक कुमार ने आत्महत्या कर ली थी। इसके तुरंत बाद पुलिस मौका वारदात और पर पहुंची तो अमृत का माया देवी के पिता प्रकाश चंद्र गांव पाटन रोड तहसील टोनी देवी जिला हमीरपुर शिकायत दर्ज करवाई और बयान किया कि उनकी बेटी माया देवी की शादी करीब 16 वर्ष पूर्व आरोपी अशोक कुमार के साथ हुई थी जो मिस्त्री का काम करता था और उसके तीन बच्चे थे।
उन्होंने बताया उनके दामाद जो कि शराब का आदी था उनकी बेटी के साथ अक्सर मारपीट करता था और 23 अप्रैल को माया देवी की उसकी माता मीरा देवी के साथ मोबाइल पर बात हुई थी उसके बाद आरोपी अशोक कुमार का अपनी सास को फोन आता है और कहता है कि सुनना माया देवी को ले जाओ उसने मेरी बाजू तोड़ दी है उसके पश्चात शाम 4:00 बजे आरोपी अशोक कुमार ने फोन किया कि उसकी पत्नी ने फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली है। जब वह बेटी के घर पहुंचे तो देखा उसकी बेटी दुपट्टे के साथ लटकी हुई थी। उन्होंने पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई थी कि उसने आत्महत्या दामाद की प्रताड़ना के कारण की है, जिसके बाद पुलिस द्वारा मुकदमा दर्ज कर आगामी कार्रवाई अमल में लाई है।
जिला न्यायवादी राजीव शर्मा ने बताया इस प्रकरण में अभियोजन पक्ष ने 19 गवाहों के बयान न्यायालय में दर्ज करवाएं व साक्ष्य पेश किए। गवाहों के बयान और साक्ष्य के आधार पर अदालत ने आरोपी अशोक कुमार को उपरोक्त सजा सुनाई। उन्होंने बताया कि पुलिस जांच में सामने आया था कि मृतका को पति द्वारा शराब के नशे में प्रताड़ित किया जाता था।
मृतका के पिता प्रकाश चंद ने शिकायत दर्ज कराई कि आरोपी के लगातार मानसिक और शारीरिक उत्पीड़न के कारण उनकी बेटी ने यह कदम उठाया।अभियोजन पक्ष ने इस मामले में 19 गवाहों के बयान और अन्य साक्ष्य न्यायालय में प्रस्तुत किए। न्यायालय ने सभी साक्ष्यों और गवाहियों के आधार पर आरोपी को दोषी ठहराते हुए उपरोक्त सजा सुनाई। (SBP)
अपने शहर की खबरें Whatsapp पर पढ़ने के लिए Click Here →
Click to Follow हिन्दी बाबूशाही फेसबुक पेज →