कलेक्टर दरों में बढ़ोतरी पर चंडीगढ़ ट्रेडर्स एसोसिएशन ने जताई आपत्ति, प्रशासक से हस्तक्षेप की अपील
बाबूशाही ब्यूरो
चंडीगढ़, 17 मार्च 2025:
चंडीगढ़ प्रशासन द्वारा कलेक्टर दरों में प्रस्तावित वृद्धि को लेकर चंडीगढ़ ट्रेडर्स एसोसिएशन, सेक्टर 17 की एक आपात बैठक आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता एसोसिएशन के अध्यक्ष कमलजीत सिंह पंछी ने की, जिसमें व्यापारियों और विभिन्न हितधारकों ने इस फैसले पर नाराजगी जाहिर की।
बैठक में व्यापारियों ने कहा कि 1 अप्रैल 2025 से लागू होने वाली प्रस्तावित दरें आम जनता और कारोबारियों पर भारी आर्थिक बोझ डालेंगी। उन्होंने प्रशासन से अपील की कि कलेक्टर दरें तय करने में इस्तेमाल किए गए मानदंडों को पारदर्शी रूप से जनता के सामने रखा जाए।
"बढ़ी दरों से संपत्ति खरीदना नामुमकिन हो जाएगा"
कमलजीत सिंह पंछी ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि इस बढ़ोतरी से चंडीगढ़ में संपत्ति खरीदना और कारोबार करना और महंगा हो जाएगा। उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि कुछ क्षेत्रों में भूमि की कीमतें ₹78,000 प्रति वर्ग गज से बढ़कर ₹1,78,000 प्रति वर्ग गज तक पहुंच गई हैं, जो आम आदमी की पहुंच से बाहर है।
उन्होंने आगाह किया कि इस बढ़ोतरी से लोगों का मोहाली, पंचकूला, जीरकपुर और डेराबस्सी की ओर पलायन बढ़ सकता है, जहाँ तुलनात्मक रूप से कलेक्टर दरें कम हैं। इससे न केवल चंडीगढ़ में निवेश घटेगा बल्कि शहर की व्यावसायिक और आर्थिक गतिविधियों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
व्यावसायिक संपत्तियों के लिए पुनर्विचार की मांग
पंछी ने प्रशासन से सेक्टर 7, 17, 22, 26 और 34 में व्यावसायिक संपत्तियों के लिए कलेक्टर दरों में कटौती करने की मांग की। उन्होंने कहा कि इन इलाकों में संपत्ति के वास्तविक बाजार मूल्य मौजूदा कलेक्टर दरों से कम हैं, जिससे व्यापारिक लेन-देन ठप होने की आशंका है। अगर यह जारी रहा, तो इससे स्टांप ड्यूटी से मिलने वाले राजस्व में भी गिरावट आएगी।
प्रशासक से हस्तक्षेप की अपील
पंछी ने पंजाब के राज्यपाल और चंडीगढ़ के प्रशासक से अपील की कि वे इस मामले में हस्तक्षेप करें और प्रस्तावित वृद्धि पर पुनर्विचार करने का निर्देश दें। उन्होंने यह भी कहा कि शेयर-वार संपत्ति पंजीकरण रोकने के प्रशासनिक निर्णय से पहले ही लोग परेशान हैं, और अब कलेक्टर दरों में भारी बढ़ोतरी से हालात और खराब हो जाएंगे।
बैठक में व्यापारियों ने प्रशासन को चेतावनी दी कि अगर उनकी मांगें नहीं मानी गईं, तो वे जल्द ही बड़े विरोध प्रदर्शन की योजना बनाएंगे।
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