चंडीगढ़ में बिजली कर्मचारियों का प्रदर्शन जारी, निजीकरण के खिलाफ जोरदार विरोध
रमेश गोयत
चंडीगढ़, 10 जनवरी 2025।
बिजली कर्मचारियों का निजीकरण के खिलाफ प्रदर्शन शुक्रवार को भी जारी रहा। कर्मचारियों ने विभाग को निजी कंपनी के हवाले करने और एलओआई (लेटर ऑफ इंटेंट) रद्द करने की मांग को लेकर कार्यालयों में भोजनावकाश के दौरान रैलियां कीं।
प्रदर्शन में उठी आवाज़ें
यूनियन के प्रधान अमरीक सिंह और महासचिव गोपाल दत्त जोशी समेत अन्य नेताओं ने रैलियों को संबोधित करते हुए कहा कि मुनाफे में चल रहे बिजली विभाग को निजी कंपनियों को सौंपना न केवल नियमों का उल्लंघन है, बल्कि कर्मचारियों के संवैधानिक अधिकारों का हनन भी है। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रशासन के अधिकारी बिडिंग प्रक्रिया और नियमों को तोड़ रहे हैं।
मुख्य मांगें और आरोप:
एलओआई रद्द करने की मांग: यूनियन ने निजीकरण के फैसले को रद्द करने की अपील की।
सेवा शर्तों का उल्लंघन: वक्ताओं ने कहा कि कर्मचारियों की सेवा शर्तें और उनकी सहमति के बिना विभाग को निजी हाथों में सौंपा जा रहा है।
ट्रांसफर पॉलिसी का अभाव: वक्ताओं ने प्रशासन पर आरोप लगाया कि 4 साल बाद भी ट्रांसफर पॉलिसी नहीं बनाई गई है, और कर्मचारियों के हितों की अनदेखी हो रही है।
भेदभाव का विरोध: विकलांग कर्मचारियों को इंजीनियरिंग विभाग में समाहित करने की प्रशंसा करते हुए, उन्होंने बाकी कर्मचारियों को भी समायोजित करने की मांग की।
प्राइवेट ऑपरेटरों पर सवाल
वक्ताओं ने कहा कि निजी कंपनियां कर्मचारियों और जनता के बजाय अपने मुनाफे के लिए काम करती हैं। उन्होंने कहा कि विभाग के हैंडओवर के बाद ट्रांसफर पॉलिसी बनाने की बात गलतफहमी पैदा कर रही है।
कर्मचारियों की चेतावनी
यूनियन ने चेतावनी दी कि अगर विभाग को निजी हाथों में सौंपा गया, तो उसी दिन से कार्य बहिष्कार शुरू कर दिया जाएगा। उन्होंने प्रशासन से मांग की कि कर्मचारियों के हितों को ध्यान में रखते हुए उचित निर्णय लिए जाएं।
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