छवि सिंह ने मूक-बधिर राष्ट्रीय शतरंज चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीतकर परिवार व हरियाणा का मान बढ़ाया
रमेश गोयत
चंडीगढ़,10 जनवरी। कर्नाटक के मैसूर में आयोजित 25वीं मूक-बधिर राष्ट्रीय शतरंज चैंपियनशिप में हरियाणा की छवि सिंह ने कांस्य पदक जीतकर परिवार व प्रदेश और देश का गौरव बढ़ाया है। छवि मूल रूप से जींद जिले के नरवाना की रहने वाली हैं। उन्होंने अपनी उत्कृष्ट खेल प्रतिभा से न केवल पदक हासिल किया बल्कि यह भी साबित किया कि समर्पण और कड़ी मेहनत से किसी भी चुनौती को पार किया जा सकता है।
छवि सिंह के पिता प्रवीण गोयत भूतपूर्व सैनिक हैं और वर्तमान में पंजाब नेशनल बैंक, चंडीगढ़ में अधिकारी के पद पर तैनात हैं। उनके दादा ओमप्रकाश हरियाणा उपभोक्ता फोरम के जज रह चुके हैं। परिवार में खेल और शिक्षा का संतुलन हमेशा से प्राथमिकता रही है, और छवि ने इस परंपरा को आगे बढ़ाते हुए मूक-बधिर खेलों में अपनी पहचान बनाई है।
पिछले प्रदर्शन भी शानदार
छवि ने इससे पहले पंचकूला में आयोजित खेल प्रतियोगिताओं में भी अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया था। वहां उन्होंने पदक जीतकर यह साबित किया कि वह एक प्रतिभाशाली खिलाड़ी हैं। उनके हालिया प्रदर्शन ने यह दिखाया है कि शतरंज जैसे बौद्धिक खेल में भी वे अपनी स्थिति मजबूत कर सकती हैं।
प्रेरणा का स्रोत बनी छवि
छवि की इस उपलब्धि से क्षेत्रवासियों और हरियाणा के खेल जगत में खुशी की लहर है। उनके परिवार ने उनके इस प्रदर्शन पर गर्व जताया है। प्रवीण गोयत ने कहा, “छवि ने अपने कठिन परिश्रम और दृढ़ निश्चय से यह मुकाम हासिल किया है। हम चाहते हैं कि वह आगे भी इसी तरह प्रदेश और देश का नाम रोशन करती रहें।”
सरकार और समाज से अपेक्षा
छवि की सफलता न केवल उनकी व्यक्तिगत जीत है बल्कि यह मूक-बधिर खिलाड़ियों के लिए एक प्रेरणा भी है। उनके परिवार और खेल विशेषज्ञों ने सरकार से इस क्षेत्र में खिलाड़ियों को और अधिक प्रोत्साहन देने और बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराने की मांग की है।
छवि की इस उपलब्धि पर पूरे क्षेत्र में जश्न का माहौल है। स्थानीय प्रशासन और सामाजिक संगठनों ने भी उनके सम्मान में कार्यक्रम आयोजित करने की घोषणा की है। उनकी यह सफलता आने वाले खिलाड़ियों के लिए एक मार्गदर्शक बनकर उभरेगी।
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