Chd: निजीकरण के खिलाफ बीस हजार उपभोक्ताओं ने हस्ताक्षर युक्त ज्ञापन प्रशासन को सौंपा
बिजली निजीकरण के फैसले को वापस लेने की मांग
निजीकरण के खिलाफ 31 जनवरी को जनता उतरेगी सड़कों पर,निकालेगी रोष मार्च
रमेश गोयत
चंडीगढ़,26 जनवरी। यूटी पावर मैन यूनियन चंडीगढ़ ने रविवार को सेक्टर 28 बी बिजली कालौनी में प्रधान अमरीक सिंह की अध्यक्षता में निजीकरण के खिलाफ जनसभा का आयोजन किया गया। जनसभा की शुरुआत में गणतंत्र दिवस पर राष्ट्रीय ध्वज फहराया गया और राष्ट्रगान गाया गया और कोई भी कुर्बानी देते हुए बिजली विभाग को निजी हाथों में सौंपने से बचाने का संकल्प लिया। जनसभा में ऑल इंडिया स्टेट गवर्नमेंट एम्पलाइज फेडरेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं ईईएफआई के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सुभाष लांबा, सचिव सुदीप दत्ता, फेडरेशन ऑफ यूटी एम्पलाइज एंड वर्कर के प्रधान रघबीर चंद, जरनल सेकेट्री गोपाल दत्त जोशी व वरिष्ठ उपाध्यक्ष चंद राजेन्द्र कटौच भी शामिल हुए। जनसभा में हजारों की संख्या में बिजली कर्मचारियों एवं उनके परिजनों के अलावा
अन्य विभागों के कर्मचारियों, किसान, मजदूर, नौजवान, महिला संगठनों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
जनसभा के बाद निजीकरण के खिलाफ बीस हजार उपभोक्ताओं के हस्ताक्षर युक्त ज्ञापन महामहिम राज्यपाल को सौंपने के लिए राजभवन के लिए मार्च किया गया। इस रोष मार्च को पुलिस ने पुलिस स्टेशन के सामने बेरीगेटस लगाकर रोक लिया। जहां आक्रोशित कर्मचारियों एवं नागरिकों ने यूटी प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन किया। आक्रमक तेवरों को देखते हुए प्रशासन की ओर से मौके पर ज्ञापन लेने के लिए एसडीएम पहुंचे। इस अवसर पर यूटी पावर मैन यूनियन चंडीगढ़ के जरनल सेकेट्री गोपाल दत्त जोशी, इलेक्ट्रिसिटी एम्पलाइज फेडरेशन ऑफ इंडिया (ईईएफआई) के वाइस प्रेसिडेंट एवं ऑल इंडिया स्टेट गवर्नमेंट एम्पलाइज फेडरेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुभाष लांबा व ईईएफआई के सचिव सुदीप दत्ता ने प्रशासन को खूब खरी-खोटी सुनाई। उन्होंने कहा कि पिछले करीब 50 दिनों से बिजली के हितधारकों ( बिजली कर्मचारी एवं उपभोक्ताओं) की भावनाओं के विपरित बिजली विभाग को निजी हाथों में सौंपने के खिलाफ जनता एवं कर्मचारी तथा उनके परिजन सड़कों पर रोजाना प्रदर्शन कर रहे हैं। लेकिन लेकिन महामहिम राज्यपाल व यूटी प्रशासन ने निजीकरण का फैसला वापस लेना तो दूर हितधारकों से बातचीत करना जरूरी भी नहीं समझा। इसलिए कर्मचारियों एवं उनके परिजनों और उपभोक्ताओं ने गणतंत्र दिवस जैसे शुभ अवसर पर राष्ट्रीय झंडा फहराया और जनता द्वारा खड़े किए बिजली विभाग को बचाने के लिए सड़कों पर उतरने पर मजबूर होना पड़ा है। उन्होंने कहा कि 31 जनवरी को निजीकरण विरोधी मोर्चा चंडीगढ़ में बिजली निजीकरण के फैसले के खिलाफ रोष मार्च निकालेगा, जिसमें बिजली कर्मचारी एवं उनके परिजन भी बढ़ चढ़कर हिस्सा लेंगे। फेडरेशन ऑफ यूटी एम्पलाइज एंड वर्कर के प्रधान रघबीर चंद ने कहा कि निजीकरण के खिलाफ आंदोलन में अन्य सभी विभागों के कर्मचारी भी शामिल होंगे।
*कर्मचारी निजी कंपनी के अधीन काम नहीं करेंगे*
