जीन्द के डॉक्टर ने अमेरिका में रचा इतिहास
डॉ. मृत्युंजय गुप्ता बने विश्व के सबसे कम उम्र के अंतर्राष्ट्रीय स्कॉलर, भारत का किया प्रतिनिधित्व
रमेश गोयत
चंडीगढ़ 23 दिसंबर। हरियाणा के लिए गौरवशाली क्षण! सिविल अस्पताल जींद में एनेस्थीसिया एवं क्रिटिकल केयर मेडीसन विशेषज्ञ डॉ. मृत्युंजय गुप्ता को न्यूयॉर्क सोसाइटी ऑफ एनेस्थीसियोलॉजिस्ट्स द्वारा आयोजित व अमेरिका सरकार द्वारा प्रायोजित विश्व के सबसे प्रतिष्ठित सम्मेलनों में से एक, 78वें पोस्टग्रेजुएट एनेस्थेसिया (पीजीए) सम्मेलन में अंतर्राष्ट्रीय स्कॉलर के रूप में आमंत्रित किया गया। यह उपलब्धि इसलिए भी विशेष है, क्योंकि पूरे विश्व से केवल 10 विशेषज्ञों को अंतर्राष्ट्रीय स्कॉलर के रूप में चुना गया, और भारत से मात्र डॉ. गुप्ता का इस सम्मान के लिए चयन किया गया, इतना ही नहीं वे मात्र सत्ताइस वर्ष की उम्र में इस उपलब्धि को प्राप्त करने वाले अबतक के सबसे कम उम्र के अंतर्राष्ट्रीय स्कॉलर के रूप में भी सम्मानित हुए।
डॉ. मृत्युंजय गुप्ता ने न्यूयॉर्क में आयोजित इस अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में न केवल भारत का प्रतिनिधित्व किया, बल्कि एनेस्थीसिया क्षेत्र में अपने अनुभवों को अंतर्राष्ट्रीय मंच से सांझा करते हुए भारत की श्रेष्ठता और क्षमताओं को भी प्रस्तुत किया। आयोजकों ने डॉ. गुप्ता की प्रतिभा को सम्मानित करते हुए उनकी यात्रा का पूरा खर्च प्रायोजित किया, जिसमें आने जाने का एयर फेयर व टाइम्स स्क्वायर के प्रतिष्ठित मैरियट मार्कि्वस होटल में रुकने, खाने पीने की सुविधा भी शामिल थी। इस भव्य सम्मेलन में पूरे विश्व से लगभग एक हजार से अधिक प्रमुख चिकित्सा विशेषज्ञ और स्वास्थ्य उद्योग के अग्रणी उद्योगपतियों ने भाग लिया।
डॉ. मृत्युंजय गुप्ता ने बताया कि यह उनके लिए एक अविस्मरणीय अनुभव था। न्यूयॉर्क में मैंने विश्व के प्रमुख एनेस्थीसियोलॉजिस्ट्स और स्वास्थ्य विशेषज्ञों से उनके अनुभवों से और अत्याधुनिक तकनीकों एवं नवाचारों के बारे में सीखा। जो भी मैंने वहां से सीखा है, उसे मैं अपने कार्यक्षेत्र जींद और देश के स्वास्थ्य क्षेत्र को बेहतर बनाने के लिए इस्तेमाल करूंगा। इसके साथ ही, मैं आगे भी नई-नई रिसर्च कर स्वास्थ्य सेवाओं को और बेहतर बनाने का प्रयास करता रहूंगा। डॉ. गुप्ता की इस उपलब्धि ने जींद और हरियाणा का नाम अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर गौरवान्वित किया है। उन्होंने न केवल अपने क्षेत्र में उत्कृष्टता का परिचय दिया, बल्कि अंतर्राष्ट्रीय मंच पर भारत के स्वास्थ्य क्षेत्र को भी एक नई पहचान दिलाई।
*उड़ान में दिखाई सूझबूझ, महिला की बचाई जान*
दिल्ली से न्यूयॉर्क की यात्रा के दौरान एयर इंडिया की 16 घंटे की नॉन-स्टॉप फ्लाइट में, एक भारतीय मूल की एक अमेरिकन वृद्ध महिला की तबीयत अचानक बिगड़ गई। उनकी नब्ज रुक चुकी थी और स्थिति गंभीर थी। डॉ. गुप्ता, जो हमेशा अपने साथ आपातकालीन दवाइयां रखते हैं, तुरंत सक्रिय हुए। उन्होंने 3 घंटे की अथक मेहनत और सूझबूझ से महिला को होश में लाया। उनकी तत्परता से न केवल महिला की जान बची, बल्कि फ्लाइट की आपातकालीन लैंडिंग से भी बचाव हुआ। इस मानवीय कार्य के लिए फ्लाइट क्रू और सहयात्रियों ने खुले दिल से उनकी सराहना करते हुए तालियों से उनका सम्मान किया तथा एयर इंडिया ने भी ईमेल द्वारा प्रशंसा पत्र भेजकर आभार व्यक्त किया।
*लोगों की जान बचाने के लिए हमेशा तत्पर*
डॉ. मृत्युंजय गुप्ता का जीवन का उद्देश्य है कि हर आपात स्थिति में हर संभव प्रयास से लोगों की जान बचाई जाए। उन्होंने माई विल माई लाइफ नाम से एक संस्था भी स्थापित की है, जो सडक़ दुर्घटना, डूबने, शॉक और कार्डियक अरेस्ट जैसी आपात स्थितियों में लोगों की जान बचाने के लिए जागरूकता फैलाती है और प्रशिक्षण देती है। डॉ. गुप्ता ने सिविल अस्पताल, विभिन्न कॉलेजों और सार्वजनिक स्थानों पर सीपीआर (कार्डियो पल्मोनरी रिससिटेशन), एक्सीडेंट रिस्पॉन्स और इमरजेंसी मेडिसिन जैसे विषयों पर कई प्रशिक्षण सत्र आयोजित किए हैं। उनकी प्रतिबद्धता है कि कोई भी जीवन केवल आपातकालीन सहायता की कमी के कारण न खो जाए। हर जीवन को बचाना ही उनका लक्ष्य है।
अपने शहर की खबरें Whatsapp पर पढ़ने के लिए Click Here →
Click to Follow हिन्दी बाबूशाही फेसबुक पेज →