पीयू में "एक राष्ट्र के चुनाव पर - एक संवैधानिक परिप्रेक्ष्य" विषय पर विशेष व्याख्यान का आयोजन
चंडीगढ़ 14 अक्टूबर, 2024
लोक प्रशासन विभाग ने भारतीय लोक प्रशासन संस्थान (आईआईपीए), नई दिल्ली की पंजाब और चंडीगढ़ क्षेत्रीय शाखा के सहयोग से आज विभाग के सेमिनार कक्ष में "एक राष्ट्र एक चुनाव: एक संवैधानिक परिप्रेक्ष्य" विषय पर एक विशेष व्याख्यान का आयोजन किया। यह व्याख्यान इस विषय पर आईआईपीए सदस्यों के वार्षिक सम्मेलन की प्रस्तावना के रूप में आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में संकाय सदस्यों, छात्रों और लोक प्रशासन पेशेवरों ने भाग लिया।
कार्यक्रम की शुरुआत आईआईपीए की पंजाब और चंडीगढ़ क्षेत्रीय शाखा के मानद सचिव और लोक प्रशासन विभाग के प्रोफेसर प्रोफेसर रमनजीत के. जोहल के गर्मजोशी भरे स्वागत से हुई। अपने संबोधन में उन्होंने चुनाव सुधारों पर चर्चा के महत्व पर प्रकाश डाला, खासकर शासन और लोकतंत्र के संदर्भ में।
राजनीति विज्ञान विभाग के प्रोफेसर आशुतोष कुमार, जो चुनावी प्रणालियों के एक प्रतिष्ठित विशेषज्ञ हैं, ने एक राष्ट्र, एक चुनाव प्रस्ताव का विस्तृत विवरण दिया, जिसका उद्देश्य देश भर में लोकसभा और सभी राज्य विधानसभाओं के लिए चुनावों को एक साथ करना है। प्रो. कुमार ने 1967 तक भारत में एक साथ चुनावों के ऐतिहासिक संदर्भ, लागत में कमी, कुशल शासन और "स्थायी चुनाव मोड" के उन्मूलन जैसे संभावित लाभों और संवैधानिक संशोधनों, तार्किक विचारों और संघवाद पर प्रभाव जैसी संभावित चुनौतियों को कवर किया।
भारत जैसे विविधतापूर्ण देश में संघीय ढांचे के कारण एक चुनाव में स्थानीय मुद्दों का हाशिए पर जाना और राष्ट्रीय निर्वाचन क्षेत्र की परिघटना का हावी होना भी संभव है। इसके अलावा, राज्य विधानसभा और राष्ट्रीय संसदीय चुनाव एक साथ कराने के लिए ईवीएम, वीवीपैट, प्रशासनिक और सुरक्षा बलों जैसे बुनियादी ढांचे की भी जरूरत होगी।
प्रो. कुमार ने इस प्रक्रिया को शुरू करने के लिए विभिन्न मॉडलों का विश्लेषण किया। हालांकि, कानूनी और संवैधानिक संशोधनों से जुड़ी चुनौतियां बहुत हैं। उन्होंने भारत के चुनाव आयोग की भूमिका और इतने बड़े पैमाने पर सुधार को लागू करने के लिए आवश्यक कानूनी ढांचे पर भी चर्चा की।
इसके बाद हुए संवादात्मक सत्र में छात्रों और शिक्षकों ने एक जीवंत चर्चा में भाग लिया। व्यावहारिक कार्यान्वयन, क्षेत्रीय दलों पर प्रभाव और इस तरह के सुधारों से भारत के राजनीतिक परिदृश्य में क्या बदलाव आएगा, इस पर सवाल उठाए गए।
कार्यक्रम का समापन विभाग की अध्यक्ष डॉ. भारती गर्ग के धन्यवाद प्रस्ताव के साथ हुआ, जिन्होंने इस ज्ञानवर्धक सत्र के आयोजन के लिए विभाग और आईआईपीए पंजाब और चंडीगढ़ क्षेत्रीय शाखा के प्रयासों की सराहना की तथा कार्यक्रम को सफल बनाने में छात्रों और संकाय सदस्यों की भागीदारी की सराहना की।
Rg
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