इलेक्ट्रिसिटी एम्पलाइज फेडरेशन ऑफ इंडिया के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सुभाष लांबा ने बिल्कुल दो टूक कहा कि देश की कोई भी सरकार एवं प्रशासन किसी भी सरकारी कर्मचारी को किसी निजी कंपनी के अधीन काम करने के लिए मजबूर नहीं कर सकता है। यह माननीय सर्वोच्च न्यायालय के फैसले और इलेक्ट्रिसिटी अधिनियम 2003 के प्रावधानों के खिलाफ है। उन्होंने कहा कि अगर तमाम विरोध के बावजूद विभाग को निजी कंपनी को हैंडओवर किया गया तो यूटी चंडीगढ़ पावर डिपार्टमेंट का कोई भी कर्मचारी निजी कंपनी के अधीन काम नहीं करेगा। अगर इस फैसले से चंडीगढ़ के बिजली उपभोक्ताओं को कोई परेशानी होगी तो उसके लिए पूरी तरह यूटी प्रशासन जिम्मेदार होगा। इसलिए प्रशासन ने हैंडओवर करने से पहले यूटी पावर मैन यूनियन चंडीगढ़ से बातचीत करनी चाहिए। जिससे प्रशासन लगातार बच रहा है और उपभोक्ताओं को परेशानी में डालने का प्रयास कर रहा है।
*हरियाणा, हिमाचल, पंजाब ,उप्र व जम्मू-कश्मीर के कर्मचारी चंडीगढ़ नहीं आएंगे*
इलेक्ट्रिसिटी एम्पलाइज फेडरेशन ऑफ इंडिया के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सुभाष लांबा व सचिव सुदीप दत्ता ने कहा कि अगर चंडीगढ़ के बिजली मुलाजिम विभाग को निजी कंपनी को हैंडओवर करने के बाद कार्यबहिष्कार करके धरने प्रदर्शन पर बैठेंगे तो बिजली आपूर्ति सुचारू रूप से चलाने के लिए पड़ोसी राज्यों हिमाचल, हरियाणा, पंजाब,उप्र व जम्मू-कश्मीर से कर्मचारी चंडीगढ़ नहीं आएंगे। अगर उन राज्य सरकारों ने जबरदस्ती की तो वहां भी हड़ताल शुरू कर दी जाएगी। इसके सभी राज्यों के बिजली कर्मचारी यूनियन ने नोटिस दे दिए हैं।
*31 जनवरी को होंगे देशभर में विरोध प्रदर्शन*
ईईएफआई के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सुभाष लांबा ने कहा कि चण्डीगढ़ बिजली विभाग के निजीकरण के खिलाफ जनता एवं कर्मचारियों के चल रहे आंदोलन के साथ एकजुटता प्रकट करने और यूटी प्रशासन के चेतावनी देने के लिए नेशनल कोआर्डिनेशन कमेटी आफ इलेक्ट्रिसिटी एम्पलाइज एंड इंजीनियर (एनसीसीओईईई) के आह्वान पर 31 जनवरी को देशभर में विरोध प्रदर्शन किए जाएंगे। जनसभा को फेडरेशन के वरिष्ठ उप प्रधान राजेंद्र कटोच ,नौजवान किसान एकता के प्रधान कृपाल सिंह सैनी, पेंडू संघर्ष कमेटी के ज्ञानचंद ,जनवादी स्त्री सभा की प्रधान आशा राणा, नारी शक्ति की प्रधान शैलजा शर्मा, अखिल भारतीय राज्य सरकारी कर्मचारी महासंघ की वूमेन सब कमेटी की मेंबर रेखा गोरा, रोड के प्रधान तोपलान ,राजेंद्रन, प्रेमपाल ,वाटर सप्लाई के प्रधान नसीब सिंह हरपाल सिंह ,यूटी पावर मैन यूनियन के पू्र्व प्रधान ध्यान सिंह,उप प्रधान गुरमीत सिंह, सुखविंदर सिंह,संयुक्त सचिव कश्मीर सिंह, विनय प्रसाद, पेंशनर्स यूनियन के उजागर सिंह मोही, सीटू के महासचिव दिनेश प्रसाद, नगेन्दर कुमार,राम आधार, सीटीयू वर्कर्स यूनियन के ओम प्रकाश के अलावा कई अन्य संगठनों व यूनियन के अन्य प्रतिनिधियों ने भी संबोधित कर बिजली कर्मचारियों के आंदोलन का पूरे तौर पर समर्थन किया व उनकी लड़ाई में पूरी भागीदारी निभाने का विश्वास दिलाया ।
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