Himachal Budget 2025: जनवरी 2025 से मार्च 2026 तक 21 साल की बेटियों को मिलेंगे 1500-1500 रुपये, देखिए बजट के बड़े फैसले
बाबूशाही ब्यूरो, 17 मार्च 2025
शिमला। मुख्यमंत्री ने कहा कि 1 जनवरी 2025 से 31 मार्च 2026 के बीच 21 साल की उम्र प्राप्त करने वाली हर पात्र बेटी को हर महीने 1500 रुपये दिए जाएंगे। सरकार द्वारा शुरू की गई इंदिरा गांधी प्यारी बहना सुख सम्मान निधि योजना के तहत 18 से 59 वर्ष आयु वर्ग की पात्र महिलाओं को 1500 रुपये प्रतिमाह प्रदान किए जाते हैं। राज्य की संपदा के लाभों से वंचित सभी वर्गों को लाभ पहुंचाने के लिए सरकार कृत संकल्प है।
इस उद्देश्य से आगामी वित्त वर्ष में इस योजना का चरणबद्ध तरीके से विस्तार करने का फैसला लिया गया है। इसके अलावा जो भी महिलाएं दूसरों के घरों में काम करके अपने परिवार का गुजारा करती हैं, उन्हें भी इस योजना के तहत 1 जून 2025 से लाभ मिलना शुरू हो जाएगा।
उनकी पात्र बेटियां भी 1500 रुपये प्रति माह मिलने की हकदार होंगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि आने वाले समय में जो भी महिलाएं पंचायत द्वारा अनुमोदित की हैं, उनको चरणबद्ध तरीके से इस योजना से लाभान्वित किया जाएगा। विधवा बहनों की बेटियां भी इस योजना के तहत लाभ पाने की पात्र होंगी। इसके अतिरिक्त यदि विधवा बहनों की बेटियां व्यावसायिक कोर्स के लिए पढ़ाई करना चाहें तो, सरकार उनकी पूरी फीस और संस्थान द्वारा स्वीकृत हॉस्टल फीस का व्यय वहन करेगी। यदि ये पीजी में रहना चाहे तो सरकार एक वर्ष में 10 माह के लिए 3000 रुपये प्रति माह प्रदान करेगी। इस योजना के तहत आगामी वित्त वर्ष के दौरान 200 करोड़ रुपये का व्यय किया जाएगा।
18,925 आंगनबाड़ी केंद्रों में खुलेंगे प्री प्राइमरी स्कूल
हिमाचल प्रदेश के 18,925 आंगनबाड़ी केंद्रों में प्री प्राइमरी स्कूल खोले जाएंगे। यहां तीन से छह साल के बच्चों को खेल-खेल में शिक्षा दी जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार की प्राथमिकता बच्चों की शिक्षा में गुणात्मक सुधार लाने की है। इसी कड़ी में एक अप्रैल 2025 से सभी 18,925 आंगनबाड़ी केंद्रों को आंगनबाड़ी सह प्री-स्कूल के रूप में नामित करने का फैसला लिया गया है।
आंगनबाड़ी कार्यकर्ता द्वारा एससीईआरटी सोलन की ओर से विकसित पूर्व प्राथमिक पाठ्यक्रम तथा राष्ट्रीय जन सहयोग एवं बाल विकास संस्थान नई दिल्ली की ओर से विकसित आधारशिला राष्ट्रीय पाठ्यक्रम के अनुसार शिक्षा प्रदान की जाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि युवा महिलाओं के बीच छोटे बच्चों के समुचित ब्रेस्टफीडिंग और पूरक भोजन तकनीकों के बारे में जागरुकता की कमी है। प्रदेश में चिकित्सा सुविधाओं में हुई व्यापक वृद्धि के बावजूद छोटे बच्चों के स्वास्थ्य मानकों में आ रही गिरावट के कारणों को समझने की दृष्टि से सरकार ने पिछले दिनों एक व्यापक कार्यशाला का आयोजन किया। कार्यशाला में स्वास्थ्य विभाग और महिला एवं बाल विकास निदेशालय के बीच बेहतर समन्वय की आवश्यकता पर बल दिया गया है। (SBP)
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