पंचकूला: वायु प्रदूषण और स्वास्थ्य संबंधी खतरों को देखते हुए हाई कोर्ट के निर्देशों का उल्लंघन करने वाले पोल्ट्री फार्म होंगे बंद!
रमेश गोयत
पंचकूला/रायपुररानी/बरवाला, 17 मार्च।
हरियाणा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (HPCB) ने पंचकूला और आसपास के क्षेत्रों में नियमों का उल्लंघन करने वाले पोल्ट्री फार्मों के खिलाफ सख्त कार्रवाई शुरू कर दी है। हाई कोर्ट के आदेशानुसार बनाए गए पर्यावरण नियमों की अनदेखी करने वाले पोल्ट्री फार्मों पर ताला लग सकता है।
शिवालिक विकास मंच के प्रदेश अध्यक्ष विजय बंसल एडवोकेट द्वारा दिसंबर 2024 में हरियाणा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को भेजे गए लीगल नोटिस के बाद प्रशासन हरकत में आ गया। बोर्ड ने अपने जवाब में बताया कि नियमों की अनदेखी करने वाले पोल्ट्री फार्मों का निरीक्षण किया जा रहा है और कई को नोटिस जारी कर बंद करने की सिफारिश की गई है।
प्रदूषण नियंत्रण के लिए गठित निगरानी कमेटी
पर्यावरण नियमों के उल्लंघन की निगरानी और सख्त कार्रवाई के लिए हरियाणा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने तीन विभागों के अधिकारियों की एक निगरानी और निरीक्षण कमेटी बनाई है। इसमें शामिल हैं:
- पशुपालन एवं डेयरी विभाग, पंचकूला
- पशु चिकित्सा विभाग, पंचकूला
- हरियाणा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड क्षेत्रीय कार्यालय, पंचकूला
पोल्ट्री फार्मों पर शुरू हुई कार्रवाई
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों ने रायपुररानी, बरवाला और अन्य क्षेत्रों में पोल्ट्री फार्मों का निरीक्षण किया। पाया गया कि कई पोल्ट्री फार्म हरियाणा सरकार की अधिसूचना (29 मई 2023) और केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के दिशा-निर्देशों (29 अप्रैल 2022) का पालन नहीं कर रहे हैं। इसके चलते इन पोल्ट्री फार्मों को कारण बताओ नोटिस जारी किए गए हैं, और नियमों की अवहेलना जारी रखने वालों को बंद करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है।
विजय बंसल की कानूनी कार्रवाई का असर
विजय बंसल एडवोकेट ने बताया कि उन्होंने वर्ष 2011 में पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट में जनहित याचिका नंबर 16436-2011 दायर की थी। इसमें पोल्ट्री फार्मों से फैल रहे प्रदूषण को रोकने की मांग की गई थी। 5 सितंबर 2011 को हाई कोर्ट ने प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को इस विषय में दिशा-निर्देश जारी करने का आदेश दिया था।
इसके बाद 29 मई 2013 को हरियाणा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने नए नियम लागू किए, जिनके अनुसार:
- मरी हुई मुर्गियों और कचरे का वैज्ञानिक तरीके से निपटान किया जाना चाहिए।
- मक्खियों की रोकथाम के लिए प्रभावी उपाय अपनाने होंगे।
- आबादी से कम से कम 500 मीटर की दूरी पर ही पोल्ट्री फार्म स्थापित किए जा सकते हैं।
हालांकि, पिछले कुछ वर्षों से प्रशासन की अनदेखी के कारण यह नियम प्रभावी ढंग से लागू नहीं किए जा रहे थे। दिसंबर 2024 में विजय बंसल ने प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को नोटिस भेजकर 31 दिसंबर तक नियमों की सख्ती से अनुपालना सुनिश्चित करने की चेतावनी दी थी।
प्रदूषण नियंत्रण के लिए ठोस कदम
हरियाणा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने हाल ही में बताया कि लाला लाजपत राय विश्वविद्यालय (हिसार) और पशु विज्ञान संस्थान ने हरियाणा में पोल्ट्री फार्मों में प्रदूषण और मक्खियों की समस्या से निपटने के लिए एक मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) तैयार की है।
अब प्रशासन इन दिशा-निर्देशों के आधार पर उल्लंघन करने वाले पोल्ट्री फार्मों पर भारी जुर्माना और बंद करने की कार्रवाई करने जा रहा है।
शिवालिक विकास मंच का संघर्ष जारी
विजय बंसल ने कहा कि शिवालिक विकास मंच कालका, पिंजौर, पंचकूला, अंबाला और यमुनानगर में लोगों की समस्याओं के समाधान के लिए हमेशा तत्पर रहता है। मंच प्रशासन, सरकार और संबंधित अधिकारियों को ज्ञापन सौंपकर समस्याओं के समाधान की मांग करता है, और जरूरत पड़ने पर अदालत का सहारा भी लेता है।
"हमारा उद्देश्य केवल पोल्ट्री फार्मों को बंद कराना नहीं, बल्कि यह सुनिश्चित करना है कि वे पर्यावरण नियमों का पालन करें ताकि आम जनता को प्रदूषण और मक्खियों की समस्या से राहत मिले।" – विजय बंसल एडवोकेट
निष्कर्ष
हरियाणा में अब प्रदूषण फैलाने वाले पोल्ट्री फार्मों पर सख्त कार्रवाई होने जा रही है। विजय बंसल के कानूनी हस्तक्षेप के बाद प्रशासन ने निगरानी कमेटी का गठन किया और कई पोल्ट्री फार्मों को नोटिस जारी किए हैं। यदि जल्द ही वे नियमों का पालन नहीं करते, तो इन पर जुर्माना और बंदी की कार्रवाई होगी।
आगे देखना होगा कि प्रशासन इस अभियान को कितनी गंभीरता से लागू करता है और जनता को प्रदूषण से राहत दिलाने में कितना सफल होता है।
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