सांसद सतनाम संधू ने राज्यसभा में एनआरआई संपत्तियों पर कब्जे का मुद्दा उठाया
सांसद सतनाम संधू ने एनआरआई समुदाय की संपत्तियों की सुरक्षा के लिए भूमि मानचित्रण और वन-स्टॉप इंटरफेस स्थापित करने का सुझाव दिया
बाबूशाही ब्यूरो
चंडीगढ़, 17 मार्च, 2025: अनिवासी भारतीयों (एनआरआई) की संपत्तियों पर कब्जे के बढ़ते मामलों का मुद्दा उठाते हुए, राज्यसभा सांसद सतनाम सिंह संधू ने केंद्र सरकार से संसद के चल रहे बजट सत्र के दौरान अनिवासी भारतीयों के हितों की रक्षा के लिए एक मजबूत तंत्र स्थापित करने का आग्रह किया है।
संसद के बजट सत्र के दौरान बोलते हुए संधू ने कहा, "हाल के दिनों में एनआरआई की संपत्तियों पर कब्ज़ा करने के मामलों में तेज़ी से वृद्धि हुई है, जिससे समुदाय में डर का माहौल पैदा हो गया है। नतीजतन, एनआरआई अपनी संपत्ति बेचने के लिए मजबूर हैं, जो उनके और उनकी मातृभूमि के बीच एकमात्र संपर्क है।"
इस मामले को गंभीर प्रकृति का बताते हुए सांसद संधू ने कहा कि अब समय आ गया है कि एक मजबूत तंत्र बनाया जाए जो इस मुद्दे से संबंधित बढ़ती चुनौतियों से निपट सके।
उन्होंने कहा कि एनआरआई समुदाय को यह आश्वासन दिलाने के लिए विश्वास बहाली के उपाय किए जाने की आवश्यकता है कि उनकी पैतृक संपत्ति या मातृभूमि में उनकी भूमि सरकार द्वारा संरक्षित है।
गौरतलब है कि केंद्रीय विदेश मंत्रालय के रिकार्ड के अनुसार पिछले साढ़े तीन वर्षों में 18 राज्यों से संपत्ति विवादों के बारे में एनआरआई से 140 शिकायतें प्राप्त हुई हैं। इनमें से सबसे अधिक 22 शिकायतें तमिलनाडु से संबंधित हैं, जबकि उत्तर प्रदेश से 18 और दिल्ली से 12 शिकायतें प्राप्त हुई हैं।
भारत के विकास में एनआरआई समुदाय के 'अत्यंत महत्वपूर्ण योगदान' पर जोर देते हुए संधू ने कहा, "देश के आर्थिक और सामाजिक विकास में 3.5 करोड़ से अधिक एनआरआई महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। देश के स्वतंत्रता संग्राम में उनके अमूल्य योगदान से लेकर आज भारत की प्रगति में उनकी सक्रिय भागीदारी तक। एनआरआई न केवल भारत में बड़ी मात्रा में धन भेज रहे हैं, बल्कि वे वैश्विक स्तर पर भी अमिट छाप छोड़ रहे हैं।"
उन्होंने आगे कहा कि हाल ही में संपन्न यूके संसद चुनावों में भारतीय मूल के 29 सांसद निर्वाचित हुए, जिससे दोनों सदनों में सांसदों की कुल संख्या 40 हो गई, जो स्पष्ट रूप से भारतीय प्रवासी के बढ़ते वैश्विक प्रभाव और देश की सॉफ्ट पावर को दर्शाता है।
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