यूटी शिक्षकों की ज्वॉइंट एक्शन कमेटी ने प्रधानमंत्री और गृह मंत्री को पत्र लिखा, डेपुटेशन कोटा समाप्त करने और ओवरस्टे शिक्षकों को उनके मूल कैडर में भेजने की उठाई मांग
बाबूशाही ब्यूरो
चंडीगढ़, 18 मार्च – चंडीगढ़ के शिक्षकों की ज्वॉइंट एक्शन कमेटी ऑफ टीचर्स ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर शिक्षा विभाग में डेपुटेशन (प्रतिनियुक्ति) कोटा समाप्त करने और सात साल से अधिक समय तक ओवरस्टे कर रहे शिक्षकों को उनके मूल राज्यों में वापस भेजने की मांग की है।
संघ के अध्यक्ष श्री सविंदर सिंह की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में यह मुद्दा प्रमुखता से उठाया गया कि केंद्र सरकार के सिविल सेवा नियमों के तहत प्रतिनियुक्ति की अधिकतम अवधि सात वर्ष निर्धारित है, और इसे पूर्ण रूप से लागू किया जाना चाहिए। जो शिक्षक इस अवधि को पार कर चुके हैं, उन्हें तुरंत उनके मूल कैडर में वापस भेजा जाना चाहिए।
प्रतिनियुक्ति के कारण यूटी के शिक्षकों को हो रहा नुकसान
संघ ने बताया कि चंडीगढ़ शिक्षा विभाग में वर्तमान में लगभग 800 शिक्षक और प्रधानाचार्य प्रतिनियुक्ति पर कार्यरत हैं, जिससे चंडीगढ़ के स्थानीय शिक्षकों को पदोन्नति और स्थायी नियुक्ति का अवसर नहीं मिल रहा। इन शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति के कारण नए बेरोजगार युवाओं के लिए भी अवसर सीमित हो गए हैं।
संघ का यह भी कहना है कि 1987 में गृह विभाग द्वारा जारी पत्र संख्या 322-1एच(7)-87/15191 दिनांक 20.08.1987 में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि प्रतिनियुक्ति पर आए शिक्षकों की बजाय पहले यूटी के शिक्षकों को पदोन्नति और स्थायी नियुक्ति दी जानी चाहिए।
संघ के पदाधिकारियों का कहना है कि प्रतिनियुक्ति पर कार्यरत शिक्षक दो पदों पर काबिज होते हैं – एक चंडीगढ़ में और दूसरा अपने मूल राज्य में। यह अन्य शिक्षकों के साथ अन्याय है और इसे तत्काल रोका जाना चाहिए।
संघ की मुख्य मांगें:
चंडीगढ़ शिक्षा विभाग में प्रतिनियुक्ति कोटा (20% और 25%) पूरी तरह समाप्त किया जाए।
बिना एक्सटेंशन के ओवरस्टे शिक्षकों को तुरंत उनके मूल राज्यों में वापस भेजा जाए।
यूटी के स्थानीय शिक्षकों को प्रमोशन और स्थायी नियुक्ति में प्राथमिकता दी जाए।
प्रतिनियुक्ति पर कार्यरत शिक्षकों को दोहरी नियुक्ति से रोका जाए।
प्रतिनियुक्ति के मामले में केंद्रीय सिविल सेवा नियमों का सख्ती से पालन किया जाए।
जो शिक्षक नियमों के विरुद्ध आंदोलन की धमकी दे रहे हैं, उनके खिलाफ आचरण नियमों के तहत सख्त कार्रवाई की जाए।
चंडीगढ़ के नेताओं से भी समर्थन की अपील
संघ ने चंडीगढ़ के राजनीतिक नेताओं से भी इस मुद्दे पर हस्तक्षेप करने और यूटी शिक्षकों के पक्ष में कार्य करने की अपील की है। शिक्षकों ने मांग की कि प्रतिनियुक्ति के आधार पर बाहर से आए शिक्षकों की जगह स्थानीय शिक्षकों को प्राथमिकता दी जाए, ताकि उन्हें उनके अधिकार मिल सकें।
आंदोलन की चेतावनी
संघ के पदाधिकारियों ने चेतावनी दी कि अगर उनकी मांगों पर जल्द ध्यान नहीं दिया गया तो वे आंदोलन का रास्ता अपनाने पर मजबूर होंगे। उन्होंने कहा कि प्रतिनियुक्ति नियमों को तोड़ने वालों और गलत तरीके से ओवरस्टे करने वालों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जानी चाहिए।
बैठक में शामिल प्रमुख शिक्षक नेता
इस बैठक में संघ के कई वरिष्ठ पदाधिकारी शामिल रहे, जिनमें सविंदर सिंह (अध्यक्ष), भाग सिंह केरों, खुशाली राम शर्मा, रणबीर सिंह राणा, शमशेर सिंह, शिव मूरत व गुरप्रीत कौर आदि शामिल रहे।
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