रोज फेस्टिवल 2025: चंडीगढ़ नगर निगम ने 100% प्रायोजन के साथ 11.57 लाख रुपये की बचत की
रमेश गोयत
चंडीगढ़, 18 मार्च 2025 – चंडीगढ़ नगर निगम ने इस साल 53वें मेगा रोज फेस्टिवल का आयोजन बिल्कुल शून्य बजट में सफलतापूर्वक किया। न केवल पूरा खर्च 100% प्रायोजकों के सहयोग से जुटाया गया, बल्कि 11.57 लाख रुपये की बचत भी की गई। यह पहली बार है जब इस प्रतिष्ठित महोत्सव का कोई वित्तीय भार नगर निगम के खजाने पर नहीं पड़ा।
नगर निगम की अनूठी पहल
चंडीगढ़ नगर निगम के आयुक्त अमित कुमार, आईएएस ने बताया कि इस बार फेस्टिवल के आयोजन में विज्ञापन और जगह की नीलामी के जरिए पूरा खर्च उठाया गया।
21 से 23 फरवरी तक आयोजित इस फेस्टिवल का कुल व्यय 60.55 लाख रुपये था।
स्पॉन्सरशिप और नीलामी से 48.98 लाख रुपये जुटाए गए, जिससे 11.57 लाख रुपये की बचत हुई।
नगर निगम को इस आयोजन के लिए अपने बजट से एक भी रुपया खर्च नहीं करना पड़ा।
कैसे जुटाया गया फंड?
इस महोत्सव को 21 प्रायोजकों का समर्थन मिला, जिनमें स्थानीय व्यापार संघ, प्रमुख फर्में, सार्वजनिक उपक्रम और बैंक शामिल थे।
रोज गार्डन के अंदर विज्ञापन की जगह नीलाम की गई।
स्पॉन्सरशिप पैकेज 10,000 रुपये से लेकर 10 लाख रुपये तक के थे।
संस्कृति और कला का संगम
आयुक्त अमित कुमार ने बताया कि इस आयोजन को उत्तर क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र (NZCC) और चंडीगढ़ संगीत नाटक अकादमी (CSNA) के सहयोग से और भी भव्य बनाया गया।
हास्य कवि सम्मेलन का आयोजन चंडीगढ़ के प्रमुख साहित्यिक संगठन 'इबारत' द्वारा किया गया।
हर साल की तरह इस बार भी प्रतियोगिताओं, सुंदर फूलों की सजावट और बोनसाई प्रदर्शनी को लोगों ने खूब सराहा।
पहले भी किया गया था शून्य बजट आयोजन
यह पहली बार नहीं है जब चंडीगढ़ नगर निगम ने किसी बड़े आयोजन को बिना बजट के सफलता पूर्वक आयोजित किया हो।
दिसंबर 2024 में भी सेक्टर 33 के टेरेस्ड गार्डन में आयोजित गुलदाउदी शो के लिए फूड कोर्ट की जगह की नीलामी की गई थी।
इस पहल से चंडीगढ़ नगर निगम ने संस्कृति और वित्तीय प्रबंधन के बीच संतुलन बनाते हुए एक नई मिसाल पेश की।
शहरवासियों की सहभागिता और सराहना
शहरवासियों ने इस पहल की सराहना की और इसे एक आदर्श मॉडल बताया। यह कदम भविष्य में भी अन्य आयोजनों के लिए प्रेरणादायक साबित हो सकता है।
नगर निगम की यह पहल न केवल वित्तीय अनुशासन का एक बेहतरीन उदाहरण है, बल्कि यह दर्शाती है कि सार्वजनिक आयोजनों को बिना सरकारी बजट पर बोझ डाले भी भव्यता से आयोजित किया जा सकता है।
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