CHD बिजली विभाग के निजीकरण के विरोध में शहरवासियों ने सेक्टर 39 में किया विरोध प्रदर्शन
रमेश गोयत
चंडीगढ़, 27 जनवरी: पिछले कई वर्षों से लाभ में चल रहे बिजली विभाग को चंडीगढ़ प्रशासन द्वारा निजी कंपनी को सौंपे जाने से नाराज चंडीगढ़ के निवासियों ने आज सेक्टर 39 में 50वें दिन भी धरना दिया। चंडीगढ़ प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की और बिजली के निजीकरण को खारिज करने का अनुरोध किया। शहर के विभिन्न सेक्टरों के निवासियों के अलावा स्थानीय सेक्टरवासियों ने भी इसमें बड़ी संख्या में भाग लिया। आज का विरोध मार्च सेक्टर 39 स्थित बाबा श्री चंद गुरुद्वारा साहिब से शुरू हुआ और विभिन्न ऋषि क्षेत्रों से होते हुए उसी स्थान पर समाप्त हुआ।
आज के विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व युवा किसान यूनियन के अध्यक्ष कृपाल सिंह, आर. डब्ल्यूए अध्यक्ष जगतार सिंह चौटा, सीआईटीयू महासचिव दिनेश कुमार और ग्रामीण संघर्ष समिति के नेता जोगा सिंह।
इस अवसर पर सभा को संबोधित करते हुए नौजवान किसान एकता के अध्यक्ष कृपाल सिंह ने कहा कि बिजली विभाग को निजी हाथों में सौंपने से जनता पर अतिरिक्त बोझ पड़ेगा। उन्होंने कहा कि चंडीगढ़ के लोगों ने कुछ समय पहले ही सरकार की 24 घंटे पानी की आपूर्ति देखी है। उन्होंने कहा कि मणिमाजरा में 24 घंटे जलापूर्ति का उद्घाटन केंद्रीय गृह मंत्री द्वारा किया गया। इस दौरान मनीमाजरा में सभी उपभोक्ताओं के यहां स्मार्ट मीटर लगाए गए। और अब जिन घरों में पानी का बिल 500 रुपये आता था, वहां अब 1500 से 2000 रुपये तक का पानी का बिल आ रहा है। उन्होंने लोगों को चेताते हुए कहा कि मनीमाजरा का उदाहरण सबके सामने है कि पानी के बिल तीन से चार गुना बढ़ गए हैं। इसी तरह अगर बिजली निजी हाथों में चली गई तो लोगों का बिल चार गुना बढ़ जाएगा और लोगों के लिए घर चलाना मुश्किल हो जाएगा। उन्होंने चंडीगढ़ प्रशासन से जनता की मांग और जन विरोध को देखते हुए निजीकरण के फैसले को तुरंत वापस लेने की अपील की है। उन्होंने चंडीगढ़ के लोगों से 31 जनवरी को होने वाले विरोध प्रदर्शन में भाग लेने की अपील की है।
इस अवसर पर बोलते हुए रेजिडेंशियल वेलफेयर एसोसिएशन सेक्टर 39 के अध्यक्ष जगतार सिंह चौथान ने कहा कि बिजली विभाग पहले से ही उपभोक्ताओं को बेहतरीन सेवा प्रदान कर रहा है और साथ ही सस्ती बिजली भी उपलब्ध करवा रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार जबरदस्ती लोगों पर निजीकरण थोपने जा रही है, जिसका वह पुरजोर विरोध करेंगे और किसी भी कीमत पर इस निजीकरण को लागू नहीं होने देंगे।
इस अवसर पर बोलते हुए पूर्व पार्षद जगजीत सिंह गोरा कंग ने कहा कि सरकार लोगों को मूलभूत सुविधाएं देने से भाग रही है। उन्होंने कहा कि चंडीगढ़ प्रशासन सरकार का मोहरा बनकर काम कर रहा है और जानबूझकर चंडीगढ़ के लोगों को परेशान कर रहा है। उन्होंने चंडीगढ़ के प्रशासक और पंजाब के राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया से अपील की है कि चंडीगढ़ के लोगों के विरोध और विरोध को देखते हुए इसे तुरंत रद्द किया जाए। समाजवादी पार्टी के नेता एडवोकेट राजिंदर कुमार ने कहा कि निजीकरण चंडीगढ़ की जनता की मांग नहीं है, यह तो सरकार द्वारा कॉरपोरेट घरानों को खुश करने के लिए खेला गया खेल है, जिसे वे कतई लागू नहीं होने देंगे। उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी इसका पुरजोर विरोध करेगी। ग्रामीण संघर्ष समिति के नेता जोगा सिंह ने कहा कि गांव, शहर और सेक्टरों के लोग निजीकरण के पूरी तरह खिलाफ हैं और इसे रद्द करवाकर ही दम लेंगे। उन्होंने कहा कि सस्ती बिजली लोगों की जरूरत है और इसे मुहैया करवाना ही सबका लक्ष्य है। यह सरकार की प्राथमिक जिम्मेदारी है। यह एक कर्तव्य है। उन्होंने कहा कि सरकार बिजली को निजी हाथों में सौंपकर अपने कर्तव्य से बच नहीं सकती। जिसे चंडीगढ़ की जनता बर्दाश्त नहीं करेगी।
आज के विरोध मार्च में अमनदीप सिंह मान मनी माजरा, मैडम आशा राणा अध्यक्ष जनवादी महिला समिति, राम आधार, राजिंदर सिंह सहित विभिन्न गांवों और सेक्टरों से बड़ी संख्या में महिलाएं और बच्चे शामिल हुए। जिन्होंने हाथों में तख्तियां लेकर निजीकरण के खिलाफ पैदल प्रदर्शन किया और "निजीकरण बंद करो" के नारे लगाते हुए लोगों में जागरूकता पैदा की।
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